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DUSU Polls: नॉर्थ कैंपस बना जश्न का मैदान, जमकर बरसाए गए कूपन और नकली नोट; जानें कैसा रहा डूसू चुनाव का नजारा

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: आकाश कुमार Updated Thu, 18 Sep 2025 07:20 PM IST
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सार

DU DUSU Polls 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में DUSU चुनाव मतदान का माहौल त्योहार जैसा रहा। छात्रों ने वोट डाले, समर्थकों ने कूपन और नकली नोट बांटे। ढोल-नगाडों और प्रचार गाडियों से पूरा इलाका गूंजा। इस चुनाव में करीब 2.8 लाख छात्र वोटर हैं। चुनाव के नतीजे 19 सितंबर को आएंगे।
 

DU DUSU Elections 2025: Festive mood at North Campus with coupons, drums and campaigning convoys
दिल्ली विश्वविद्यालय, (DU) - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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DU DUSU Elections 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉर्थ कैंपस में गुरुवार को छात्र संघ चुनाव (DUSU Elections) मतदान से ज्यादा किसी त्योहार जैसा नजारा देखने को मिला। बडी संख्या में छात्र वोट डालने पहुंचे, वहीं प्रचार गाडियां मतदाता केंद्रों के बाहर कतार में खडी रहीं और ढोल की आवाज वोटरों की चहल-पहल से टकराती रही।

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कॉलेजों के बाहर समर्थक वडा पाव कूपन और डिस्काउंट स्लिप्स बांटते नजर आए। कई छात्रों के लिए ये छोटे-छोटे तोहफे वोट डालने जितने ही खास बन गए। किरोरीमल कॉलेज के छात्र करण ने कहा, "मुझे कूपन मिला, यादगार के तौर पर रख लिया। सब कूपन पाने के लिए दौड रहे थे।"
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सुबह 8:30 से दोपहर 1 बजे तक दिन की शिफ्ट और शाम 3 बजे से रात 7:30 बजे तक इवनिंग क्लासेस के छात्रों ने वोटिंग की। सडकों पर स्कॉर्पियो, थार और बाइक के काफिले चलते रहे। युवा प्रचारक खिडकियों से झुककर पर्चे फेंकते नजर आए। कोर्ट के आदेश के बाद पोस्टरबाजी सिर्फ 'वॉल्स ऑफ डेमोक्रेसी' तक सीमित थी, लेकिन चुनाव के दिन तक वे दीवारें भी खाली हो चुकी थीं।

500 के नकली नोटों की बरसात की गई

सबसे बडा तमाशा तब हुआ जब भीड पर 'चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया' के नकली 500 रुपये के नोट बरसाए गए। दौलतराम कॉलेज की छात्रा सन्या बोलीं, "पहले लगा अमीर हो गए, लेकिन हर नोट पर एक ही सीरियल नंबर देख हंसी आ गई।"

कॉलिज गेट्स के बाहर ढोल वाले भी माहौल में जान डालते रहे। हिन्दू कॉलेज के बाहर ढोल बजा रहे राकेश ने कहा, "हर साल यहां बजाते हैं। हमें अक्सर पता भी नहीं होता किसके लिए बजा रहे हैं। दिनभर में 1,000 से 2,000 रुपये तक मिल जाते हैं, ऊपर से टिप भी।"

फेंके गए पर्चों और पर्चियों ने रिक्शा चालकों और कबाडीवालों के लिए भी कमाई का मौका बनाया। किरोरीमल कॉलेज के पास काम करने वाले श्याम ने बताया, "पिछले साल 2,000 रुपये कमाए थे, इस बार कागज कम हैं तो शायद 800 ही मिलें।" बच्चे भी नकली नोट बटोरते रहे। छोटे राहुल सिंह ने कहा, "पहले लगा असली हैं, पर नहीं थे। फिर भी बैग में रख लूंगा।"

पूरे दिन सुरक्षाकर्मी बूथों के बाहर तैनात रहे। एक अधिकारी ने कहा, "हम सतर्क हैं ताकि कोई दिक्कत न हो और प्रक्रिया सुचारू चले।"

कक्षाएं स्थगित होने के कारण छात्र समूहों में पहुंचे। कुछ दोस्तों के साथ आए, तो कुछ माता-पिता के साथ। वे वोट डालने के बाद भी बूथों के आसपास रुके रहे, कूपन बांटे और इस ‘मेला-सा’ माहौल का हिस्सा बने। तीसरे वर्ष की छात्रा ऋतिका बोलीं, "कौन जीते, इसकी परवाह न भी हो तो भी यहां का मजा मिस नहीं करना चाहिए।"

शाम तक नॉर्थ कैंपस की सडकें पर्चों, कूपनों और नकली नोटों से पटी पडी थीं। लगभग 2.8 लाख छात्र इस चुनाव में वोट डालने के योग्य हैं। नतीजे 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे।

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