सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Entertainment ›   South Cinema ›   Mohanlal Mother Santhakumari Passes Away At 90 She Was Suffering From Neurological Disorders

सुपरस्टार मोहनलाल की मां का हुआ निधन, 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस; इस गंभीर बीमारी से थीं पीड़ित

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: आराध्य त्रिपाठी Updated Tue, 30 Dec 2025 04:26 PM IST
विज्ञापन
सार

Mohanlal Mother Death: मलयालम इंडस्ट्री में शोक की लहर है, क्योंकि सुपरस्टार मोहनलाल की मां का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। जानिए किस समस्या का कर रही थीं सामना…

Mohanlal Mother Santhakumari Passes Away At 90 She Was Suffering From Neurological Disorders
मोहनलाल और उनकी मां संथाकुमारी - फोटो : एक्स
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मलयालम सुपरस्टार और दादासाहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित अभिनेता मोहनलाल पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मोहनलाल की मां संथाकुमारी का आज यानी 30 दिसंबर को केरल के कोच्चि में निधन हो गया। वो 90 साल की थीं। संथाकुमारी का निधन अभिनेता के एलामाक्कारा स्थित आवास पर हुआ। वह कुछ समय से न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। उनके निधन की पुष्टि अमृता अस्पताल के डॉक्टरों ने की। यहीं उनका इलाज चल रहा था।

Trending Videos

लंबे समय से बीमार थीं मोहनलाल की मां
डॉक्टरों की देखरेख में इलाज के बावजूद उम्र और बीमारी के आगे शरीर ने साथ छोड़ दिया। मोहनलाल ने अपने सार्वजनिक जीवन में कई बार अपनी मां का जिक्र बेहद सम्मान और स्नेह के साथ किया है। वह उन्हें अपने जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा मानते थे। चाहे करियर के शुरुआती संघर्ष हों या अपार सफलता के दिन, संथाकुमारी हर मोड़ पर बेटे के साथ मजबूती से खड़ी रहीं। अभिनेता अक्सर मंचों से यह स्वीकार करते रहे कि जो संस्कार और संतुलन उन्हें जीवन में मिला, उसकी जड़ें उनकी मां की सीख में हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

Mohanlal Mother Santhakumari Passes Away At 90 She Was Suffering From Neurological Disorders
मोहनलाल और उनकी मां संथाकुमारी - फोटो : एक्स
मां के बेहद करीब थे मोहनलाल
कोरोना महामारी के दौरान जब देश लॉकडाउन से गुजर रहा था, तब मोहनलाल ने अपने जीवन के सबसे भावुक अनुभवों में से एक साझा किया था। काम से अचानक मिली फुरसत में वह अपनी मां से दूर थे। वीडियो कॉल के जरिए रोज बातचीत करना ही उनके लिए एकमात्र सहारा था। उस समय उन्होंने यह भी महसूस किया था कि मां की मौजूदगी जीवन में कितनी जरूरी होती है, चाहे इंसान कितनी भी ऊंचाई पर क्यों न पहुंच जाए। अपने पिता की बीमारी के दिनों को याद करते हुए मोहनलाल ने कई बार बताया कि किस तरह संथाकुमारी ने धैर्य और करुणा के साथ उनका साथ निभाया। 
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed