Fact Check: लॉरेंस बिश्नोई का पुराना वीडियो हालिया होने का दावा भ्रामक, जानें पड़ताल में सच
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लॉरेंस बिश्नोई कविता बोलता नजर आ रहा है। इस वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
विस्तार
क्या है दावा
इस वीडियो को शेयर करके लोग दावा कर रहे हैं कि लॉरेंस बिश्नोई ने ये वीडियो जेल से बनाया है। इस वीडियो से वो सभी को बधाई दे रहा है।
गुड्डु खेतान (@guddu_khitan) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “लॉरेंस बिश्नोई की हिन्दी-उर्दू में देश भक्ति वाली कविता, जेल से किसे दिया संदेश? क्या चीज़ है भाई ये आदमी, इसे ही कुछ नेता निपटाने की धमकी दे रहे, क्या मैसेज दिया बिश्नोई ने?”
लॉरेंस बिश्नोई की हिन्दी-उर्दू में देश भक्ति वाली कविता, जेल से किसे दिया संदेश? क्या चीज़ है भाई ये आदमी, इसे ही कुछ नेता निपटाने की धमकी दे रहे, क्या मैसेज दिया बिश्नोई ने?#LawrenceBishnoi #LawrenceBishnoiGang #SalmanKhan #BabaSiddiqui pic.twitter.com/00Ck8As5Vp
— Guddu Khetan (@guddu_khetan) October 14, 2024
मनीष थधानी (@ThadhaniManish_) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई का एक रूप ऐसा भी, देशभक्ति कविता का पाठ करते हुए, फौजी भाइयों को भी बधाइयां दी।”
अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस बिश्नोई का एक रूप ऐसा भी, देशभक्ति कविता का पाठ करते हुए, फ़ौजी भाइयों को भी बधाइयां दी।
— मनीष थधानी (@ThadhaniManish_) October 14, 2024
Lawrence Bishnoipic.twitter.com/uMPUqUWxEM
पड़ताल
वीडियो की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इंटरनेट पर चांद नागरा नाम से एक यूट्यूब चैनल मिला। इस चैनल पर वायरल हो रहे वीडियो को दो वर्ष पहले शेयर किया गया था। इस वीडियो के साथ कैप्शन लिखा गया था “लोरस बिश्नोई मेरा भाई”
कीवर्ड से सर्च करने पर हमें एक और यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो मिला। इस यूट्यूब चैनल का नाम यूथ चेन है। यहां इस वीडियो को 15 नवंबर, 2016 को इस कैप्शन “सरफ़रोशी की तमन्ना 1921 में पटना के बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा उर्दू में लिखी गई एक देशभक्ति कविता है, और फिर इसे भारत में ब्रिटिश राज के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के नारे के रूप में अमर कर दिया गया। यह पहली बार दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका "सबा" में प्रकाशित हुई थी।
यह कविता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के युवा स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में लिखी गई थी। यह अशफाकउल्ला खान, शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अंतर-युद्ध स्वतंत्रता सेनानियों की युवा पीढ़ी से भी जुड़ी हुई है।” के साथ शेयर किया गया था।
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में ये साफ है कि वीडियो हालिया नहीं है।