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26 ट्रैक रेलिंग ट्रेन खरीदने की प्रक्रिया शुरू: टीआरटी से तेज, सुरक्षित और टिकाऊ होंगे रेलवे ट्रैक

शनि पाथौली, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 30 Dec 2025 05:16 AM IST
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सार

रेलवे ने अपने विशाल रेल नेटवर्क की सुरक्षा और मजबूती के लिए 26 अत्याधुनिक ट्रैक रेलिंग ट्रेन मशीन (टीआरटी) की खरीद के लिए निविदा जारी की है। इनके जरिये रेलवे ट्रैक के रखरखाव कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा।

The process to purchase 26 track railing trains has begun The railway tracks will be faster safer and more du
(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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रेलवे ने अपने विशाल रेल नेटवर्क की सुरक्षा और मजबूती के लिए 26 अत्याधुनिक ट्रैक रेलिंग ट्रेन मशीन (टीआरटी) की खरीद के लिए निविदा जारी की है। इनके जरिये रेलवे ट्रैक के रखरखाव कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा। आधुनिक मशीनाें की मदद से रेल पटरियों को बदलने और रखरखाव का काम कुछ ही घंटों में सटीक तरीके से हो जाएगा और रेलवे ट्रैक सुरक्षित और टिकाऊ होंगे।

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टीआरटी मशीन मैकेनाइज्ड तरीके से पुरानी पटरियों और स्लीपरों को हटाकर नई पटरियां बिछाने का काम करती है। एक साथ कई काम करती है। इनमें पुरानी पटरी और स्लीपर उठाना, बैलेस्ट (पत्थर) को साफ करना या समतल करना, नई स्लीपर और रेल डालना और फिर ट्रैक को मजबूत बनाना। रेलवे के अनुसार इन 26 टीआरटी का उपयोग रेल पटरियों की सीधाई, मजबूती और समतलता बनाए रखने के लिए किया जाएगा। इससे ट्रेनों की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी और हादसों की आशंका भी काफी हद तक कम होती है।
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डिजाइन से लेकर कमीशनिंग तक कंपनी की जिम्मेदारी
निविदा के तहत चयनित कंपनी को मशीनों के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, परीक्षण और कमीशनिंग की पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी। कंपनी को भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को इन मशीनों के संचालन, रखरखाव का प्रशिक्षण भी देना होगा।

सात साल तक होगी रखरखाव की पूरी व्यवस्था
टीआरटी पर 24 महीने की वारंटी दी जाएगी। इस वारंटी अवधि के दौरान मशीनों का संचालन और रखरखाव भी संबंधित कंपनी ही करेगी। वारंटी अवधि समाप्त होने के बाद भी रेलवे ने अगले 60 महीनों यानी पांच वर्षों तक मशीनों के संचालन और मेंटेनेंस की व्यवस्था तय की है। इस तरह करीब सात साल तक मशीनों के बेहतर संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी अनुबंध के तहत सुनिश्चित की गई है।

रेलवे ट्रैक पर बढ़ते दबाव से आधुनिक तरीके से रखरखाव जरूरी
भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है और यह लगातार बढ़ रहा है। नए रेल मार्ग, ज्यादा ट्रेनें और भारी माल ढुलाई के कारण ट्रैक पर दबाव भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रैक रखरखाव के लिए आधुनिक मशीनों की जरूरत ज्यादा हो गई है। इसलिए नई टीआरटी को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

कम समय में ज्यादा काम
पहले ट्रैक बदलने में कई दिन या हफ्ते लगते थे। इसके चलते कई रूट पर रेल यातायात बंद कर दिया जाता था जिससे यात्रियों को दिक्कत होती थी और रेलवे को राजस्व का भी नुकसान होता था। टीआरटी से कुछ घंटों में सैकड़ों मीटर ट्रैक बदला जा सकता है। मैनुअल काम में लंबे ब्लॉक लगते थे। इस मशीन की मदद से कम समय का ट्रैफिक ब्लॉक लिया जाएगा। इस मशीन की मदद से तैयार ट्रैक की बार-बार मरम्मत की जरूरत नहीं होगी और रेलवे का खर्च बचेगा।

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