CISCE Derozio Awards 2025: चार शिक्षकों को मिलेगा डे रोजियो अवॉर्ड, स्कूल शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान का सम्मान
Derozio Awards 2025: सीआईएससीई ने स्कूल शिक्षा और मानव उत्थान में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2025 के डे रोज़ियो अवार्ड हेतु चार शिक्षकों का चयन किया है। पुरस्कार में गोल्ड मेडल, एक लाख रुपये और सम्मान पत्र शामिल हैं। समारोह चंडीगढ़ में आयोजित होगा।
विस्तार
CISCE Derozio Awards 2025: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (CISCE) ने गुरुवार को घोषणा की कि 2025 के प्रतिष्ठित डे रोजियो अवार्ड के लिए चार स्कूल शिक्षकों का चयन किया गया है। यह सम्मान स्कूल शिक्षा और मानव विकास (human enrichment) के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान और आदर्श सेवाओं के लिए दिया जाएगा।
यह अवार्ड शुक्रवार को Association of Schools for the Indian School Certificate द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित School Heads’ Meet में प्रदान किया जाएगा। इस समारोह में पुरस्कार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश विक्रमजीत सेन द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
पुरस्कार का उद्देश्य और महत्व
डे रोजियो अवार्ड CISCE द्वारा उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनके नेतृत्व और योगदान ने शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत किया है। यह सम्मान हर वर्ष प्राइमरी, मिडिल, सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी शिक्षा और शैक्षिक नेतृत्व (educational leadership) के क्षेत्र में असाधारण प्रभाव डालने वाले शिक्षकों को प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार में क्या शामिल है?
प्रत्येक पुरस्कार में शामिल होंगे:
- 24 ग्राम का गोल्ड मेडल
- सिल्वर प्लेट पर उकेरा गया सम्मान-पत्र (citation plaque)
- सम्मान स्क्रॉल
- 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि
सीआईएसई के मुख्य कार्यकारी और सचिव जोसेफ इमैनुअल ने कहा, "इस वर्ष के अवार्ड प्राप्तकर्ता असाधारण समर्पण, अभिनव सोच और मानवीय प्रभाव के प्रतीक हैं। हमारे चयन प्रक्रिया ने यह फिर साबित किया कि CISCE स्कूलों में शिक्षा का स्वरूप तेजी से सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ रहा है।"
शिक्षा में बदलाव पर दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस
चंडीगढ़ में गुरुवार से शुरू हुए दो दिवसीय School Heads’ Conference में सीआईएससीई से जुड़े देशभर के 2,000 से अधिक स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का विषय है:“Building stronger schools together” यानि, "मिलकर मजबूत स्कूलों की दिशा में अग्रसर होना"।
राज्य सभा सांसद अशोक कुमार मित्तल ने उद्घाटन भाषण में कहा, "मजबूत स्कूल तभी बनते हैं जब शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय और अन्य हितधारक एक साथ काम करें। हमें छात्रों को केवल सफेदपोश नौकरियों के लिए नहीं, बल्कि खेल, उद्यमिता (Entrepreneurship) और नवाचार (Innovation) के लिए भी तैयार करना होगा। स्कूल कल्पना की वह बीजभूमि हैं जिसे उच्च शिक्षा आगे विकसित करती है।"