CBSE: 10वीं में दो बोर्ड परीक्षाओं पर सीबीएसई अध्यक्ष ने दी काम की जानकारी, जानें किन्हें मिलेगा दूसरा मौका
CBSE Two Board Examination: सीबीएसई 2026 से कक्षा 10 के लिए साल में दो बोर्ड परीक्षा लेगा, पर दूसरी परीक्षा केवल उन्हीं विषयों में होगी जिनमें 50% से अधिक बाहरी मूल्यांकन होगा। पहली परीक्षा सभी के लिए अनिवार्य होगी। कंपार्टमेंट वाले छात्रों को दूसरा मौका नहीं मिलेगा।
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CBSE Board: सीबीएसई (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा को लेकर कई अहम बातें साफ की हैं, जिन्हें समझना हर छात्र, अभिभावक और शिक्षक के लिए जरूरी है। बोर्ड अध्यक्ष राहुल सिंह ने "दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली" पर आयोजित वेबिनार में कहा कि दूसरी बोर्ड परीक्षा केवल उन्हीं विषयों में होगी जिनमें बाहरी मूल्यांकन (external assessment) का भार 50% से अधिक है। यानी जिन विषयों में प्रैक्टिकल या बाहरी परीक्षण का भाग 50% से कम है, उनकी दूसरी परीक्षा नहीं करवाई जाएगी।
साथ ही उन्होंने बताया कि प्रैक्टिकल परीक्षा सिर्फ एक बार ही आयोजित की जाएगी। अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में 3 से 4 विषयों में उपस्थित नहीं होता है, तो उसे दूसरी बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राहुल सिंह ने अनुमान जताया कि दूसरी बोर्ड परीक्षा में मुख्य विषयों में अधिकतम 40% विद्यार्थी ही शामिल होंगे। इससे शिक्षकों पर कॉपी जांचने का बोझ काफी कम हो जाएगा।
पहली परीक्षा के बाद ही फॉर्म खुलेगा
सीबीएसई कक्षा 10 की पहली मुख्य परीक्षा के रिज़ल्ट जारी होने के तुरंत बाद दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया (List of Candidates - LoC) लगभग 10 से 15 दिनों के लिए खोली जाएगी। इस दौरान इच्छुक छात्र आवेदन कर सकेंगे।
पहले चरण की बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी से 10 मार्च 2026 के बीच आयोजित होंगी, जिसके लिए करीब 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएँ जांच के लिए आएंगी। जबकि दूसरी परीक्षा के लिए बोर्ड को 20 से 30 लाख कॉपियों से अधिक की उम्मीद नहीं है।
कौन दे सकता है दूसरी परीक्षा?
सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि:
- पहली बोर्ड परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी।
- किसी भी छात्र को ऐसा विकल्प नहीं दिया जाएगा कि वह केवल दूसरी परीक्षा दे।
- जो छात्र अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं, वे विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषा में से किसी भी तीन विषयों में दूसरी परीक्षा देने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- जिन छात्रों की "कंपार्टमेंट" (असफलता) होगी, उन्हें दूसरी परीक्षा का मौका नहीं दिया जाएगा।
- हाल ही में बोर्ड ने स्पष्ट किया कि खेल या ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों के लिए भी विशेष परीक्षा दूसरी परीक्षा के साथ ही आयोजित की जाएगी।
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का निर्णय
फरवरी 2025 में बोर्ड ने नीति का मसौदा जारी किया था कि 2025-26 सत्र से बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस फैसले पर छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ इसे "दोहरा मौका" मानते हैं तो कई इसे "दुगना बोझ" बता रहे हैं।
संसदीय समिति ने इस प्रणाली का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि इससे पेपर लीक और अनियमितताओं की संभावना बढ़ सकती है।