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कुरुक्षेत्र में हुआ अद्भुत और आध्यात्मिक आनंद का अनुभव : मोदी
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पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र के महाभारत अनुभव केंद्र की खासियत मन की बात में की साझा
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र की अपनी हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि महाभारत अनुभव केंद्र ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ था, यह सभी जानते हैं लेकिन अब उसी इतिहास को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस अनुभव केंद्र में महाभारत की कथा को 3डी लाइट, साउंड शो और डिजिटल तकनीकों के जरिए जीवंत बनाया गया है। 25 नवंबर को कुरुक्षेत्र यात्रा के दौरान इस केंद्र को देखने के बाद उन्हें अद्भुत और आध्यात्मिक आनंद का अनुभव हुआ।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर पर आयोजित इस आयोजन में दुनिया भर से लोग गीता की प्रेरणा लेने पहुंचे जो अपने आप में अत्यंत सुखद दृश्य था। यूरोप और सेंट्रल एशिया समेत कई देशों के कलाकारों की भागीदारी ने इस आयोजन को वैश्विक रूप दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने सऊदी अरब में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर गीता का पाठ किया गया जबकि लातविया में भी एक भव्य गीता महोत्सव आयोजित हुआ। उसमें लिथुआनिया, एस्टोनिया, लातविया और अल्जीरिया के कलाकारों ने उत्साहपूर्वक प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र के अनुभव केंद्र और गीता महोत्सव को भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक बताया है।
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र की अपनी हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि महाभारत अनुभव केंद्र ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ था, यह सभी जानते हैं लेकिन अब उसी इतिहास को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस अनुभव केंद्र में महाभारत की कथा को 3डी लाइट, साउंड शो और डिजिटल तकनीकों के जरिए जीवंत बनाया गया है। 25 नवंबर को कुरुक्षेत्र यात्रा के दौरान इस केंद्र को देखने के बाद उन्हें अद्भुत और आध्यात्मिक आनंद का अनुभव हुआ।
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प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर पर आयोजित इस आयोजन में दुनिया भर से लोग गीता की प्रेरणा लेने पहुंचे जो अपने आप में अत्यंत सुखद दृश्य था। यूरोप और सेंट्रल एशिया समेत कई देशों के कलाकारों की भागीदारी ने इस आयोजन को वैश्विक रूप दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने सऊदी अरब में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर गीता का पाठ किया गया जबकि लातविया में भी एक भव्य गीता महोत्सव आयोजित हुआ। उसमें लिथुआनिया, एस्टोनिया, लातविया और अल्जीरिया के कलाकारों ने उत्साहपूर्वक प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र के अनुभव केंद्र और गीता महोत्सव को भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक बताया है।