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Kerala: लिटिल काइट्स कैंप में 14800 से ज्यादा छात्रों ने बनाए मौसम मॉडल, 225 केंद्रों पर हो रहा आयोजन

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: आकाश कुमार Updated Sat, 27 Dec 2025 06:55 PM IST
सार

Kerala: केरल में लिटिल काइट्स कैंप के तहत 14,804 छात्र काम करने वाले मौसम मॉडल बना रहे हैं। केआईटीई द्वारा आयोजित इन कैंपों में प्रोग्रामिंग, रोबोटिक्स आदि सिखाया जा रहा है। जनवरी 2026 से उन्नत रोबोटिक किट्स उपलब्ध होंगी।
 

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Over 14,800 Kerala Students Build Working Weather Models at Little KITEs Technology Camps
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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Kerala: केरल में चल रहे लिटिल काइट्स (Little KITEs) कैंप के तहत राज्य के 14,804 स्कूली छात्र अपने खुद के काम करने वाले मौसम मॉडल तैयार कर रहे हैं। ये कैंप केरल सरकार के सामान्य शिक्षा विभाग की तकनीकी इकाई केआईटीई (Kerala Infrastructure and Technology for Education) द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं।

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लिटिल काइट्स को भारत का सबसे बड़ा छात्र सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) नेटवर्क माना जाता है, जिसके राज्यभर में 2 लाख से अधिक सदस्य हैं। मौजूदा उप-जिला स्तर के कैंपों में भाग लेने वाले छात्रों का चयन स्कूल स्तर पर आयोजित प्रारंभिक कैंपों के बाद किया गया है।

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225 केंद्रों पर हो रहा कैंपों का आयोजन

आधिकारिक बयान के अनुसार, चुने गए छात्र 225 केंद्रों पर आयोजित दो दिवसीय उप-जिला कैंपों में हिस्सा ले रहे हैं। इन कैंपों में छात्रों को आधुनिक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली के पीछे काम करने वाले वैज्ञानिक सिद्धांतों की जानकारी दी जा रही है।

कैंप के दौरान छात्र प्रोग्रामिंग की मदद से मौसम निगरानी उपकरणों के प्रोटोटाइप तैयार कर रहे हैं। इसमें तापमान, वायुदाब, हवा की गति और आर्द्रता जैसे आंकड़ों का विश्लेषण कर मौसम का अनुमान लगाने वाले सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं।

केआईटीई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. अनवर सादथ के अनुसार, छात्रों को पहले से स्कूलों में उपलब्ध कराए गए रोबोटिक किट्स का उपयोग कराया जा रहा है। इनकी मदद से छात्र तापमान मापने के लिए एलडीआर सेंसर, सर्वो मोटर और Arduino से जुड़े उपकरण बना रहे हैं। इसके अलावा, डिजिटल एनीमोमीटर और विंड वेन जैसे मॉडल भी तैयार किए जा रहे हैं।

इन चीजों पर दिया जा रहा ध्यान

तकनीकी गतिविधियों के साथ-साथ, कैंप में एनिमेशन और डिजिटल कंटेंट क्रिएशन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। छात्र OpenToonz सॉफ्टवेयर की मदद से 2डी एनिमेशन सीख रहे हैं, जिसमें रोटेट एनिमेशन, इन-बिटवीन फ्रेम, लिप-सिंकिंग और स्पेशल इफेक्ट्स शामिल हैं। इसके अलावा, ब्लेंडर सॉफ्टवेयर के जरिए 3डी मॉडलिंग भी सिखाई जा रही है।

सादथ ने ऑनलाइन संबोधन में बताया कि जनवरी 2026 से सभी स्कूलों में उन्नत रोबोटिक किट्स उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनसे छात्र मूविंग रोबोट से लेकर स्मार्ट वेदर स्टेशन तक तैयार कर सकेंगे।

लिटिल काइट्स कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में नवाचार, तकनीकी दक्षता और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना है, ताकि वे तकनीक के केवल उपभोक्ता नहीं बल्कि उसके निर्माता बन सकें।

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