कौन हैं गौरव तिवारी? जिसकी कहानी पर बनी 'भय'; पायलट ट्रेनिंग छोड़ आत्मा ढूंढने निकले, रहस्यमयी हाल में हुई मौत
Who Is Indian Paranormal Investigator Gaurav Tiwari : शुक्रवार को ओटीटी पर एक सीरीज ‘भय’ रिलीज हुई। इसमें पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर गौरव तिवारी की कहानी दिखाई गई है। जानिए, कौन था गौरव तिवारी? कैसी हुई उसकी मौत? और भूतों से संपर्क करने का जुनुन कैसे उस पर हावी हुआ?
विस्तार
सीरीज ‘भय’ भारत के पहले सर्टिफाइड पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर गौरव तिवारी पर बनी है। अमेजन एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम हुई इस सीरीज में गौरव के रोल में करण टैकर नजर आए हैं। ‘भय’ की कहानी रोंगटे खड़ी करती है। यह सीरीज भूतों की रहस्यमयी दुनिया का डरावना अनुभव दर्शकों को कराती है। इसमें कल्कि केकलां भी अहम रोल में हैं। जानिए, असल में गौरव तिवारी कौन था? कैसे वह एक पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर बना? और किस तरह रहस्यमयी ढंग से गौरव तिवारी की मौत हुई?
गौरव ने बनाई इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी
पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर गौरव तिवारी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी और मौत एक रहस्य बन चुकी है। इसकी कहानी पर ‘भय’ सीरीज बनी है। लेकिन गौरव तिवारी खुद कैसे पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर बने, इसकी कहानी भी दिलचस्प है। पहले वह एक पायलट बनने की तैयारी कर रहे थे। गौरव तिवारी 21 साल की उम्र में फ्लोरिडा (यूएस) गए और एविएशन सेक्टर में करियर बनाने की तैयारी करने लगे। वह प्रोफेशनल पायलट की ट्रेनिंग लेने लगे लेकिन इसे बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए। यहां आकर इंडियन पैरानॉर्मल सोसायटी बना ली। बतौर पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर काम करना शुरू किया। वह एमटीवी के शो ‘गर्ल्स नाइट आउट’ में भी पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर के तौर पर दिखे थे। इसके अलावा ‘भूत आया’ डॉक्यमेंट्री भी गौरव तिवारी ने की। कुछ हॉन्टेड इंटरनेशनल शो का भी हिस्सा बने। भूतों पर आधारित टीवी शो का हिस्सा बनने के अलावा गौरव तिवारी ने फिल्म ‘16 दिसंबर' और ‘टैंगो चार्ली’ जैसी फिल्मों में कैमियो भी किया।
भूतों से संपर्क करने के लिए मशहूर हुए
गौरव तिवारी ने पैरानॉर्मल एक्टिविटीज के बारे में काफी कुछ पढ़ा था। साथ ही वह कुछ अलग तरह की मशीनों का इस्तेमाल करके भूतों से संपर्क करने की कोशिश करते थे। हॉन्टेड (भूतों का जहां डेरा होता है) जगहों पर रात के समय गौरव अपनी टीम के साथ पहुंच जाते थे। वह अंधेरी रातों में भूतों से संपर्क करते, उनकी बातें सुनते और उनसे बातें भी करते थे। ऐसा गौरव तिवारी का कहना था।
रहस्यमयी तरीके से हुई मौत
गौरव बतौर पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर जाना-माना नाम हो चुका थे लेकिन एक दिन उसकी मौत की खबर मिली। 7 जुलाई 2016 को द्वारका, दिल्ली के घर में वह मृत मिले, उन्होंने पत्नी के दुपट्टे से फांसी लगा ली थी। शुरुआत में गौरव के फैंस ने कहा कि भूतों के कारण ऐसा हुआ, भूतों ने गौरव तिवारी को मरने के लिए मजबूर किया है। आखिर में पुलिस ने छान-बीन की। पुलिस ने छानबीन के बाद बताया कि गौरव तिवारी की मौत एक आत्महत्या है। उसके पास काम बहुत अधिक नहीं था, इस कारण परिवार से अक्सर झगड़ा होता था। परिवार चाहता था कि वह पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर का काम छोड़कर कोई सामान्य जॉब पकड़ ले। लेकिन गौरव नहीं माना और तनाव में मौत को गले लगा लिया।
मौत और भूतों का कनेक्शन भी आया सामने
जब पैरानॉर्मल इंवेस्टिगेटर गौरव तिवारी की मौत की छानबीन चल रही थी तो उसके पिता ने बताया था कि गौरव को कोई बुरी आत्मा अपनी तरफ खींचती थी। पत्नी ने भी यही बात कही थी कि गौरव तिवारी को कोई आत्मा परेशान कर रही है। यह बातें अक्सर गौरव अपने पिता और पत्नी को बताते थे।