Fact Check: पश्चिम बंगाल में कोरोना के दौरान पुलिस पर हमले का वीडियो मुर्शिदाबाद हिंसा से जोड़कर हो रहा शेयर
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें लोगों की भीड़ पुलिस पर हमला करती हुई नजर आ रही है। वीडियो शेयर करके दावा किया जा रहा है कि बंगाल में यह घटना वक्फ कानून के प्रदर्शन के दौरान हुई है। अमर उजाला की पड़ताल में यह दावा गलत निकला है।
विस्तार
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की कड़ी आलोचना हो रही है। हिंसा की कई तस्वीरें लगातार सामने आ रही है। इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है सेना के जवानों पर लोगों की भीड़ हमला कर रही है। सेना के जवान भागते हुए नजर आ रहे हैं और लोगों की भीड़ उनके पीछे भागते हुए हमला कर रही है। वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा का है। वीडियो शेयर करने वाले दावा कर रहे हैं कि कट्टरपंथी मुसलमानों ने हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस और आरएएफ को निशाना बनाया।
हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है। हमारी पड़ताल में पता चला कि यह वीडियो असल में अप्रैल 2020 का है। यह घटना पश्चिम बंगाल में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हुई थी। उस समय लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया था।
आपको बता दें कि इस महीने के शुरू में देश में नया वक्फ संसोधन कानून लागू हुआ है। इस कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद जिले में हुए प्रदर्शनों के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हो गए और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है।
क्या है दावा
वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मुसलमानों ने नमाज के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस और आरएएफ को निशाना बनाया। सोशल मीडिया यूजर दावा कर रहे हैं पुलिस और आरएएफ को पश्चिम बंगल में सुरक्षा की जरूरत पड़ रही है। यूजर इसे जनसंख्या जिहाद भी कह रहे हैं।
अमित श्रीवास्तव (@AmiSri) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “पश्चिम बंगाल में जुम्मे की नमाज़ के बाद, RAF के सुरक्षाकर्मियों को ख़ुद सुरक्षा की ज़रूरत पड़ गई। ये पश्चिम बंगाल भारत में ही है या बांग्लादेश में? चिंता का विषय है, जनसंख्या जिहाद के सामने सब फेल है-- पुलिस, सरकार, सेना!”
पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी नीचे देखा जा सकता है।
इसी तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो को कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें न्यूज एजेंसी एएनआई की वीडियो से संबंधित एक खबर देखने को मिली। इस खबर 29 अप्रैल 2020 को प्रकाशित किया गया था। खबर में बताया गया था कि पश्चिम बंगाल में हावड़ा के टिकियापारा में एक बाजार में भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश करने पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद दो पुलिसकर्मी घायल हो गए । लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बाजार में जमा हुई भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद इलाके में भारी पुलिस बल और आरएएफ को तैनात किया गया है।
आगे कीवर्ड से सर्च करने पर हमें कई और मीडिया रिपोर्ट देखने को मिली जिसमें इस वीडियो के बारे में पता तला। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के टिकियापाड़ा में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू कर रहे कई पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने हमला कर दिया। यह घटना शाम को उस समय हुई जब पुलिस गश्ती दल को सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के बहाने स्थानीय बाजार में भीड़ लगा रहे हैं और लॉकडाउन तथा सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
इसी घटना के जुड़ी हुई कई और मीडिया रिपोर्ट आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं।

पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि वीडियो पश्चिम बंगाल में 2020 की घटना का है जिसे हालिया प्रदर्शन से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।