Fact Check: एआई से बनी है यूरोपीय नेताओं के डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए कतार में बैठकर इंतजार करने की तस्वीर
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है, तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, फिनलैंड, नाटो और यूरोपीय संघ के नेताओं को इंतजार करवा रहे हैं। हमारी पड़ताल में यह तस्वीर एआई से बनी निकली।

विस्तार
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर किया जा रही है। इस तस्वीर में कुछ देशों के नेता एक कतार में बैठे हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति अन्य लोगों के साथ बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, फ़िनलैंड, नाटो और यूरोपीय संघ के नेताओं को ओवल ऑफिस के बाहर कुर्सियों पर इंतजार करवाया।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि इस तस्वीर को एआई की मदद से बनाया गया है। इसके अलावा, यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि यह तस्वीर फर्जी है।
क्या है दावा
इस तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलने का इंतजार कर रहे यूरोपीय नेता प्रिंसिपल के कार्यालय के बाहर कतार में खड़े बच्चों जैसे लग रहे हैं।
रामिन बियाबानी (@ramin_biabani) नाम के एक एक्स यूजर ने वीडियो को शेयर करके लिखा, “#EU #Balance_Of_Power अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में यूरोपीय संघ का स्थान” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
इस तरह के कई और दावों का लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर के बारे में मीडिया रिपोर्ट सर्च करने की कोशिश की। लेकिन हमें इससे जुड़ी कोई भी मीडिया रिपोर्ट देखने को नहीं मिली। इसके बाद हमें तस्वीर में कई सारी विसंगतियां देखने को मिली जो आमतौर पर एआई से बनी तस्वीरों में देखने को मिलती हैं।
इसमें से कुछ विसंगतियां साफ तौर पर दिख रही थीं जैसे पहले इमैनुअल मैक्रों के दोनों जूतों का डिजाइन अलग-अलग है। मैक्रों और उनके पास बैठी हरे कपड़ों वाली महिला के बीच किसी के पैर दिख रहे हैं, लेकिन वहां कोई बैठा नहीं है।
आगे हमने तस्वीर को एआई डिटेक्शन टूल हाइव मॉडरेशन पर जांचा। इससे सामाग्री के एआई से बने होने की जानकारी मिलती है। तस्वीर को हाइव पर जांचने पर हमें इसके 74.9 प्रतिशत एआई से बने होने की जानकारी मिली।
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि तस्वीर को एआई की मदद से बनाया गया है। एआई से बनी तस्वीर को शेयर करके फर्जी दावा किया जा रहा है।