Fact Check: अमेरिकी झंडे के अपमान के दो साल पुराने वीडियो को न्यूयॉर्क मेयर चुनाव से जोड़कर किया जा रहा शेयर
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि न्यूयॉर्क शहर में प्राइमरी चुनाव में जोहरान ममदानी के जीत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग न्यूयॉर्क शहर में अमेरिकी झंडे को निकाल रहे हैं। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति स्ट्रीट लैंप पर चढ़ कर अमेरिकी झंडे को निकाल रहा है। इस वीडियो को न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के लिए प्राइमरी चुनाव में जोहरान ममदानी की जीत से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि न्यूयॉर्क सिटी में मुस्लिम अमेरिकी झंडे को निकाल रहे हैं।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया है कि वायरल वीडियो करीब दो साल पुराना है। दरअसल, एक फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी इस्राइल के गाजा पर हमले बाद अमेरिकी झंडे को निकाल रहा है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा न्यूयॉक में मुस्लिम अमेरिकी झंडे को निकाल रहा है।
जीनत राणा (@izeennatrana) नाम की एक्स यूजर ने लिखा “न्यूयॉर्क शहर में मुसलमान अमेरिकी झंडे फाड़ रहे हैं...! आपको वही मिलेगा जिसके लिए आपने वोट दिया था...!” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।
इसी तरह के अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 11 नवंबर 2023 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो देखने को मिला। इसके साथ ही बताया गया था कि एक फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी को अमेरिकी झंडे को निकाले के लिए गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही बताया गया है कि शुक्रवार को मैनहट्टन के ग्रांड सेंट्रल टर्मिनल पर सेवाएं अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गईं। फिलीस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों की भीड़ गाजा में इस्राइल के हमले के विरोध में न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर उतर आई। प्रदर्शन के कारण शहर में अराजकता फैल गई। इसके साथ ही कुछ लोगों ने बंद स्टेशन में घुसने की कोशिश की।
आगे की पड़ताल में हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 12 नवंबर 2023 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वेटरन्स डे के मौके पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के झंडों का अपमान किया।
यहां से साफ होता है कि वायरल वीडियो पुराना है। इस वीडियो का मौजूदा समय से कोई संबंध नहीं है।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो करीब दो साल पुराना है, जिसें हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।