रामगोपाल वर्मा ने किया ‘धुरंधर’ का रिव्यू, बोले- ‘फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं करती…’; आदित्य धर ने दिया ये जवाब
Ram Gopal Varma Praises Dhurandhar: तमाम फिल्मी हस्तियों के धुरंधर की सराहना करने के बाद अब दिग्गज निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने भी ‘धुरंधर’ की समीक्षा की है। इसके बाद आदित्य धर ने रामू को जवाब भी दिया है। जानिए रामू ने क्या रिव्यू किया और जवाब में क्या बोले आदित्य धर…
विस्तार
आदित्य धर की स्पाई-थ्रिलर ‘धुरंधर’ इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है। दर्शकों और क्रिटिक्स से लेकर सेलेब्स तक फिल्म को पसंद कर रहे हैं और तारीफ कर रहे हैं। अब बॉलीवुड के खुदरंग निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने भी ‘धुरंधर’ की जमकर तारीफ की है। उन्होंने ‘धुरंधर’ को भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण फिल्म बताया है और इसे सिनेमा में एक लंबी छलांग बताई है। रामगोपाल वर्मा की इस प्रशंसा से खुश होकर, निर्देशक आदित्य धर ने उनका आभार जताया है और रामू को अपना पसंदीदा निर्देशक बताया है।
आपको वश में कर लेती है ‘धुरंधर’
रामगोपाल वर्मा ने ‘धुरंधर’ की तारीफ करते हुए इसे भारतीय सिनेमा में एक लंबी छलांग बताया। उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मेरा मानना है कि आदित्य धर ने अकेले ही भारतीय सिनेमा का भविष्य बदल दिया है। चाहे वह उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत। ऐसा इसलिए है क्योंकि धुरंधर सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अभूतपूर्व छलांग है। धुरंधर ने एक ऐसा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया। आदित्य धर सिर्फ सीन का निर्देशन नहीं करते, बल्कि किरदारों और दर्शकों दोनों के दिमाग में क्या है इसे दिखाते हैं। यह फिल्म आपका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश नहीं करती, बल्कि उसे अपने वश में कर लेती है। पहले ही शॉट से यह लगता है कि दर्शक अब सिर्फ एक दर्शक नहीं, बल्कि पर्दे पर दिखाई जा रही घटनाओं का हिस्सा बन जाते हैं।’
DHURANDHAR is not a film , it is a QUANTUM LEAP in INDIAN CINEMA
I believe that @AdityaDharFilms has completely and single handedly changed the future of Indian cinema , be it north or south ..That’s because Duradhar is not just a film.. it is a quantum leap
What Dhurandhar… — Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) December 19, 2025
लंबे समय तक याद रखने वाला है कलाकारों का काम
रामगोपाल वर्मा ने फिल्म के एक्शन, राइटिंग, और एक्टिंग सभी की जबरदस्त तारीफ की है। आदित्य धर की तारीफ में रामू लिखते हैं कि आदित्य धर समझते हैं कि स्टोरी टेलिंग मे ताकत दबाव बनाने में होती है। हर सीन काफी कसा हुआ मालूम पड़ता है, मानो एक स्प्रिंग को लगातार खींचा जा रहा हो और पता न कब वह टूट जाएगी। जब वह टूटती है, तो उसका असर न केवल खतरनाक होता है, बल्कि म्यूजिकल और नाटकीय भी होता है। कलाकारों की एक्टिंग की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा कि अभिनय सिर्फ दर्शकों को पसंद आने के लिए नहीं, बल्कि थिएटर से निकलने के बाद भी लंबे समय तक लोगों को याद रखने के लिए किया गया है। किरदार अपने कंधों पर इतिहास का बोझ लिए चलते हैं। फिल्म दर्शकों पर इतना भरोसा करती है कि वे उनके अतीत की कहानियों को सतही तौर पर बताने के बजाय उनके घावों को समझ सकें। यह आत्मविश्वास जिसे अहंकार समझा जा सकता है, ये ही ‘धुरंधर’ को भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बनाता है। धुरंधर यह मानकर चलती है कि दर्शक बुद्धिमान हैं, जो एक निर्देशक द्वारा दर्शकों के प्रति दिखाया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।
