UGC: स्नातक के लिए गणित ड्राफ्ट पाठ्यक्रम में कमियां, इसे वापस लें; 900 से अधिक गणितज्ञों ने की यूजीसी से अपील
UGC: 900 से अधिक गणितज्ञों व शोधकर्ताओं ने यूजीसी से स्नातक गणित का ड्राफ्ट पाठ्यक्रम वापस लेने को कहा है। याचिका में बीजगणित, रियल एनालिसिस व अनुप्रयुक्त गणित की कमी और प्रायोगिक प्रशिक्षण के अभाव पर चिंता जताई गयी है। इस ड्राफ्ट की वापसी व संशोधन की मांग की जा रही है।

विस्तार
UGC Draft Mathematic Curriculum: पिछले महीने यूजीसी ने गणित सहित कुल नौ विषयों के लिए स्नातक पाठ्यक्रम का ड्राफ्ट जारी किया था और इस पर सुझाव मांगे थे। 900 से ज्यादा शोधकर्ताओं और गणितज्ञों ने स्नातक स्तर के गणित के ड्राफ्ट पाठ्यक्रम को वापस लेने की अपील की है। उनका कहना है कि यह पाठ्यक्रम "गंभीर खामियों से भरा" है और अगर इसे लागू किया गया तो आने वाली पीढ़ियों के छात्रों के भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा।

बीजगणित को नहीं दी गई पर्याप्त जगह
यूजीसी अध्यक्ष को भेजी गई याचिका में कहा गया है कि बीजगणित, रियल एनालिसिस और अनुप्रयुक्त गणित जैसे विषयों को पर्याप्त जगह नहीं दी गई है।
याचिका में लिखा गया है, "बीजगणित की अनदेखी की गई है... स्नातक पाठ्यक्रम में कम से कम तीन कोर्स बीजगणित पर होने चाहिए। गणित का भविष्य और वास्तव में देश का पूरा वैज्ञानिक प्रयास दांव पर है।"
अनुप्रयुक्त गणित की अनदेखी
हस्ताक्षरकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अनुप्रयुक्त गणित से जुड़े अहम विषय जैसे प्रोग्रामिंग, न्यूमेरिकल मैथड्स और सांख्यिकी या तो मुख्य पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं या फिर बहुत सतही तरीके से बिना प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के रखे गए हैं।
याचिका में कहा गया है, "अनुप्रयुक्त गणित की अनदेखी की गई है; प्रोग्रामिंग और न्यूमेरिकल मैथड्स कोर से बाहर हैं। सांख्यिकी को एक ही कोर्स में ठूंस दिया गया है। सांख्यिकी, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों में व्यावहारिक और अनुप्रयोग आधारित हिस्से का होना स्वाभाविक है, लेकिन इस मौके को गंवा दिया गया है।"
पंचांग देखना और मुहूर्त की जानकारी भी शामिल
यूजीसी ने प्रस्तावित पाठ्यक्रम में कला गणपना (पारंपरिक भारतीय समय मापन), भारतीय बीजगणित, पुराणों का महत्व, नारद पुराण में पाई जाने वाली अंकगणित और ज्यामिति से जुड़ी विधाओं को शामिल किया है।
ड्राफ्ट पाठ्यक्रम, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत लर्निंग आउटकम बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क (LOCF) से जुड़ा है, उसमें यूजीसी ने भारतीय बीजगणित के इतिहास और विकास, परावर्त्य योजयेत सूत्र (एक वैदिक गणित तकनीक जिसके अंतर्गत 'स्थानांतरित करो और लागू करो' पद्धति आती है) के जरिए बहुपदों के विभाजन की शिक्षा देने की सिफारिश की है।
पाठ्यक्रम में पंचांग (भारतीय कैलेंडर) और उससे निकलने वाले मुहूर्त (विवाह, पूजा और त्योहारों में उपयोग होने वाला शुभ समय) की जानकारी भी शामिल की गई है।
भारत की समय-गणना परंपरा भी शामिल
प्रस्तावित कोर्स में खगोलशास्त्र, पौराणिक कथाओं और संस्कृति का मिश्रण है। इसमें भारत की समय-गणना परंपरा को विस्तार से पढ़ाया जाएगा। पाठ्यक्रम में प्राचीन वेधशालाएं, उज्जैन का प्राइम मेरिडियन और भारतीय वैदिक समय इकाइयों (घटी और विघटी) की तुलना आधुनिक प्रणालियों जैसे ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) और भारतीय मानक समय (IST) से कराई जाएगी।