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'मस्ती 4' डायरेक्टर मिलाप जावेरी का सेंसर बोर्ड पर सीधा सवाल, बोले- ए सर्टिफिकेट दिया तो कट क्यों?

Kiran Jain किरण जैन
Updated Tue, 18 Nov 2025 07:00 AM IST
सार

Milap Zaveri Exclusive Interview: दो दशक बाद भी अगर कोई फ्रेंचाइज अपनी पकड़ बनाए हुए है, तो वह ‘मस्ती’ है।  रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय और आफताब शिवदासानी की इस फिल्म को मिलाप जावेरी डायरेक्ट कर रहे है।

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Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
मिलाप जावेरी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हाल ही में अमर उजाला से बातचीत के दौरान, मिलाप ने  लव वीजा जैसे बोल्ड आइडिया, एडल्ट फिल्मों पर, सेंसरशिप पर अपनी राय रखी। इतना ही नहीं, उन्होंने फ्रेंचाइज की विरासत, इंडस्ट्री के बदलते समीकरण, ओटीटी के दौर में थिएटर की हालत और यहां तक कि किस फिल्म को वह दोबारा रिलीज होते देखना चाहते हैं, इन सब पर भी बात की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:

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जब आप पहली बार 'मस्ती' बना रहे थे क्या आपने सोचा था कि यह फ्रेंचाइज इतनी लंबी चल जाएगी?
जब पहली बार मस्ती बना रहे थे तब हमने कभी नहीं सोचा था कि इसका सफर इतना लंबा होगा। पार्ट वन बनाते समय यह खयाल तक नहीं आया था कि एक दिन इसका नया पार्ट बनेगा और मैं उसे डायरेक्ट करूंगा। फ्रेंचाइज को आगे ले जाना आसान नहीं होता, क्योंकि पहले की फिल्मों के स्तर पर खरा उतरना पड़ता है। लेकिन जैसे ही रितेश विवेक और आफताब हमारी अमर अकबर एंथनी वाली तिकड़ी एक साथ आती है मस्ती और पागलपन अपने आप शुरू हो जाता है। मेरे मन में हमेशा यही था कि इंदर कुमार जी ने जो पहले तीन पार्ट बनाए उनकी कसौटी पर मुझे पूरा उतरना है। इन तीनों ने मेरा इतना साथ दिया कि फिल्म बनाते समय पूरा माहौल हंसी मजाक और मस्ती से भरा रहा। मेरा मानना है कि यही सकारात्मक ऊर्जा फिल्म में भी साफ नजर आएगी।

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Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
मस्ती 4 - फोटो : सोशल मीडिया

इतने साल बाद जब आप फिर से रितेश विवेक और आफताब के साथ लौटे तो सबसे बड़ा बदलाव क्या दिखा?
सबसे दिलचस्प बात तो यही थी कि बदलाव नाम की कोई चीज दिखी ही नहीं। बीस साल बाद भी वही मस्ती वही ऊर्जा। ये तीनों पहले से भी ज्यादा युवा और शरारती लगते हैं। सेट पर मिलते ही लगा जैसे समय रुका ही नहीं था। उनकी केमिस्ट्री अब और मजबूत हो चुकी है और दोस्ती इतनी गहरी हो चुकी है कि आज वे एक परिवार जैसे हो गए हैं।

Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
मस्ती 4 - फोटो : सोशल मीडिया

तीनों की ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन बॉन्डिंग को आप कैसे देखते हैं?
आज इनके बीच का तालमेल पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है। सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें बिल्कुल भी प्रतियोगिता नहीं है। कोई यह नहीं सोचता कि किसकी लाइन ज्यादा है किसकी कम है या कौन बड़ा है और कौन छोटा। तीनों एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं। साथ में कॉमेडी करते हैं और एक टीम की तरह परफॉर्म करते हैं। तीन कलाकारों के बीच न कोई अहंकार न मनमुटाव न तुलना यह बहुत दुर्लभ है। यही प्यार समझ और भरोसा इस फ्रेंचाइज को खास बनाता है।

