स्कूलों को इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और नवाचार से लैस करने वाली कंपनियां होंगी सम्मानित, लेकिन पहले करना होगा आवेदन
शिक्षा का भविष्य अब केवल किताबों तक सीमित नहीं रहा ये प्रैक्टिकल लर्निंग, स्किल ओरिएंटेड, टेक्नोलॉजी ड्रिवेन और डेटा आधारित होता जा रहा है। इस दिशा में असाधारण योगदान देने वाले संस्थानों को 6 दिसम्बर 2025 को इंडिया हैबिटेट सेंटर में सम्मानित किया जाएगा।
विस्तार
यही कारण है कि इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और नवाचार भारत की शिक्षा व्यवस्था में नई क्रांति लेकर आए हैं। इसके अंतर्गत आने वाली विभिन्न तकनीक की कैटेगरी में अमर उजाला ने आवेदन मांगे हैं। चुने गए संस्थानों को 6 दिसम्बर 2025 को इंडिया हैबिटेट सेंटर में सम्मानित किया जाएगा।
इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और नवाचार में ये कैटेगरी हैं जिनपर जिनके लिए आप आवेदन कर सकते हैं।
1. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI): AI शिक्षा जगत में सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली तकनीक है। छात्र को उसकी क्षमता, गति और सीखने की शैली के अनुसार शिक्षा देना AI का कोर उद्देश्य है। शिक्षकों को डेटा-आधारित इनसाइट प्रदान करना प्रशासनिक कार्यों को ऑटोमेट करना।
AI कैसे शिक्षा बदल रहा है?
- पर्सनलाइज्ड लर्निंग पाथ - AI हर छात्र के प्रदर्शन, रुचि और सीखने की क्षमता का विश्लेषण करके व्यक्तिगत लर्निंग जर्नीज तैयार करता है।
- एआई-ट्यूटर - चैटबोट्स- 24×7 डाउट सॉल्विंग सिस्टम्स छात्रों को तुरंत उत्तर और समझ प्रदान करते हैं। एडटेक प्लेटफॉर्म इन सुविधाओं को तेजी से अपना रहे हैं।
- आटोमेटिक असेसमेंट्स- AI-आधारित टेस्ट, डिस्क्रप्टिव उत्तर का मूल्यांकन और लर्निंग प्रोग्रेस रिपोर्ट्स अब आम होते जा रहे हैं।
- एडॉप्टिव कंटेंट क्रिएशन-AI टूल्स विभिन्न स्तर के छात्रों के लिए अलग-अलग कठिनाई स्तर वाले कंटेंट, क्विज और असाइनमेंट तैयार कर सकते हैं।
भारत जैसे विशाल देश के लिए AI शिक्षा में बराबरी और गुणवत्ता लाने का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। अगर आप भी इसके जरिये शिक्षा जगत में एक नया बदलाव लेकर आये हैं तो ये कैटेगरी आपके लिए है। अभी आवेदन करें।
2. AR/VR/MR: इमर्सिव लर्निंग का नया युग
पारंपरिक शिक्षण में जहां दृश्य कम होते थे, वहीं AR/VR/MR ने सीखने को हाथों-हाथ अनुभव करने जैसा बना दिया है।
AR (ऑग्मेटेड रियलिटी)
- डिजिटल जानकारी को वास्तविक दुनिया पर ओवरले करता है। उदाहरण:
- किताब में दिल का चित्र देखकर उसकी 3D बीटिंग एनिमेशन खुल जाना।
- भूगोल की किताब में मानचित्र को 3D में देख पाना।
VR (वर्चुअल टेक्नोलॉजी)
- पूरी तरह नया वर्चुअल वातावरण तैयार करता है। उदाहरण:
- वर्चुअल लैब में केमिकल प्रयोग करना
- ऐतिहासिक जगहों की वर्चुअल यात्रा
- मेडिकल स्टूडेंट का वर्चुअल सर्जरी अभ्यास
MR (मिक्स्ड रियलिटी)
AR और VR का मिश्रण—जहां वास्तविक और डिजिटल वस्तुएं एक-दूसरे से इंटरेक्ट करती हैं।
AR/VR/MR का प्रभाव
- इससे लर्निंग आउटकम कई गुना बेहतर हो जाते हैं।
- कॉम्प्लेक्स कॉसेप्ट तुरंत समझ में आते हैं
- प्रैक्टिकल एक्सपोजर बिना खर्च और जोखिम के रिमोट लर्नर्स को विश्व की श्रेष्ठ प्रयोगशाला उपलब्ध कराना
