Gujarat: गुजरात में 40 लाख से ज्यादा छात्रों को मिल रहा पौष्टिक नाश्ता, पढ़ाई के साथ पोषण पर जोर
Gujarat: गुजरात सरकार की मुख्यमंत्री पौष्टिक अल्पाहार योजना के तहत 32 हजार से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों के 40 लाख से अधिक छात्रों को पौष्टिक नाश्ता दिया जा रहा है। योजना से बच्चों की सेहत और स्कूल उपस्थिति में सुधार हुआ है। 2025-26 के लिए 617.67 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
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Gujarat: गुजरात सरकार की एक महत्वाकांक्षी पोषण योजना के तहत राज्य के 32 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले 40 लाख से ज्यादा छात्रों को कैलोरी और प्रोटीन से भरपूर आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य बच्चों की सेहत के साथ-साथ उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ाना है।
2024 में शुरू हुई थी योजना
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वर्ष 2024 में मुख्यमंत्री पौष्टिक अल्पाहार योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकारी और अनुदानित प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को पीएम पोषण योजना के अंतर्गत मिलने वाले मिड-डे मील के अलावा रोजाना पौष्टिक नाश्ता भी दिया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत बच्चों को ऐसा पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, जिसमें औसतन 200 किलो कैलोरी ऊर्जा और 6 ग्राम प्रोटीन शामिल होता है। फिलहाल पूरे गुजरात में 32,265 प्राथमिक स्कूलों के छात्र इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
शिक्षा के साथ पोषण भी जरूरी: सीएम भूपेंद्र
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि बच्चों की शिक्षा के साथ पोषण भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के साथ पौष्टिक नाश्ता मिलने से न केवल छात्रों की सेहत में सुधार हुआ है, बल्कि सरकारी स्कूलों में नामांकन और बच्चों की रुचि भी बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सरकारी स्कूलों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। इनमें आधुनिक कक्षाएं, पीने का पानी, बिजली, शौचालय, स्वच्छता और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।
इस योजना का लाभ गांधीनगर जिले के देहगाम तालुका स्थित अहमदपुर प्राथमिक विद्यालय के छात्र भी उठा रहे हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य हसमुख पटेल ने बताया कि योजना लागू होने के बाद छात्रों की उपस्थिति में स्पष्ट बढ़ोतरी देखने को मिली है और उनके पोषण स्तर में भी सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कई बार माता-पिता रोजी-रोटी के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाते हैं, जिसके कारण बच्चे बिना नाश्ता किए स्कूल पहुंच जाते थे। योजना शुरू होने से पहले कई छात्र अनियमित रूप से स्कूल आते थे और पढ़ाई में उनकी रुचि भी कम थी।
योजना लागू होने के बाद छात्रों की नियमित उपस्थिति बढ़ी: सीएम
मुख्यमंत्री पौष्टिक अल्पाहार योजना लागू होने के बाद न सिर्फ छात्रों की नियमित उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि कुपोषित बच्चों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। पूरक आहार में दालों को शामिल किए जाने से बच्चों के शारीरिक विकास को भी मजबूती मिली है।
योजना के तहत बच्चों को सुखड़ी, चना चाट, मिश्रित दालें और मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ जैसे पौष्टिक स्नैक्स दिए जा रहे हैं। ये सभी खाद्य सामग्री बच्चों की ऊर्जा और पोषण जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं।
617.67 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए 617.67 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। गुजरात ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने बालवाटिका से लेकर कक्षा 8 तक के सभी छात्रों को पीएम पोषण योजना के भोजन के साथ अतिरिक्त पौष्टिक नाश्ता देने का फैसला किया है।
यह पोषण आधारित पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “पढ़ाई भी, पोषण भी” के विजन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।