बदलते दौर और नई दर्शक पीढ़ी के बीच 'मस्ती' जैसी फ्रेंचाइज के हास्य को बनाए रखना कितना कठिन था?
'मस्ती' को हमेशा एडल्ट कॉमेडी माना गया है, लेकिन अब पीढ़ी बदल गई है देखने का तरीका बदल गया है और ज्यादातर कंटेंट ऑनलाइन देखा जा रहा है। ऐसे में उसी पुराने अंदाज को आज की ऑडियंस पसंद के हिसाब से बनाए रखना आसान नहीं था। मेरा मानना है कि समय के साथ क्रिएटर को भी खुद में बदलाव लाना पड़ता है। कॉमेडी की शैली बदल सकती है लेकिन मस्ती वाला जोनर हमेशा हंसी पैदा करता है। आज भी किसी पार्टी में जाएं तो नॉनवेज जोक्स पर ही सबसे ज्यादा हंसी आती है। यह दर्शक की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है जो कभी नहीं बदलती।

इसी सोच से लव वीजा का विचार आया। एक काल्पनिक वीसा जिसमें शादीशुदा पुरुष को साल में एक हफ्ता खुलकर मस्ती करने की अनुमति मिलती है। रितेश फिल्म में मजाक में कहते हैं कि कपड़े धोने की मशीन तो सुनी थी यह तो पाप धोने की मशीन है। यह विचार फ्रेंचाइज के लिए बिलकुल नया है और क्रिकेट की फ्री हिट जैसा एक मौका देता है जो पूरे फिल्म में हास्य का नया रंग जोड़ता है।

Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
मिलाप जावेरी - फोटो : इंस्टाग्राम

बॉक्स ऑफिस के बदलते माहौल को आप कैसे देखते हैं क्या अब सिर्फ कंटेंट ही फिल्म चला पा रहा है?
बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों की बात करें तो आजकल सब कुछ पूरी तरह अनिश्चित हो गया है। ओटीटी ने पूरा खेल बदल दिया है, लेकिन इसके बावजूद थिएटर का अपना अलग आनंद और महत्व आज भी कायम है। इस साल कई फिल्में ऐसी चलीं जिनकी किसी को उम्मीद नहीं थी। 'सनम तेरी कसम' री रिलीज में बड़ी हिट हो गई 'सैयारा' ब्लॉकबस्टर निकली और 'दीवाने की दीवानी' भी सफल रही। ये सभी चौंकाने वाली सफलताएं एक बात साफ बताती हैं कि आज सिर्फ कंटेंट चलता है। सिर्फ स्टारकास्ट के भरोसे फिल्में नहीं चल रहीं। दर्शक वही फिल्म थिएटर में देखने जाते हैं जो सच में उन्हें आकर्षित और मनोरंजक लगती है।

सेंसरशिप को लेकर आपकी क्या सोच है विशेषकर एडल्ट फिल्मों को लेकर?
आजकल सेंसरशिप पर कई तरह की राय सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे जरूरी मानते हैं और कुछ इसे रचनात्मक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हैं। मेरी राय में अगर किसी फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिल चुका है, तो फिर उसमें कट की जरूरत नहीं होनी चाहिए। कई बार ऐसा भी होता है कि ए सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी फिल्म में कट लगा दिए जाते हैं जो मुझे सही नहीं लगता। अगर कोई व्यक्ति अठारह वर्ष का है और वोट दे सकता है तो वह यह भी तय कर सकता है कि उसे कौन सी फिल्म देखनी है। यू ए या अन्य कैटेगरी में सलाह दी जा सकती है लेकिन एडल्ट फिल्मों को बिना कट रिलीज किया जाना चाहिए ताकि दर्शक खुद निर्णय ले सकें।

Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
मिलाप जावेरी - फोटो : इंस्टाग्राम

'मस्ती 4' को कितने कट मिले?
कटों की सटीक संख्या मुझे नहीं पता, लेकिन इतना कह सकता हूं कि कट बहुत कम थे और सब कुछ आराम से निपट गया।

