AL-Falah University: इंजीनियरिंग से लेकर MBBS तक...; अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाते हैं ये कोर्स
AL-Falah University: अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित "हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम" के तहत की गई थी। वर्ष 2015 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त हुई।
विस्तार
AL-Falah University: दिल्ली स्थित लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके के बाद से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में बनी हुई है। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट के संदिग्ध इस यूनिवर्सिटी से संबंधित हैं। हालांकि, ताजा जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है।
ऐसे में आइये जानते है कि इस विश्वविद्यालय में किन-किन विषयों की पढ़ाई कराई जाती है...
स्थापना और मान्यता
विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित "हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम" के तहत की गई थी। वर्ष 2015 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त हुई।
परिसर और संस्थान
फरीदाबाद स्थित इस विश्वविद्यालय परिसर में तीन प्रमुख संस्थान शामिल हैं –
- अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
- ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
- अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
इसके अलावा, परिसर में 650 बेड का अस्पताल भी संचालित है, जहां डॉक्टर मरीजों का मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर उपचार करते हैं और जांच की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
कौन से कोर्स करवाए जाते हैं
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा कोर्स सहित ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट कोर्स करवाए जाते हैं। डिप्लोमा कोर्स तीन वर्ष की अवधि के लिए संचालित किए जाते हैं, जिसमें डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर, डीएमएलटी, डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग और डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स है।
इसके अलावा, ग्रेजुएट कोर्स की अवधि चार वर्ष है, जिसमें पैरामेडिकल, बीटेक, बीएड, बीएससी, बीकॉम और बीसीए जैसे कोर्स है। पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स दो वर्ष की अवधि के लिए संचालित किए जाते हैं, जिसमें एमटेक और एमएड जैसे प्रमुख कोर्स है। साथ ही डॉक्टरेट कोर्स ढाई वर्ष की अवधि के लिए आयोजित कराए जाते है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में करीब 40 प्रतिशत शिक्षक कश्मीर से बताए जाते हैं। हाल की छापेमारी के बाद पुलिस इस विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों की भूमिका की जांच में जुटी है।