Amar Ujala Samwad: वरुण-पुलकित बोले- 'फुकरे' सिर्फ फिल्म नहीं इमोशंस है, शालिनी ने की 'राहु-केतु' पर बात
Amar Ujala Samwad 2025: 'अमर उजाला संवाद' का मंच इस बार हरियाणा के गुरुग्राम में सजा है। आज बुधवार को आयोजित संवाद में पुलकित सम्राट, शालिनी पांडे और वरुण शर्मा पहुंचे हैं। जानिए उनकी बातचीत के अंश:
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अमर उजाला संवाद का मंच इस बार हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित किया गया है। इस दौरान खेल, राजनीति, धर्म और फिल्म जगत से जुड़ी कई हस्तियां कार्यक्रम में शामिल हुई हैं। गुरुग्राम में 17 दिसंबर को होने वाले इस संवाद में पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा और शालिनी पांडे भी मंच की शोभा बढ़ाने पहुंचे हैं। पढ़िए उनकी बातचीत के अंश:
लोग आपको और वरुण शर्मा को हनी और चूचा के किरदार में देखते हैं। उस इमेज को ब्रेक करना कितनी बड़ी बात है?
पुलकित: हम दोनों की बहुत बनती है। हमारी बॉन्डिंग अच्छी लगती है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इसे फॉर ग्रांटेड लें। मुझे इसके बारे में सब पता है। ऐसे में हमे अनलर्निंग सीखना बहुत जरूरी थी। हमें इस फिल्म में यह ध्यान रखना था कि हनी और चूचा की केमिस्ट्री न लाएं।
पुलकित क्या आपको लगता है कि आपकी जिंदगी में 'राहु केतू' इसलिए आए, क्योंकि आपकी शादी हो गई?
पुलकित: वो तो मेरी जिंदगी में लक्ष्मी आई है।
शालिनी आप 'राहु और केतू' के बीच फंस गई हैं?
शालिनी पांडे: मैं फंसी नहीं हूं। मेरा किरदार बहुत अच्छा है।
आपको इस किरदार में किस चीज ने प्रभावित किया?
शालिनी पांडे: डायरेक्टर विपुल सर ने जब इसे नैरेट किया तो लगा यह बहुत अलग तरह की कॉमेडी है। यह इंटेलीजेंट कॉमेडी फिल्म है। मुझे लगता है कि मेरे लिए राइटर और डायरेक्टर एक हों तो मैं भी उन पर भरोसा कर सकूं।
वरुण, आपको और पुलकित को साथ में फिल्म करने के लिए काफी पैसे भी मिले। लेकिन आपने मना कर दिया?
वरुण शर्मा: यह काफी हद तक सच है। हमें लोगों ने काफी अप्रोच किया।
क्या फुकरे 4 भी पाइपलाइन में है?
पुलकित: इस बारे में हमारे डायरेक्टर से बात करनी पड़ेगी।
वरुण शर्मा: जो आपका सवाल है, वही हमारा भी सवाल है। हम उम्मीद करते हैं कि फुकरे 4 जल्दी बने। वह अब फिल्म से ज्यादा इमोशन है।
शालिनी, हर किरदार इंसान को काफी कुछ सिखाकर जाता है। आपको इस फिल्म ने क्या सिखाया?
शालिनी पांडे: यह जो किरदार है, वह बहुत लेयर्ड है। आमतौर पर लड़कियों के किरदार बहुत ब्लैक एंड व्हाइट तरीके से देखते हो। मुझे यह किरदार करते हुए बहुत फ्री फील हुआ। विपुल सर (विपुल विग) को इसके लिए शुक्रिया कि उन्होंने इस रोल को लिखा और मुझे इसे प्ले करके बहुत मजा आया।
वरुण, जब सिनेमा और ओटीटी की बात होती है। आप फ्यूचर कहां देखते हैं?
वरुण शर्मा: बहुत सारे नए माध्यम आ गए हैं। हर जगह फ्यूचर है। बहुत सारे ओटीटी प्लेटफॉर्म बहुत सारा कंटेंट बना रहे हैं। टीवी, माइक्रो ड्रामा, मूवीज, कंटेंट क्रिएशन...इतना सारा कंटेंट है कंज्यूम करने के लिए तो उतना ही रोजगार भी है। मुझे याद है कि हम या तो फिल्मों के ऑडिशन देते थे, एड के देते या टेली फिल्म्स और टेलीविजन के। ओटीटी के आने से कितने सारे क्रू, टेक्नीशियन और एक्टर्स, कितने सारे लोगों को काम करने का मौका मिला है। सिनेमा और क्रिकेट दो ऐसी चीजें हैं जो लोगों की रगों में हैं। शनिवार और रविवार की सुबह बच्चों के साथ पार्क जाना होता है, शॉपिंग होती या फिल्म देखने जाना होता है।
फिल्म का नाम क्योंकि 'राहु केतू' है, क्या आप तीनों एस्ट्रोलॉजी में यकीन रखते हैं? क्या आपने कभी ऐसा पढ़ा कि आज मेरी राशि में क्या लिखा है?