क्या ओरिजनल फिल्में कम बन रही हैं और रीमेक ज्यादा हो रहे हैं?
जी, कई लोग कहते हैं कि इंडस्ट्री रीमेक पर निर्भर हो गई है या रचनात्मकता कम हो गई है लेकिन मैं इसे अलग नजरिये से देखता हूं। इस साल की तीन सबसे सफल फिल्में 'सैयारा', 'छावा' और 'दीवाने की दीवानियत' पूरी तरह ओरिजनल थीं। यह साबित करता है कि इंडस्ट्री में आज भी उत्कृष्ट ओरिजनल कंटेंट बन रहा है और दर्शक उसे पसंद भी कर रहे हैं। कुछ रीमेक भी बनते हैं जैसे सितारे जमीन पर और वे भी अच्छा व्यवसाय कर लेती हैं। इसलिये यह कहना सही नहीं कि हम सिर्फ रीमेक बना रहे हैं। मूल बात कंटेंट की है। फ्रेंचाइज आपको बस एक शुरुआत देती है लेकिन चलती वही फिल्म है जिसका कंटेंट दर्शक को पकड़ लेता है।

Milap Zaveri Exclusive Interview: Mastiii 4 Movie Director talks about cinema and his upcoming Film
'सत्यमेव जयते 2' - फोटो : साभार-@imdb

अगर मौका मिले तो कौन सी फिल्म को आप दोबारा रिलीज होते देखना चाहेंगे?
जॉन अब्राहम की 'सत्यमेव जयते 2' महामारी के बीच रिलीज हुई, जिससे फिल्म को जैसा चाहा वैसे रिस्पांस नहीं मिला। उस समय लोग थिएटर की बजाय ओटीटी पर अधिक निर्भर थे और ऐसे माहौल में मास एक्शन फिल्मों को वह मौका नहीं मिल पाया जिसकी जरूरत थी। मेरा विश्वास है कि अगर यह फिल्म आज रिलीज होती तो इसका परिणाम बिल्कुल अलग होता।

कोई ऐसा जोनर जिसमें आप आगे प्रयोग करना चाहेंगे जो अब तक नहीं किया?
मैं लगभग हर जोनर कर चुका हूं । कॉमेडी भी की है रोमांस भी किया है और एक्शन भी किया है। मेरी पिछली फिल्म एक प्यारी प्रेम कहानी थी, उससे पहले एक्शन थ्रिलर और अब मेरी आने वाली फिल्मों में एक मैड कॉमेडी और एक फैमिली कॉमेडी शामिल है। मैं हमेशा नए जोनर करने में विश्वास रखता हूं ।

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'द फैमिली मैन 3' - फोटो : वीडियो ग्रैब

वेब सीरीज का शौक रखते हैं?
हां बिल्कुल। कई अच्छी सीरीज हैं। रॉकेट बॉयज मुझे बहुत पसंद आई। 'द फैमिली मैन' शानदार है और 'स्कैम 1992' भी बेहतरीन थी। 'रॉकेट बॉयज' के निर्देशक का काम मुझे असाधारण लगा। हर एपिसोड बहुत रोचक था।

अपनी अगली फिल्म के बारे में बताएं।
मेरी नई फिल्म तेरा यार हूं मैं एक ड्रामा रोमांस कहानी है। इसमें इंदर कुमार के बेटे अमन इंदर कुमार को लॉन्च किया जा रहा है और उनके साथ आकांक्षा शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। दोनों बहुत प्रतिभाशाली और ताजा चेहरे हैं। आकांक्षा ब्लॉकबस्टर गाने जुगनू का हिस्सा रह चुकी हैं। इन दोनों की केमिस्ट्री फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। शूटिंग पूरी हो चुकी है और फिल्म अभी पोस्ट प्रोडक्शन में है। हमारी योजना है कि इसे 2026 की शुरुआत में रिलीज किया जाए।

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