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Chandigarh-Haryana News: 77 दिनों की निगरानी में एएफएल के 662 मामले, 238 जगह जली पराली
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- कृषि विभाग का ब्योरा, 2211847 एकड़ जमीन के अंदर पराली प्रबंधन हुआ
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में पराली प्रबंधन के लिए कृषि विभाग की ओर से 77 दिनों तक निगरानी की गई। पराली जलाने वालों पर करीब 10 हजार नोडल अधिकारियों ने निगरानी रखी तो इसका असर यह हुआ कि पिछले पांच वर्षों की तुलना में करीब 86 प्रतिशत तक पराली जलाने के मामले कम हुए। रविवार तक 39.30 लाख एकड़ धान के क्षेत्रफल में से करीब 99.62 प्रतिशत में धान कटाई का कार्य हो गया। इस अवधि में कुल 662 मामले एक्टिव फायर लोकेशन (एएफएल) के चिह्नित किए गए। अगले वर्ष इन मामलों की संख्या शून्य तक लाने की तैयारी है।
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार कुल 662 मामलों में से 655 मामलों की जांच की गई जिनमें 238 स्थानों पर पराली जलती पाई गई। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अन्य प्रकार की आग के 413 मामले पाए गए और 4 एक ही स्थान पर मामले मिले। कुल 237 मामलों में कार्रवाई की गई और 12.62 लाख रुपये का शनिवार तक जुर्माना किया गया।
पराली जलाने पर 230 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई और 248 किसानों की रेड एंट्री की जा चुकी है। कुल 309 अधिकारियों को नोटिस दिए जा चुके हैं और 16 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इनमें 22 नोडल अधिकारियों व सुपरवाइजरों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग लापरवाही के चलते नोटिस दे चुका है। कृषि विभाग 16 नोडल अधिकारियों व सुपरवाइजरों को निलंबित कर चुका है और 287 नोडल अधिकारियों और सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। इस बार सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जुर्माने को पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना किया गया। इस बार 5 हजार रुपये से 35 हजार रुपये तक जुर्माना तय था। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है कि सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए हर स्तर पर तैयारी के साथ काम किया और किसानों ने भी इस बार सहयोग किया।
अगली बार शून्य तक मामले लाने की तैयारी, डी-कंपोजर के 27 हजार पैकेट खरीदेगी सरकार
सरकार ने पराली के मामलों को अगले वर्षों में शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा है। पराली बायोमास पेलेट के ईंट भट्टों में नवंबर 2026 तक 30 प्रतिशत, नवंबर 2027 तक 40 प्रतिशत और नवंबर 2028 तक 50 प्रतिशत उपयोग की तैयारी है। कृषि विभाग 75000 डी-कंपोजर के पैकेट खरीदेगा। इससे 75 हजार एकड़ जमीन के फसल अवशेष जमीन में ही मिश्रित किए जा सकेंगे। किसानों को ऑनलाइन 2211847 एकड़ इन सीटू (खेत के अंदर) पराली प्रबंधन के लिए करीब 18 हजार कृषि यंत्र दिए गए हैं। पशु चारे के लिए किसानों की ओर से 497040 एकड़ पराली का प्रबंध करने की प्रक्रिया जारी है। पंजाब, राजस्थान में पराली खरीदी गई है। 1223705 एकड़ क्षेत्रफल में एक्स टू (खेत से बाहर औद्योगिक क्षेत्र के लिए) प्रबंधन प्रक्रिया जारी है और 14 कंपनियां पराली खरीदने के लिए पंजीकरण करा चुकी हैं। संबंधित कंपनियां बायो एनर्जी, पराली से बायो गैस व दूसरे कार्यों में पराली का उपयोग करेंगी।
हरियाणा के पराली प्रबंधन की केंद्रीय कृषि मंत्री भी कर चुके हैं प्रशंसा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कुछ दिन पहले पराली प्रबंधन को लेकर समीक्षा करते हुए हरियाणा के पराली प्रबंधन के इंतजामों की प्रशंसा की थी। उन्होंने दूसरे राज्यों को भी हरियाणा की तर्ज पर काम करने का सुझाव दिया था। हरियाणा में पराली प्रबंधन की बात करें तो किसानों को 1200 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। फिलहाल किसानों के सत्यापन का कार्य जारी है। इस बार 430 करोड़ का बजट रखा गया है। इस बार रेड से ग्रीन जोन में आने वाली पंचायतों को 1 लाख रुपये मिलेंगे। यलो से ग्रीन जोन में आने वाली पंचायतों को 50 हजार रुपये की अनुदान राशि मिलेगी। पराली प्रबंधन के लिए इस बार 4 के बजाय 12 कृषि यंत्र शामिल किए गए हैं। सीधे धान की बिजाई करने वालों को इस बार 4500 रुपये का अनुदान दिया गया।
15 सितंबर से 30 नवंबर तक पिछले पांच वर्षों में एएफएल के मामले
