Lokah Chapter 1 Movie Review: सीट से बांधे रखेगी ‘लोका’, बेहतर हो सकता था अंत; दिल चुराकर चौंका देंगी कल्याणी
Lokah Chapter 1 Chandra Movie Review In Hindi: मलयालम फिल्म ‘लोका: चैप्टर 1 चंद्रा’ अपनी रिलीज के बाद से लगातार ही चर्चाओं में बनी हुई है। फिल्म अब हिंदी में भी उपलब्ध है। इस रिव्यू में जानिए कैसी है यह फिल्म।

विस्तार
आज के रिव्यू में हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘लोका चैप्टर 1’ की। एक ऐसी फिल्म जो सीमित बजट में बनी और सिर्फ मलयालम भाषा में रिलीज हुई, वो भी सुपरस्टार मोहनलाल की फिल्म ‘हृदयपूर्वम’ के साथ। इसके बावजूद इस फिल्म ने एक हफ्ते में ‘हृदयपूर्वम’ से लगभग तीन गुना ज्यादा कमाई की। फिल्म का क्रेज इतना है कि मेकर्स को इसे पहले तमिल, तेलुगु और फिर अब एक हफ्ते बाद हिंदी में भी रिलीज करना पड़ा। इसके बढ़ते क्रेज का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक दिन पहले जिस फिल्म के हिंदी में मात्र दो शो चल रहे थे, उसके आज दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में लगभग 20 शो लग गए हैं। खैर, ये तो था फिल्म का क्रेज.. अब जानिए फिल्म कैसी है?

कहानी
फिल्म की कहानी एक रहस्यमयी लड़की चंद्रा (कल्याणी प्रियदर्शन) के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जो स्वीडन से आकर बंगलूरू में बस जाती है। यहां उसके फ्लैट के सामने सनी (नास्लेन) अपने दो दोस्तों नाइजिल (अरुण कुरियन) और वेणू (चंदू सलीमकुमार) के साथ रहता है। सनी, चंद्रा को पसंद करने लगता है और उससे दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करता है। वहीं चंद्रा अपनी पहचान छिपाने के लिए एक कैफे में काम करने लगती है। यहां उसके साथ काम करने वाली लड़की को मुर्गेसन नाम का गैंगस्टर परेशान कर रहा होता है, जिसे चंद्रा पीट देती है। मुर्गेसन, शहर में अंग तस्करी का रैकेट भी चलाता है। इस काम में उसकी मदद इंस्पेक्टर नाचियप्पा गौड़ा (सैंडी) भी करता है। दोनों मिलकर चंद्रा के पीछे पड़ जाते हैं। एक रात मुर्गेसन, चंद्रा का अपहरण करके उसे एक सुनसान जगह ले जाता है। अब चंद्रा, मुर्गेसन और नाचियप्पा से कैसे बचेगी? चंद्रा कौन है? उसका अतीत क्या है ? यह सब जवाब आपको फिल्म देखकर मिलेंगे।

निर्देशन
फिल्म के निर्देशक हैं डोमिनिक अरुण हैं। यह अरुण की दूसरी फिल्म है। इससे पहले उन्होंने 2017 में 'थारंगम' बनाई थी जिसे धनुष ने प्रोड्यूस किया था। अरुण ने फिल्म के पहले हाफ को बड़े ही अच्छे से डेवलप किया। हर बात को लेकर सस्पेंस रखा। चंद्रा कौन है? यह राज भी बड़े ही शानदार अंदाज में खोला पर सेकंड हाफ में वो थोड़ा भटक गए। जहां पहले हाफ मे सब कुछ ऐसा था कि फिल्म से आपकी नजरें नहीं हटतीं, वहीं दूसरे हाफ के कई सीन खींचे हुए लगे। कहानी हल्की सी भटकी और अधूरी भी लगती है क्योंकि यह इस यूनिवर्स का पहला ही पार्ट है। कुल मिलाकर कुछ कमियां छोड़ दें तो डोमिनिक अरुण का काम बढ़िया है।

अभिनय
कल्याणी प्रियदर्शन की डेब्यू फिल्म 'हैलो' देखकर ही यह अंदाजा लग गया था कि ये इंडस्ट्री में काफी नाम कमाने वाली हैं। इस फिल्म में वो जितनी प्यारी और मासूम लगी हैं, उतनी ही खतरनाक भी। उनके बचपन का रोल करने वाली बाल कलाकार का काम भी बढ़िया है। फिल्म में विलेन बने हैं सैंडी। ये वही साइको हैं जिन्होंने फिल्म ‘लियो’ में विजय के कैफे पर हमला किया था। यहां ये भ्रष्ट पुलिस वाले के किरदार मे हैं। साइको किलर्स और विलेन राेल में सैंडी हमेशा सटीक चुनाव रहे हैं। यहां भी वो आपको डराते हैं। फिल्म के हीरो नास्लेन और उनके दोनों दोस्तों का काम बढ़िया है। ये तीनों फिल्म में फन लेकर आते हैं। कैमियों में टोविनो थॉमस ठीक-ठाक हैं। फिल्म में हालिया रिलीज ‘कुली’ से चर्चा में आए सौबिन शाहिर की एक झलक भी है, जो आपको खुश कर देती है। अंत में फिल्म के प्रोड्यूसर और मलयालम सुपरस्टार दुलकर सलमान का आना तो बनता ही था।

क्या है खास
बीते कुछ वक्त से मलयालम सिनेमा को लेकर जो क्रेज बढ़ा है, उसकी वजह सिर्फ एक है- अनोखा और अलग कंटेंट। जिन छोटी चीजों को बॉलीवुड फिल्ममेकर्स नजरअंदाज करते हैं, मलयालम सिनेमा में वो ही छोटी सी कहानी लो बजट में परोसकर हिट हो जाती है। साल 2021 में ऐसी ही एक लो बजट सुपरहीरो मलयालम फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ भी रिलीज हुई थी, जो बड़ी हिट साबित हुई थी। खैर, फिल्म 'लोका चैप्टर 1' में जाे अच्छा है वो है सिनेमैटोग्राफी और कैमरावर्क। एक्शन सीन कमाल के हैं। फिल्म में एक छोटी बच्ची भी हैरतअंगेज एक्शन करती नजर आती है। स्टोरी डेवलप करने का तरीका बड़ा मजेदार है। बैकग्राउंड म्यूजिक तगड़ा है।
क्या है कमी
थोड़ा सा फीका सेकंड हाफ। जरूरत से ज्यादा किरदार, जो फिल्म में किस लिए थे यह पता ही नहीं चलता। संभवत: इन किरदारों को अगले पार्ट में डेवलप किया जाएगा। बार-बार सुपरहीरो का कमजोर पड़ना भी आपको थोड़ी खीझ देता है। इससे बचा जा सकता था।
क्यों देखें?
एक नई तरह की कहानी देखने के लिए। मलयालम सिनेमा कम बजट में कैसे-कैसे एक्सपेरिमेंट कर रही है वो सीखा जा सकता है। देश में फीमेल सुपरहीरो वाली फिल्में कम ही रिलीज होती हैं और रिलीज होकर अगर हिट हो रही है, तो देखकर आइये कि आखिर ऐसा क्या है ? अच्छा.. टाइटल्स पूरे खत्म होने के बाद भी एक सीन आता है, उसे जरूर देखना।