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Fact Check: अखिलेश यादव की एआई से बनी मूर्ति की तस्वीर को असली बताकर किया जा रहा शेयर, पढ़ें पड़ताल

फैक्ट चेक डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Fri, 19 Sep 2025 05:57 PM IST
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सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की एक तस्वीर शेयर की जा रही है। इसमें उनका एक विशाल मूर्ति बनती नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर असली है। हमारी पड़ताल में यह तस्वीर एआई से बनी निकली। 

fact check Image of AI-generated statue of Akhilesh Yadav being shared as real
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की एक तस्वीर शेयर की जा रही है। इस तस्वीर में अखिलेश यादव की एक बड़ी सी मूर्ति कुछ कारीगर बनाते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि लखनऊ में अखिलेश यादव की मूर्ति बन रही है। 

अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि यह तस्वीर एआई के माध्यम से बनाई गई है। इस तस्वीर में किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। एआई से बनी हुई तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

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क्या है दावा 

इस तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि लखनऊ में अखिलेश यादव की विशाल मूर्ति बन रही है। 

Socialist_brajesh_ydv नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करके लिखा, “लखनऊ में नायक की मूर्ति बन रही है” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। 


 

इस तरह के कई और दावों का लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। 

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए  कीवर्ड के माध्यम से इंटरनेट पर सर्च किया। यहां हमें इस तरह की कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें यह बताया गया हो कि लखनऊ में अखिलेश यादव की विशाल मूर्ति बन रही है। तस्वीर को देखने से इसके रेजोल्यूशन काफी हाई दिख रहा था। आमतौर पर खींची गई तस्वीर में इस तरह का रेजोल्यूशन नहीं दिखता है। यहां से हमें इसके एआई से बने होने की संभावना दिखी। इसके बाद हमने तस्वीर को एआई डिटेक्शन टूल पर जांचने की कोशिश की। इससे तस्वीर के एआई से बने होने की जानकारी मिलती है। इसके लिए हमने एआई डिटेक्शन टूल हाइव का इस्तेमाल किया। हाइव ने इस तस्वीर के 99.9% एआई से बने होने की जानकारी मिली।

आगे हमने एक एआई डिटेक्शन टूल साइट इंजन पर भी इस तस्वीर को जांचने की कोशिश की। यहां हमें इस तस्वीर के 52% एआई से बने होने की जानकारी मिली। हमने जिन दो एआई डिटेक्शन टूल का इस्तेमाल किया उन दोनों ने ही इस तस्वीर को एआई से माध्यम से बने होने की जानकारी दी। 

पड़ताल का नतीजा 

हमारी पड़ताल में यह साफ है कि तस्वीर को एआई के माध्यम से बनाया गया है। तस्वीर को असली बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है। 


 
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