Zubeen Garg: ‘गैंगस्टर’ के गाने से मिली थी जुबीन गर्ग को पहचान, 23 साल पहले बहन का भी हुआ था आकस्मिक निधन
Zubeen Garg Death: लोकप्रिय सिंगर जुबीन गर्ग नहीं रहे। सिंगापुर में दुखद दुर्घटना में उनका निधन हो गया। वह स्कूबा डाइविंग कर रहे थे तभी हादसे का शिकार हो गए। वे असमिया संगीत जगत की दिग्गज हस्ती थे। इसके अलावा उन्होंने हिंदी सिनेमा में भी गाने गाए।


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विस्तार
सिंगर जुबीन गर्ग के आकस्मिक निधन की खबर से फैंस स्तब्ध हैं। असमिया संगीत जगत के लोकप्रिय सिंगर जुबीन सिंगापुर गए थे। वहां स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसे का शिकार हुए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, मगर डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। मुख्य रूप से वे असमिया संगीत जगत में सक्रिय थे, मगर इसके अलावा उन्होंने हिंदी सिनेमा सहित कई अन्य भाषाओं में भी अपनी सुरीली आवाज से गाने सजाए। जानते हैं जुबीन गर्ग के बारे में...

विरासत में मिली गायन प्रतिभा
सिंगर, राइटर, कंपोजर और कवि जुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय के तुरा में हुआ। उनका नाम संगीतकार ज़ुबिन मेहता के नाम पर रखा गया था। जुबीन के पिता मोहिनी बोरठाकुर मजिस्ट्रेट थे और कपिल ठाकुर नाम से गीतकार और कवि थे। वहीं उनकी मां इल्ली बोरठाकुर सिंगर थीं, लिहाजा संगीत के प्रति दिलचस्पी और प्रतिभा उन्हें माता-पिता से विरासत में मिली।
Zubeen Garg: ‘गैंगस्टर’ फेम गायक जुबीन गर्ग का निधन, स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ हादसा; अस्पताल में दम तोड़ा
40 से अधिक भाषाओं में बिखेरा आवाज का जादूजुबीन गर्ग ने मुख्य रूप से असमिया, बंगाली और हिंदी भाषा की फिल्मों में गाने गाए। मगर, इसके अलावा उन्होंने अंग्रेजी, गोलपारिया, कन्नड़, कार्बी, खासी, मलयालम, मराठी, मिसिंग, नेपाली, ओडिया, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, तिवा सहित करीब 40 अन्य भाषाओं और बोलियों में भी अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा। वह कई संगीत वाद्ययंत्र बजाना जानते थे। आनंदलहरी, ढोल, दोतारा, ड्रम, गिटार, हारमोनिका, हारमोनियम, मैंडोलिन, कीबोर्ड, तबला और विभिन्न ताल वाद्य यंत्रों सहित वे 12 वाद्ययंत्र बजाने में माहिर थे।

असम म्यूजिक इंडस्ट्री से शुरू किया करियर
जुबीन गर्ग ने साल 1992 में आयोजित युवा महोत्सव में अपने पश्चिमी एकल प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने पेशेवर रूप से संगीत की दुनिया में कदम रखने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने अपने पहले असमिया एल्बम 'अनामिका' के जरिए पेशेवर संगीत की दुनिया में कदम रखा। यह एल्बम नवंबर 1992 में रिलीज हुई। 1995 में उन्होंने मुंबई का रुख किया। इससे पहले उन्होंने अपना पहला बिहू एल्बम उजान पिरिति जारी किया, जो हिट रहा। जुबीन असम संगीत जगत के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले सिंगर थे।
1995 में किया मायानगरी का रुख
1995 के आसपास जुबीन गर्ग बॉलीवुड संगीत इंडस्ट्री में काम करने के लिए मुंबई गए, जहां उन्होंने अपना पहला इंडीपॉप सिंगल एल्बम 'चांदनी रात' रिलीज किया। उन्होंने चंदा (1996), जलवा (1998), यू ही कभी (1998), जादू (1999), स्पर्श (2000) जैसे कई हिंदी एल्बम और रीमिक्स गाने रिकॉर्ड किए। जुबीन को उन्हें गद्दार (1995), दिल से (1998), डोली सजा के रखना जैसी फिल्मों में गाने का मौका मिला। हालांकि, साल 2006 में आई फिल्म 'गैंगस्टर' में के 'या अली' गाने ने उनकी लोकप्रियता में जबर्दस्त इजाफा किया।

2002 में जुबीन की बहन की सड़क हादसे में गई थी जान
जुबीन गर्ग के साथ आज गुरुवार 19 सितंबर को सिंगापुर में हादसा हुआ। इसी तरह साल 2002 में सिंगर की बहन का निधन भी हुआ था। जुबीन गर्ग की छोटी बहन, जोंकी बोरठाकुर चर्चित अभिनेत्री और गायिका थीं। वे फरवरी 2002 में सोनितपुर जिले में एक कार दुर्घटना का शिकार हो गई थीं, जिसमें उनका निधन हो गया। जोंकी अपने सह-कलाकारों के साथ स्टेज शो करने के लिए यात्रा कर रही थीं। जुबीन ने साल 2002 में बहन की याद में एल्बम 'जिक्सु' जारी किया था। जुबीन गर्ग की दूसरी बहन डॉ. पाल्मे बोरठाकुर हैं।