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'जब अमिताभ के लिए कहा लड़ाई रोक दो'
Updated Mon, 21 Oct 2013 01:10 PM IST
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हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भारत में ही नहीं विदेशों में भी बेहद मशहूर हैं। भारत के पड़ोसी देशों में भी अमिताभ के प्रति दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है।
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अमिताभ के कई दीवाने हैं।
इसकी एक मिसाल भारत में अफग़ानिस्तान के राजदूत शाइदा मोहम्मद अब्दाली ने मुझसे बातचीत के दौरान दी, जो अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता को दर्शाती है।
90 के दशक में अमिताभ बच्चन की एक फिल्म आई थी 'खुदागवाह'। इस फ़िल्म की शूटिंग अफ़ग़ानिस्तान में हुई थी।
उस वक्त अफगानिस्तान के हालात काफी खराब थे। नजीबुल्लाह वहाँ के राष्ट्रपति थे और उससे पहले वहाँ सोवियत सेना का नियंत्रण था।
उसी दौर का एक किस्सा अफगान राजदूत ने कुछ यूं सुनाया, "अफ़ग़ानिस्तान में मुजाहिदीन की लड़ाई जारी थी। ऐसे में तत्कालीन राष्ट्रपति नजीब की बेटी ने अपने पिता से गुज़ारिश करते हुए कहा कि वे मुजाहिदीन से कहें कि एक दिन के लिए लड़ाई बंद कर दें।"
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उन्होंने कहा, "बच्ची चाहती थी कि अमिताभ बच्चन जैसा इतना बड़ा स्टार भारत से अफगानिस्तान आया है तो अगर लड़ाई बंद रहेगी तो वो शहर में घूम पाएँगे और लोग भी उन्हें देख पाएँगे।"
मेहमाननवाज़ी
कुछ महीने पहले अमिताभ बच्चन ने भी फेसबुक पर अपने अफगानिस्तान दौरे की यादें साझा की थी।
अमिताभ ने फेसबुक पर लिखा था, "राष्ट्रपति नजीबुल्लाह हिंदी फिल्मों के बहुत बड़े फ़ैन थे। वो मुझसे मिलना चाहते थे और हमें वहाँ शाही तरीके से रखा गया।"
उन्होंने कहा, "हमें उस ख़ूबसूरत इलाके में हवाई जहाज के ज़रिए और सुरक्षा गार्डों के साथ घुमाया गया। हमें होटल में नहीं रहने दिया जाता था। एक परिवार ने अपना घर हमारे लिए खाली कर दिया और खुद एक छोटे घर में रहने चले गए।"
अमिताभ ने आगे लिखा, "सुरक्षा की दिक्कत थी। सड़कों पर हर जगह टैंक और सैनिक थे लेकिन वो एक यादगार दौरा था। हमारी फिल्म यूनिट को एक कबीले के नेता ने आमंत्रित किया था। मैं डैनी के साथ चॉपर से गया था, आगे पीछे पाँच हेलीकॉप्टर। ऊपर से पहाड़ों का नज़ारा गज़ब था।"
सुपरस्टार ने कहा, "काबुल में हमें बहुत तोहफ़े मिले। राष्ट्रपति नजीब ने राष्ट्रपति भवन में बुलाया और हमें ऑर्डर ऑफ अफ़गानिस्तान के पुरस्कार से नवाज़ा।"
अमिताभ ने कहा, "उस रात राष्ट्रपति के अंकल ने हमारे लिए भारतीय राग गाया। अब मुझे नहीं पता कि वो सब कहाँ हैं जिन्होंने मेहमाननवाज़ी की थी। मैं अकसर उनके बारे में सोचता हूँ।"
अफ़ग़ान राजदूत कहते हैं कि अमिताभ केवल भारत के नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के स्टार हैं और भारतीय फ़िल्में दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को और मज़बूत करने का काम करती आई हैं।