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किराया और चालानः ग्रामीण सेवा और परिवहन विभाग में ठनी

अरुण कुमार, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 03 Oct 2019 05:16 AM IST
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tussle between gramin seva and transport department of delhi
ग्रामीण सेवा - फोटो : अमर उजाला
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ग्रामीण सेवा के चालकों ने परिवहन विभाग पर गलत तरीके से अधिक किराया वसूली का चालान काटने का आरोप लगाया है। चालकों ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ हुई बैठक में उन्हें लिखित में बताया गया था कि ग्रामीण सेवा वाहन कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तहत आते हैं। 

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लिहाजा इनका किराया बढ़ाना परिवहन विभाग का कार्यक्षेत्र नहीं है। चालकों के मुताबिक, इसी बीच उन्हें स्वत: किराया बढ़ा लेने को कहा गया। इसके बाद कुछ मार्गों पर किराया बढ़ा दिया गया। इसके बाद परिवहन विभाग ने उनका ओवरचार्जिंग का चालान कर दिया।
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प्रतिबिंब ग्रामीण सेवा संगठन के उपाध्यक्ष चंदू चौरसिया ने कहा कि दिल्ली के 66 रूटों पर चल रही ग्रामीण सेवा का किराया कई साल से नहीं बढ़ाया गया है। ऑटो रिक्शा का किराया करीब 9 साल में तीन बार बढ़ चुका है। उनके साथ ग्रामीण सेवा चालकों के अन्य संगठनों ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से किराया बढ़ाने की मांग की, लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। 

2010 से ग्रामीण सेवा का किराया 5, 10 और 15 रुपये है। उनकी मांग इसे बढ़ाकर 10, 20 और 25 रुपये करने की है। इस प्रस्ताव पर परिवहन विभाग की ओर से दिए गए दस्तावेज में कहा गया कि ग्रामीण सेवा कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तहत आती है। परिवहन विभाग या सरकार ने कभी ग्रामीण सेवा का किराया फिक्स नहीं किया। इसी के आधार पर मंत्री और अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे इसका किराया स्वत: बढ़ा सकते हैं।

इसके बाद, ग्रामीण सेवा के संगठनों ने जीएस 98, 92, 66, 104, 93, 74 और 60 समेत कुछ अन्य रूटों पर किराया हाल ही में बढ़ाकर 10, 20 और 25 रुपये कर दिया। इसके बाद परिवहन विभाग ने रूट संख्या जीएस 92 पर चल रही ग्रामीण सेवा का ज्यादा वसूली का कोर्ट का चालान कर दिया। रूट संख्या 66 पर चल रहे ग्रामीण सेवा वाहनों का भी चालान काटा गया। 

ग्रामीण सेवा चालक अब परिवहन विभाग के रवैये से बेहद नाराज हैं। उन्होंने परिवहन विभाग में शिकायत भी की है। उनका कहना है कि अब परिवहन विभाग ने उनके वाहनों के चालान काटे तो वे परिवहन विभाग द्वारा दिए गए दस्तावेज के आधार पर उन अधिकारियों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कराएंगे। इस मामले में परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त केके दहिया से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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