पुलकित: मैं ज्योतिष में यकीन रखता हूं या नहीं मुझे नहीं पता। लेकिन, अपनी मां में बहुत यकीन करता हूं। वह जो बोलती हैं, मैं कर लेता हूं। वह जिसके लिए हाथ जोड़ने को बोलती हूं, मैं खड़े होकर चुपचाप कर लेता हूं।
शालिनी पांडे: जब अच्छी चीजें होती हैं तो मैं भरोसा कर लेती हूं। बाकी मैं पढ़ती नहीं हूं। मेरी मम्मी इतनी स्वीट हैं। जब वो मेरे पास आती हैं और कुछ करने को बोलती हैं तो मैं उनकी खुशी के लिए कर लेती हूं।
वरुण शर्मा: मैं ज्योतिष में यकीन रखता हूं सर। विश्वास ही है, हर चीज में। मेरा जन्मस्थान पंजाब में जालंधर है। शुरू से हम घरवालों को और बड़ों को देखते आ रहे हैं। वहीं से यह सारी चीजें डेवलप हुई हैं। स्कूल में राशि मैं तब जरूर पढ़ता था जब कोई क्रश होता था तो उसके साथ ग्रह नक्षत्र मिलाने के लिए।
क्या सोशल मीडिया पर प्रेशर फील होता है?
वरुण शर्मा: सोशल मीडिया बहुत व्यापक दुनिया है। वहां प्रेशर फील होता है। अगर फील नहीं होता तो आपको फील कराया जाता है। मेरे जीवन का एक रूल है कि हम जब भी छुटटी पर जाते हैं तो हम अपना फोन ही नहीं लेकर जाते हैं, चाहें दोस्तों के साथ जाएं या परिवार के साथ। इस तरीके से छुट्टियां एंजॉय करना आसान हो गया है। लोगों का जीवन मोबाइल से शुरू होकर मोबाइल पर खत्म हो रहा है। इसमें परिवर्तन हमें ही करना होगा। बैलेंस करके चलना पड़ेगा। मैंने एक महीने के लिए एक चीज ट्राई की थी। सोने से एक घंटे पहले और उठने के एक घंटे बाद फोन नहीं देखूंगा। मैंने यह प्रयोग किया और मेरी लाइफ अच्छी हो गई।
शालिनी पांडे: सोशल मीडिया और मोबाइल के साथ रिलेशनशिप अलग चीज है। मेरा और स्क्रीन का रिलेशन वहीं तक है, जहां तक मेरा काम है। मैं अपने दर्शकों से रूबरू होती हैं सोशल मीडिया से, लेकिन मैंने अपना दायरा बना रखा है। मेरा रिश्ता सोशल मीडिया से बहुत अच्छा है।
शादी के बाद भी फुकरे कैसे बने रह सकते हैं?
पुलकित: अपनी वाइफ का बेस्ट फ्रेंड बनकर रहिए। यकीन मानिए आप जिंदगीभर फुकरे ही बने रहेंगे। जब तक आप एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड हैं तो उससे बेहतर कुछ नहीं। उसमें भी प्यार तो सोने पर सुहागा है। आप अपने बेस्ट फ्रेंड से प्यार कर रहे हैं।
क्या आप पब्लिक का रिएक्शन देखने के लिए छिपकर हॉल में फिल्म देखने गए हो लोगों के बीच जाकर?
पुलकित: फुकरे आई थी तब हमने ऐसा किया था। मैं अलग शहर में गया था, ये (वरुण शर्मा) अलग शहर में गए थे। मेरे एक सीन पर जो तालियां बजी थीं, वह मैं कभी नहीं भूल सकता।
शालिनी पांडे: हर एक्टर ऐसा करता है। हमने कितने सीन लोगों के बीच जाकर देखे हैं। हर एक्टर उस हाइप के लिए जीता है। मैंने अर्जुन रेड्डी के टाइम यह बहुत किया है। यह बहुत सुंदर फीलिंग है।
वरुण शर्मा: मैं अपनी पहली फिल्म अपनी मम्मी और बहन के साथ देखने गया था। पिक्चर खत्म हुई तो दीदी रोने लगी। मैंने कहा दीदी यार कॉमेडी फिल्म थी। सब हंस रहे हैं और आप रो रहे हो। उन्होंने कहा, वरुण मैं पिछले ढाई घंटे से पिक्चर नहीं देख रही थी। मैं ये देख रही थी कि यहां से पर्दे तक के सफर में क्या हुआ है? मैं अपनी मम्मी के साथ थिएटर में हर फिल्म देखने जाता ही हूं।
आपनी फिल्म 'राहु केतू' के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
वरुण शर्मा: 16 जनवरी 2026 को यह फिल्म रिलीज हो रही है। इस फिल्म को देखकर आपकी दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी।
शालिनी: यह बहुत इमोशनल इंटेलीजेंस फिल्म है। सब इस फिल्म के साथ कुछ न कुछ रिलेट कर सकते हैं।
पुलकित: इस फिल्म में कहानी है, इमोशन है, ड्रामा है। इसमें पुलकित है, वरुण शर्मा हैं और शालिनी भी है। बहुत अतरंगी किरदार हैं। इससे बेस्ट फिल्म नहीं मिलेगी। बच्चों को इस फिल्म में बहुत मजा आएगा।