भारत में इन तकनीकों का खासकर K–12 शिक्षा, मेडिकल ट्रेनिंग, सैन्य प्रशिक्षण और तकनीकी पाठ्यक्रमों में तेजी से विस्तार हो रहा है।
3. डेटा एनालिटिक्स : स्मार्ट इनसाइट्स, स्मार्ट डिसीजन
आज के समय में डेटा एक नया फ्यूल है। शिक्षा क्षेत्र में ये पूरी तरह सच साबित हो रहा है। हर स्कूल, कॉलेज और एडटेक प्लेटफॉर्म के पास छात्रों का प्रदर्शन, उपस्थिति, सीखने के पैटर्न, मूल्यांकन और व्यावहारिक इंडिकेटर्स आदि के रूप में विशाल मात्रा में डेटा है।
लर्निंग एक्टिविटी के लाभ
- कमजोर छात्रों की पहचान : इससे उन छात्रों की पहचान हो जाती है जिन्हें अतिरिक्त सहायता की जरूरत है।
- शिक्षक प्रभाव गणना : इस डेटा से पता चलता है कि शिक्षण कौन-सा तरीका सबसे ज्यादा प्रभावी है।
- रियलटाइम परफॉर्मेंस ट्रैकिंग : छात्र और अभिभावक दोनों अपडेट पाते रहते हैं।
- करिकुलम प्लानर : कौनसा चैप्टर कठिन है, कहां छात्र अधिक समय ले रहे हैं। इसका समाधान देता है।
- एनालिटिकल ड्रिवेन शिक्षा उद्देश्य क्षमता, शुद्धता और जबावदेही को बढ़ाता है।
4. एडटेक इनोवेशन्स
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा EdTech बाजार बन चुका है।
EdTech में उभरते नवाचार:
हाइब्रिड लर्निंग मॉडल्स
- ऑनलाइन + ऑफलाइन का मिश्रण शिक्षा को अधिक असेस्सिबल और फ्लेक्सिबल बना रहा है।
गेमिफाइड लर्निंग
- पॉइंट्स, रिवार्ड्स, बैजेज और मिशन्स के जरिये सीखना खेल जैसा बन गया है।
- परिणाम: उच्च प्रतिभागिता और हाई रिटेंशन
स्किल बेस्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म
- डिजिटल मार्केटिंग, कोडिंग, डेटा साइंस, एथिकल हैकिंग जैसे स्किल-कोर्स युवाओं को रोजगारपरक बना रहे हैं।
एआई पॉवर्ड असेसमेंट टूल्स
- ऑटोमेटेड चेकिंग, व्यवहार ट्रैक करना, स्पीच एनालाइसेस, कोडिंग एवैल्युएशन इत्यादि।
मल्टीलिंगुअल लर्निंग प्लेटफॉर्म
- भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है। एडटेक स्टार्टअप इसे प्राथमिकता दे रहे हैं।
क्यों आवश्यक है इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की ये 4 श्रेणियां?
भारत 2030 तक दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र होगा। तकनीक-आधारित शिक्षा ही युवाओं को ग्लोबल इकोनॉमी के लिए तैयार कर सकती है। इसमें शामिल चार मुख्य पिलर्स में नवाचार, एआर, वीआर, एमआर -इमर्सिव लर्निंग, एनालिटिक्स इनेबल्ड स्मार्ट एजुकेशन, नेक्स्ट जनरेशन एडटेक ट्रांसफॉर्मेशन शामिल हैं। जो शिक्षा को अधिक गुणवत्ता युक्त, अधिक सुलभ, अधिक व्यक्तिगत और अधिक एम्प्लॉयबिलिटी ओरिएंटेड बना रही हैं।
कैसे करें आवेदन?
यदि आप Study Abroad या Test Prep सेक्टर में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, तो अभी अपना नामांकन दर्ज करें...
- अंतिम तिथि: 2 दिसंबर 2025
- स्थल: इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली
- पुरस्कार समारोह आयोजित होने की तिथि : 6 दिसम्बर 2025
अधिक जानकारी के लिए आप इस नंबर 8734879402 पर कॉल कर सकते हैं।
जूरी सभी नामांकनों की गहन समीक्षा करके सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों का चयन करेगी, जिन्हें दिया जाएगा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान।