Fact Check: चिराग पासवान के तीन साल पुराने वीडियो को अभी का बताकर किया जा रहा झूठा दावा
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वोट चोरी के आरोप में चिराग पासवान को गिरफ्तार किया गया है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में चिराग पासवान नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वोट चोरी के आरोप में चिराम पासवान गिरफ्तार हुए हैं।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो करीब 3 साल पुराना है, जब वह नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चिराग पासवान को वोट चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
Ahiran_santu_1k' नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा “ कृपया इसको शेयर करे। इसके साथ ही वीडियो में लिखा है कि वोट चोरी में चिराग पासवान गिरफ्तार हुआ। पटना में ईवीएम मशीन लगाया गया था वोट चोरी करने के लिए कृपया आप लोग शेयर करें। पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
हमने इस दावे की पड़ताल करने के लिए कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें हाल ही चिराग पासवान की गिरफ्तारी से संंबंधी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमें आगे की पड़ताल में बिहार तक के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिली। यह पोस्ट 15 फरवरी 2022 को साझा की गई है। पोस्ट में लिखा है कि चिराग पासवान को पटना में पुलिस ने किया गिरफ्तार नीतीश कुमार के खिलाफ कर रहे थे गांधी मैदान से राजभवन तक मार्च।
इसके बाद हमें एनडीटीवी की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 16 फरवरी 2022 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को पटना पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया। वह नीतीश कुमार सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ विरोध मार्च निकाल रहे थे। यह मार्च ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू हुआ था। इसके बाद चिराग और उनके समर्थकों को आयकर चौराहे के पास हिरासत में लिया गया, जब वे राज्यपाल फागू चौहान को ज्ञापन देने के लिए राज निवास की ओर बढ़ रहे थे।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि चिराग पासवान के पुराने वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।