वर्ष : कुल मामले
2020 : 4202
2021 : 6987
2022 : 3661
2023 : 2303
2024 : 1606
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में पराली प्रबंधन के लिए कृषि विभाग की ओर से 77 दिनों तक निगरानी की गई। पराली जलाने वालों पर करीब 10 हजार नोडल अधिकारियों ने निगरानी रखी तो इसका असर यह हुआ कि पिछले पांच वर्षों की तुलना में करीब 86 प्रतिशत तक पराली जलाने के मामले कम हुए। रविवार तक 39.30 लाख एकड़ धान के क्षेत्रफल में से करीब 99.62 प्रतिशत में धान कटाई का कार्य हो गया। इस अवधि में कुल 662 मामले एक्टिव फायर लोकेशन (एएफएल) के चिह्नित किए गए। अगले वर्ष इन मामलों की संख्या शून्य तक लाने की तैयारी है।
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार कुल 662 मामलों में से 655 मामलों की जांच की गई जिनमें 238 स्थानों पर पराली जलती पाई गई। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अन्य प्रकार की आग के 413 मामले पाए गए और 4 एक ही स्थान पर मामले मिले। कुल 237 मामलों में कार्रवाई की गई और 12.62 लाख रुपये का शनिवार तक जुर्माना किया गया।
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पराली जलाने पर 230 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई और 248 किसानों की रेड एंट्री की जा चुकी है। कुल 309 अधिकारियों को नोटिस दिए जा चुके हैं और 16 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इनमें 22 नोडल अधिकारियों व सुपरवाइजरों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग लापरवाही के चलते नोटिस दे चुका है। कृषि विभाग 16 नोडल अधिकारियों व सुपरवाइजरों को निलंबित कर चुका है और 287 नोडल अधिकारियों और सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। इस बार सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जुर्माने को पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना किया गया। इस बार 5 हजार रुपये से 35 हजार रुपये तक जुर्माना तय था। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है कि सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए हर स्तर पर तैयारी के साथ काम किया और किसानों ने भी इस बार सहयोग किया।
अगली बार शून्य तक मामले लाने की तैयारी, डी-कंपोजर के 27 हजार पैकेट खरीदेगी सरकार
सरकार ने पराली के मामलों को अगले वर्षों में शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा है। पराली बायोमास पेलेट के ईंट भट्टों में नवंबर 2026 तक 30 प्रतिशत, नवंबर 2027 तक 40 प्रतिशत और नवंबर 2028 तक 50 प्रतिशत उपयोग की तैयारी है। कृषि विभाग 75000 डी-कंपोजर के पैकेट खरीदेगा। इससे 75 हजार एकड़ जमीन के फसल अवशेष जमीन में ही मिश्रित किए जा सकेंगे। किसानों को ऑनलाइन 2211847 एकड़ इन सीटू (खेत के अंदर) पराली प्रबंधन के लिए करीब 18 हजार कृषि यंत्र दिए गए हैं। पशु चारे के लिए किसानों की ओर से 497040 एकड़ पराली का प्रबंध करने की प्रक्रिया जारी है। पंजाब, राजस्थान में पराली खरीदी गई है। 1223705 एकड़ क्षेत्रफल में एक्स टू (खेत से बाहर औद्योगिक क्षेत्र के लिए) प्रबंधन प्रक्रिया जारी है और 14 कंपनियां पराली खरीदने के लिए पंजीकरण करा चुकी हैं। संबंधित कंपनियां बायो एनर्जी, पराली से बायो गैस व दूसरे कार्यों में पराली का उपयोग करेंगी।
हरियाणा के पराली प्रबंधन की केंद्रीय कृषि मंत्री भी कर चुके हैं प्रशंसा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने कुछ दिन पहले पराली प्रबंधन को लेकर समीक्षा करते हुए हरियाणा के पराली प्रबंधन के इंतजामों की प्रशंसा की थी। उन्होंने दूसरे राज्यों को भी हरियाणा की तर्ज पर काम करने का सुझाव दिया था। हरियाणा में पराली प्रबंधन की बात करें तो किसानों को 1200 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। फिलहाल किसानों के सत्यापन का कार्य जारी है। इस बार 430 करोड़ का बजट रखा गया है। इस बार रेड से ग्रीन जोन में आने वाली पंचायतों को 1 लाख रुपये मिलेंगे। यलो से ग्रीन जोन में आने वाली पंचायतों को 50 हजार रुपये की अनुदान राशि मिलेगी। पराली प्रबंधन के लिए इस बार 4 के बजाय 12 कृषि यंत्र शामिल किए गए हैं। सीधे धान की बिजाई करने वालों को इस बार 4500 रुपये का अनुदान दिया गया।
15 सितंबर से 30 नवंबर तक पिछले पांच वर्षों में एएफएल के मामले
वर्ष : कुल मामले
2020 : 4202
2021 : 6987
2022 : 3661
2023 : 2303
2024 : 1606