Rahul Gandhi: बहुजन छात्रों की छात्रवृत्ति रोकना मोदी सरकार की शिक्षा विरोधी सोच, राहुल गांधी का आरोप
Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने एनओएस स्कॉलरशिप में फंड की कमी बताकर 66 छात्रों को वंचित करने पर मोदी सरकार पर बहुजन शिक्षा का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे मनुवादी सोच बताया और छात्रों को विदेश भेजने की मांग की।

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New Delhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के शिक्षा के अधिकार में बाधा डालने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा किया कि वर्ष 2025-26 के लिए नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप (एनओएस) योजना के तहत चयनित 106 छात्रों में से 66 छात्रों को फंड की कमी बताकर छात्रवृत्ति नहीं दी गई।

राहुल ने लिखा, "भाजपा-आरएसएस के नेताओं के बच्चों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में पढ़ाई की कोई रुकावट नहीं आती, लेकिन जैसे ही कोई बहुजन छात्र आगे बढ़ने की कोशिश करता है, पूरा सिस्टम उसके रास्ते में बाधाएं खड़ी करने लगता है।"
उन्होंने आगे लिखा, "जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र पढ़ाई करना चाहता है, तब मोदी सरकार को अचानक अपना बजट याद आ जाता है। जिन 66 वंचित छात्रों का एनओएस के लिए चयन हुआ, उन्हें विदेश में पढ़ाई का मौका सिर्फ इसलिए नहीं मिला क्योंकि सरकार कहती है कि फंड नहीं है। लेकिन मोदी जी की विदेश यात्राओं, प्रचार और भव्य आयोजनों पर हजारों करोड़ खर्च करने में सरकार को कोई हिचक नहीं होती।"
छात्रवृत्ति छीन लेना अन्यानय नहीं, बल्कि बहुजन शिक्षा का खुला विरोध: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने दावा किया कि सरकारी स्कूलों की संख्या घटाना, छात्रों को मनमाने तरीके से 'योग्य नहीं' बताकर अवसरों के द्वार बंद करना और मेहनत से हासिल की गई छात्रवृत्तियां छीन लेना केवल अन्याय नहीं है, बल्कि बहुजन शिक्षा का खुला विरोध है।
उन्होंने लिखा, "यह वही मनुवादी सोच है जो एक बार फिर एकलव्य से उसका अंगूठा मांग रही है। हम बहुजनों का शिक्षा का मौलिक अधिकार छिनने नहीं देंगे।"
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से मांग की कि इन 66 छात्रों को विदेश भेजने के फैसले को तुरंत पलटा जाए।