सिर्फ मनोरंजन नहीं, बदलाव लाती है फिल्म
सिर्फ एक्टिंग और निर्देशन की ही नहीं रामू ने फिल्म के तकनीकी पक्ष की भी जमकर सराहना की है। उन्होंने साउंड डिजाइन, कैमरा वर्क, एक्शन कोरियोग्राफी और हर उस टेक्निकल पार्ट की भी प्रशंसा की है। अंत में उन्होंने धुरंधर के उद्देश्य की भी जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यह कोई चलन या मान्यता का पीछा करने वाली फिल्म नहीं है। यह एक गंभीर घोषणा है कि भारतीय सिनेमा को सफल होने के लिए खुद को कमजोर करने की जरूरत नहीं है और न ही उसे हॉलीवुड की अंधाधुंध नकल करने की। धुरंधर ने साबित कर दिया कि भारतीय सिनेमा अपनी जड़ों से जुड़ा रहते हुए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है। जब फिल्म खत्म होती है, तो आप सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करते, बल्कि आपमें एक बदलाव आ जाता है।
रामगोपाल वर्मा के साथ काम करना चाहते थे आदित्य धर
रामगोपाल वर्मा द्वारा की गई इस तारीफ का आदित्य धर ने भी उतने ही आदर से जवाब दिया है। रामू के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए आदित्य धर ने उन्हें अपना पसंदीदा निर्देशक बताया। आदित्य धर ने अपने ट्वीट में लिखा, अगर यह ट्वीट एक फिल्म होती, तो मैं इसे पहले दिन पहले शो में देखने जाता, आखिरी पंक्ति में खड़ा होता और बदल कर बाहर आता। रामगोपाल वर्मा के साथ काम करने की इच्छा जताते हुए आदित्य धर ने कहा कि मैं कई साल पहले मुंबई आया था। एक सूटकेस, एक सपना और एक अवास्तविक विश्वास लेकर कि मैं एक दिन राम गोपाल वर्मा के निर्देशन में काम करूंगा। ऐसा कभी नहीं हुआ। लेकिन कहीं न कहीं अनजाने में मैंने आपके सिनेमा के अंदर काम किया। आपकी फिल्मों ने मुझे फिल्में बनाना नहीं सिखाया, उन्होंने मुझे जोखिम भरी सोच रखना भी सिखाया।
Sir… 🙏
— Aditya Dhar (@AdityaDharFilms) December 19, 2025
If this tweet were a film, I would have gone to watch it first day first show, stood in the last row, and come out changed.
I came to Mumbai years ago carrying one suitcase, one dream, and an unreasonable belief that I would one day work under Ram Gopal Verma. That never…
फिल्में बनाने को प्रेरित करने के लिए रामू का जताया आभार
आगे अपने ट्वीट में आदित्य ने लिखा, आपका यह कहना कि धुरंधर एक क्वांटम लीप है, अवास्तविक, भावुक और सच कहूं तो थोड़ा अन्यायपूर्ण लगता है। क्योंकि अब मुझे आगे जो भी करना है, उसे इस ट्वीट के अनुरूप होना होगा। आप मेरे पसंदीदा निर्देशकों में से एक थे जिन्होंने भारतीय सिनेमा को निडर, बेबाक और जीवंत बना दिया। अगर धुरंधर में उस डीएनए का एक अंश भी है, तो यह इसलिए है क्योंकि आपकी फिल्में मेरे दिमाग में चलती रहती थीं, जब मैं इसे लिख और निर्देशित कर रहा था। अगर मैंने दर्शकों को बुद्धिमान समझा है, तो इसका कारण यह है कि आपने पूरी एक पीढ़ी को यह सिखाया है कि सिनेमा को अपनी महत्वाकांक्षा के लिए कभी माफी नहीं मांगनी चाहिए। इस उदारता, इस दीवानगी और इस मान्यता के लिए आपका धन्यवाद। मेरे अंदर का प्रशंसक काफी खूश है। मेरे अंदर का फिल्म निर्माता प्रेरित महसूस कर रहा है और वह लड़का जो रामगोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में काम करने के लिए मुंबई आया था, आखिरकार खुद को पहचाना हुआ महसूस कर रहा है।