टाइम 100 के मंच पर पहुंचीं स्मृति ईरानी, महिला सशक्तिकरण से जुड़ी पहल 'स्पार्क' पर की बात
Smriti Irani At Times 100: पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित हुई टाइम 100 समिट में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने महिलाओं के लिए अपनी पहल 'स्पार्क' को ग्लोबल मंच पर रखा। क्या है मामला, चलिए जानते हैं।
विस्तार
1 लाख महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प
'स्पार्क द 100K कलेक्टिव’ का मकसद भारत के 300 शहरों में 1 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। यह अभियान न सिर्फ कौशल विकास पर ध्यान देता है, बल्कि महिलाओं को अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने और उन्हें विस्तार देने में सहयोग भी करता है। हाल ही में दिल्ली में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसे बड़ी सफलता मिली। स्मृति ईरानी ने टाइम100 मंच पर अपने भाषण में बताया कि यह पहल छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है- कौशल विकास, संसाधन उपलब्धता, प्रशिक्षण, सहयोग नेटवर्क, वित्तीय सशक्तिकरण और सामाजिक नेतृत्व।
स्मृति ने साझा की तस्वीरें
इस इवेंट से जुड़ी फोटोज को खुद अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया। उन्होंने लिखा- 'जब महिलाएं एक-दूसरी को ऊपर उठाती हैं, तो वो बदलाव की चिंगारी जगा सकती हैं। न्यूयॉर्क में आयोजित टाइम्स नेक्स्ट 100 कार्यक्रम में बोलकर मुझे बेहद खुशी हुई। यह मंच आने वाले समय के उन नेताओं का जश्न मनाने के लिए था जो कला, संस्कृति, नवाचार, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में बदलाव ला रहे हैं। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि खुशी, उम्मीद, शांति, संभावनाओं, साहस और आकांक्षाओं का उत्सव था।
अपनी जड़ों को याद कर भावुक हुईं स्मृति
स्मृति ने मंच पर जब अपने सफर के बारे में बात करना शुरू की तो वो काफी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता दिल्ली की सड़कों पर पुरानी टाइम मैगजीनें बेचकर परिवार चलाते थे और आज उनकी बेटी उसी पत्रिका के मंच पर भारत की आवाज बनकर खड़ी है। उन्होंने कहा, 'जिंदगी एक पूरा चक्र है और आज वह मेरे लिए पूरा हुआ है। मैं यहां हूं क्योंकि मेरे माता-पिता ने मेहनत की और समाज ने मुझे मौका दिया।'
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भारतीय महिलाओं की शक्ति का वैश्विक परिचय
स्मृति ईरानी ने अपने भाषण में भारत की महिला कार्यशक्ति की ताकत पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में 40 करोड़ महिलाएं कार्यशील हैं, जिनमें से 9 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों से हर साल लगभग 37 अरब डॉलर का योगदान करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 15 लाख महिलाएं पंचायत प्रतिनिधि हैं और 60 लाख महिलाएं रोजाना स्वास्थ्य सेवाओं में जुटी हैं।
'सरकार का इंतजार नहीं, खुद बदलाव की शुरुआत'
स्मृति ने कहा कि स्पार्क की पहल का उद्देश्य सरकार की प्रतीक्षा नहीं करना, बल्कि स्वयं आगे बढ़कर बदलाव की शुरुआत करना है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि वे इस मिशन को भारत के 300 शहरों से शुरू कर 10 लाख महिलाओं तक पहुंचाना चाहती हैं और इसके लिए 100 मिलियन डॉलर का प्रभाव फंड तैयार किया जा रहा है।
महिलाओं के लिए वैश्विक संदेश
अपने संबोधन के अंत में स्मृति ने विश्व के नेताओं से अपील की कि अब समय है महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने का। उन्होंने कहा, 'दुनिया में महिलाएं 30 ट्रिलियन डॉलर की खरीदारी नियंत्रित करती हैं, लेकिन वे अब भी हर तीन में से सिर्फ एक व्यवसाय की मालिक हैं और औसतन 20 प्रतिशत कम वेतन पाती हैं। बदलाव की शुरुआत यहीं से होनी चाहिए।'