DU: डीयू सेमेस्टर परीक्षा तिथियों पर शिक्षकों का विरोध, जनवरी में कक्षाओं से टकराव होने पर नाराजगी
DU: दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी सेमेस्टर परीक्षा की अस्थायी तिथि को लेकर शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। 10 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 30 जनवरी 2026 तक चलने वाली परीक्षाओं के बीच 2 जनवरी से नई कक्षाएं शुरू होने से शिक्षकों ने इसे अव्यवहारिक और खराब योजना बताया है।

विस्तार
DU: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) द्वारा जारी सेमेस्टर परीक्षा की अस्थायी तिथि को लेकर शिक्षकों में असंतोष बढ़ गया है। शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा और कक्षा के बीच भारी ओवरलैप से शिक्षण व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। विश्वविद्यालय के आधिकारिक परीक्षा पोर्टल पर जारी तिथि के अनुसार, स्नातक पाठ्यक्रमों की सेमेस्टर परीक्षाएं 10 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक आयोजित की जाएंगी। वहीं, नए (ईवन) सेमेस्टर की कक्षाएं 2 जनवरी 2026 से शुरू होंगी। इस प्रकार, पूरे जनवरी महीने में परीक्षाओं और कक्षाओं का टकराव रहेगा।

शिक्षकों ने बताया गंभीर समस्या
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स फ्रंट (DTF) और एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने कहा है कि यह स्थिति शिक्षण और परीक्षा, दोनों को एक साथ संचालित करना असंभव बना देगी। मिथुराज धूसिया, डीयू एकेडमिक काउंसिल के सदस्य ने कहा, "यह बेहद चिंता का विषय है। जनवरी 2026 में एक महीने तक कक्षाएं और परीक्षाएं एक साथ चलेंगी। जब कोई 'स्टैगर्ड अकैडमिक कैलेंडर' नहीं है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि छात्र परीक्षा दें और कक्षा भी अटेंड करें?"
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब कक्षाएं ऑफलाइन आयोजित की जा रही हैं, तो कॉलेजों में परीक्षा और पढ़ाई दोनों के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर है या नहीं। डीयू की आधिकारिक नीति ऑफलाइन क्लास की है, लेकिन ऐसे समय में कॉलेजों को अप्रत्यक्ष रूप से ऑनलाइन क्लास की अनुमति दे दी जाती है।
"खराब योजना और अकादमिक मूल्यों की अनदेखी"
मिरांडा हाउस की एसोसिएट प्रोफेसर और DTF सचिव, अभा देव हबीब, ने कहा कि यह कैलेंडर बेहद खराब योजना और अकादमिक अखंडता की अनदेखी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, "लाखों छात्र एक साथ परीक्षा देंगे और नई कक्षाओं में शामिल होंगे। शिक्षकों को पढ़ाना, परीक्षा लेना और मूल्यांकन करना - सब एक साथ करना होगा। SOL और NCWEB की परीक्षाओं के कारण जगह की भी भारी कमी होगी, जिससे कई कॉलेजों को ऑनलाइन क्लास का सहारा लेना पड़ेगा।"
उन्होंने विश्वविद्यालय से शीतकालीन अवकाश बढ़ाने और परीक्षाओं के पूरा होने के बाद ही नई कक्षाएं शुरू करने की मांग की।
“यह विश्वविद्यालय नहीं, एक सर्कस जैसा माहौल”
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) के कार्यकारिणी सदस्य रुद्राशीष चक्रवर्ती ने कहा, "यह एक अब्सर्ड स्थिति है। जनवरी का पूरा महीना ओड सेमेस्टर की परीक्षाओं में जाएगा। चाहे कॉलेज ऑनलाइन क्लास ले भी लें, छात्र परीक्षा में व्यस्त रहेंगे, जिससे एक महीना बिना पढ़ाई के निकल जाएगा।"
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, "शिक्षकों को खुद को चार हिस्सों में बांटना होगा- पढ़ाने, परीक्षा लेने, मूल्यांकन करने और प्रैक्टिकल कराने के लिए।"
कैलेंडर की पुनः समीक्षा हो: शिक्षकों की मांग
शिक्षकों ने विश्वविद्यालय से कैलेंडर की पुनर्समीक्षा करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह ओवरलैप जारी रहा तो इससे शिक्षण की गुणवत्ता, छात्रों की सीखने की प्रक्रिया और परीक्षा परिणामों में देरी, तीनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।