VBB 2026: छात्रों में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा, शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया विकसित भारत बिल्डथॉन
Viksit Bharat Buildathon: शिक्षा मंत्रालय ने नीति आयोग और अटल नवाचार मिशन के साथ मिलकर विकसित भारत बिल्डथॉन 2025 की शुरुआत की है। यह राष्ट्रव्यापी पहल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिसमें 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार है।

विस्तार
Viksit Bharat Buildathon 2025: शिक्षा मंत्रालय ने अटल नवाचार मिशन (AIM) और नीति आयोग के सहयोग से स्कूली छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पहल, विकसित भारत बिल्डथॉन 2025 का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 13 अक्तूबर को सुबह 10 बजे से आधिकारिक पोर्टल vbb.mic.gov.in और schoolinnovationmarathon.org पर देशभर के स्कूलों में किया गया।

नवाचार को प्रोत्साहन देने वाली पहल
यह पहल कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों के लिए है। इसका उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है कि वे वास्तविक जीवन की समस्याओं की पहचान करें और चार प्रमुख विषयों पर रचनात्मक समाधान विकसित करें:
- आत्मनिर्भर भारत
- स्वदेशी
- वोकल फॉर लोकल
- समृद्ध भारत
प्रविष्टि प्रक्रिया और वीडियो सबमिशन
प्रत्येक भाग लेने वाली टीम को एक विषय चुनना होगा और उससे जुड़ी किसी समस्या की पहचान करनी होगी। इसके बाद टीम को 2 से 5 मिनट का एक वीडियो तैयार करना होगा, जिसमें समस्या, प्रस्तावित समाधान या प्रोटोटाइप, उसकी कार्यप्रणाली और संभावित प्रभाव को दर्शाया जाएगा।
गतिविधि | तिथि |
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प्रोजेक्ट और वीडियो सबमिशन | 13 अक्तूबर – 31 अक्तूबर 2025 |
प्रविष्टियों का मूल्यांकन | 1 नवंबर – 31 दिसंबर 2025 |
परिणाम घोषणा | जनवरी 2026 |
विजेताओं के लिए सम्मान समारोह | जनवरी 2026 |
पुरस्कार और मान्यता
विकसित भारत बिल्डथॉन 2025 के तहत 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार पूल रखा गया है, जो निम्नलिखित श्रेणियों में वितरित किया जाएगा:
- 10 राष्ट्रीय स्तर के विजेता
- 100 राज्य स्तर के विजेता
- 1,000 जिला स्तर के विजेता
एनईपी 2020 के अनुरूप पहल
यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो छात्रों को अनुभवात्मक शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और नवाचार कौशल विकसित करने का अवसर देती है। विशेष रूप से आकांक्षी जिलों, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को इसमें शामिल करने पर जोर दिया गया है, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।