JMI: जामिया विवादित प्रश्न पर एबीवीपी की कड़ी निंदा, भारतीय एकता को खतरा और वैचारिक ध्रुवीकरण का आरोप
ABVP: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विवादित प्रश्न पत्र को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निंदा की है और इसे भारतीय एकता को तोड़ने का प्रयास बताया है।
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JMI: जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रश्न पत्र विवाद मामले को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भारतीय एकता को खंडित करने का कुप्रयास बताया है। साथ ही निंदा करते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की है। एबीवीपी के अनुसार विवादित प्रश्न न केवल समाज को एकपक्षीय दृष्टि से प्रस्तुत करता है बल्कि छात्रों के मन में पूर्वग्रह, अविश्वास और वैचारिक ध्रुवीकरण उत्पन्न करने की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा देता है।
जामिया के सामाजिक कार्य विभाग का उद्देश्य समाज को विभाजित करना नहीं बल्कि उसकी जटिलताओं को समझते हुए सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण की दिशा में चिंतन विकसित करना होता है। यह शैक्षणिक स्वतंत्रता नहीं बल्कि वैचारिक दिशा-निर्देशन का प्रयास प्रतीत होता है।
एबीवीपी दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि जामिया प्रशासन से यह अपेक्षा करता है कि इस पूरे प्रकरण की गंभीर, निष्पक्ष और शैक्षणिक समीक्षा तत्काल हो। साथ ही परीक्षा प्रश्न पत्रों के निर्माण और मंजूरी की प्रक्रिया में स्पष्ट दिशा-निर्देश और उत्तरदायित्व तय किए जाएं।
जामिया प्रश्न पत्र विवाद मामले में जांच शुरू
नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रश्न पत्र विवाद मामले में गठित समिति ने जांच शुरू की है। दरअसल, जामिया के सोशल प्रॉब्लम इन इंडिया विषय के बीए ऑनर्स सोशल वर्क सेमेस्टर-1 परीक्षा 2025 के प्रश्न पत्र में एक विवादित प्रश्न पूछा गया था। हालांकि इस मामले में प्रश्न पत्र तैयार करने वाले प्रोफेसर को पहले ही निलंबित कर दिया गया है। जामिया के एक अधिकारी ने बताया कि प्रश्न पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है।