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व्यक्तिव छवि और पहचान की सुरक्षा के लिए इन सितारों ने की पहल, कानून की शरण में पहुंचे; दी ये दलील

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: ज्योति राघव Updated Fri, 17 Oct 2025 01:08 PM IST
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सार

Bollywood Celebrities Personality Rights: एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) का इस्तेमाल कर लोगों की आवाज और चेहरे के साथ छेड़छाड़ और डुप्लीकेशन का खतरा बढ़ा है। फिल्मी सितारों को कई बार फर्जी विज्ञापन या चुनावी मौसम में पार्टी विशेष का प्रचार करते दिखा दिया जाता है। व्यक्तित्व प्रतीकों का गलत इस्तेमाल न हो, इसके लिए कई फिल्म स्टार्स कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। जानिए क्या है पर्सनैलिटी राइट?

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बॉलीवुड सितारे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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तकनीक एवं इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई सहूलियत दी हैं। मगर, कई तरह की चिंताओं को भी जन्म दिया है। एआई जैसी तकनीक के जरिए किसी की आवाज, तस्वीर या अन्य व्यक्तित्व प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ का खतरा बढ़ा है। कई बार यह प्रयोग नकारात्मक दिशा में चला जाता है। फिल्मी सितारों की छवि और व्यक्तित्व प्रतीकों के साथ अक्सर ऐसा होता है। चुनावी मौसम में कई ऐसे वीडियो वायरल हुए, जब फिल्मी हस्तियों को किसी पार्टी विशेष का प्रचार करते दिखा दिया गया। बात छवि पर आई तो फिल्म स्टार्स ने खुद सामने आकर स्पष्टीकरण दिए कि वायरल वीडियो से उनका कोई संबंध नहीं, यह तकनीकी रूप से छेड़छाड़ पर आधारित है। इस तरह के दुरुपयोग से बचा जा सके, इसके लिए कई सितारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानिए पूरा मामला...

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अक्षय कुमार, नागार्जुन, करण जौहर - फोटो : सोशल मीडिया

इन सितारों ने किया अदालत का रुख
अभिषेक बच्चन से लेकर ऐश्वर्या राय, ऋतिक रोशन, करण जौहर, अक्षय कुमार, कुमार सानू और अक्किनेनी नागार्जुन तक तमाम सितारे अपने व्यक्तित्व अधिकार की सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत की शरण में पहुंच चुके हैं। इस दौरान इन सितारों ने यही चिंता जताई कि एआई तकनीक के चलते डीपफेक वीडियो का खतरा बढ़ रहा है। इससे उनकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है। इन सितारों की याचिका पर अदालत भी बढ़ते डीपफेक और मॉर्फ्ड तस्वीरों पर चिंता जता चुकी है। कई स्टार्स को इस मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए व्यक्तित्व अधिकार प्रदान किए हैं।

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आमिर खान, रणवीर सिंह, रश्मिका मंदाना - फोटो : सोशल मीडिया

उदाहरण से समझिए किस तरह हो सकता है सितारों की छवि को नुकसान
हालिया उदाहरण अक्षय कुमार का है। इन दिनों खिलाड़ी कुमार का एक एआई-जनरेटेड वीडियो काफी सुर्खियों में हैं, जिसमें उन्हें महर्षि वाल्मीकि के रूप में दिखाया गया था। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। मामला इतना बढ़ा कि खुद अभिनेता को सामने आना पड़ा। उन्होंने इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए वीडियो को सभी प्लेटफॉर्म से तुरंत हटाने का आदेश दिया है। साथ ही इसे गंभीर रूप से चिंताजनक और जनहित के खिलाफ करार दिया है। इसी तरह रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें तकनीक की मदद से किसी और की बॉडी पर अभिनेत्री का चेहरा लगाया गया था। रश्मिका ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की, बाद में वीडियो फर्जी पाया गया था। इसी तरह आमिर खान और रणवीर सिंह के डीपफेक वीडियो भी वायरल हुए, जिसमें उन्हें किसी राजनीतिक पार्टी का प्रचार करते और वोट डालने की अपील करते दिखाया गया था।

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अक्षय कुमार - फोटो : इंस्टाग्राम- @akshaykumar

कोर्ट ने भी माना- 'सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि जनहित का भी मामला'

डीपफेक वीडियो की तरह, आवाज की कॉपी करना और मॉर्फ्ड तस्वीरें बनाना भी तकनीक की मदद से उतना ही आसान है। कई बार सितारों के एक्स के साथ उनकी तस्वीरों को मॉर्फ्ड करके सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जाता है। सच्चाई पता चलने तक उनकी छवि धूमिल हो चुकी होती है। तकनीक के कारण छवि को लेकर बड़ा खतरा पैदा हुआ है। अक्षय कुमार के डीपफेक मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी कहा कि 'इस तरह की सामग्री सिर्फ किसी अभिनेता की छवि ही नहीं, बल्कि समाज के नैतिक ढांचे के लिए भी खतरा बनती जा रही है। उन्होंने कहा, 'एआई की मदद से बनाए जा रहे ऐसे वीडियो इतने वास्तविक लगते हैं कि असली और नकली में फर्क करना लगभग असंभव हो गया है। यह सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि जनहित का भी मामला है'।

क्या होता है व्यक्तित्व अधिकार?
एआई या अन्य तकनीक के इस्तेमाल के जरिए किसी के भी आवाज, चेहरे या अन्य व्यक्तित्व प्रतीकों का डुप्लीकेशन बहुत ही आसान और सहज हो गया है। किसी को भी किसी ब्रांड का फर्जी विज्ञापन करते, किसी मुद्दे के पक्ष-विपक्ष में बोलते दिखाया जा सकता है। तकनीक के जरिए किसी के व्यक्तित्व प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ न हो, खासकर बिना उसके संज्ञान के यह इसका अधिकार है। इसी व्यक्तित्व अधिकार के लिए सितारों ने कोर्ट से गुहार लगाई है, क्योंकि पब्लिक फिगर होने के चलते वे आसान शिकार होते हैं। सितारों ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी इमेज, आवाज, चेहरे, स्टाइल या अन्य व्यक्तिगत पहचान का किसी अन्य तरह से इस्तेमाल न किया जाए। अगर कोई इन सितारों के व्यकित्व प्रतीकों से छेड़छाड़ करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जाएगा। आसान शब्दों में समझा जा सकता है कि अपने व्यक्तित्व से जुड़ी हर पहचान पर अपना अधिकार होना ही, व्यक्तित्व अधिकार है। इससे कोई छेड़छाड़ करता है तो यह कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।

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