लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ी ने कई प्रकार की क्रॉनिक बीमारियों का जोखिम बढ़ा दिया है। डायबिटीज, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं अब काफी आम हो गई हैं। कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है।
Cancer Treatment: कैंसर का इलाज होगा और भी आसान, भारतीय कंपनी की इस दवा को मिली मंजूरी ने बढ़ाई उम्मीदें
- मेडिकल साइंस में हुई प्रगति और आधुनिक उपचार विधियों ने कैंसर के इलाज को काफी आसान बना दिया है। इसी क्रम में दवा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन को इलाज के लिए असदार मानी जानी वाली दवा के लिए मंजूरी मिल गई है।
कैंसर की दवा को मिली मंजूरी
दवा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन ने सोमवार (1 दिसंबर 2025) को बताया कि उसे कैंसर के मरीजों में न्यूट्रोपेनिया के इलाज की बायोसिमिलर दवा के लिए यूएस हेल्थ रेगुलेटर से मंज़ूरी मिल गई है।
मुंबई स्थित इस कंपनी ने एक बयान में कहा कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने आर्मलुपेग (पेगफिलग्रास्टिम-उन्ने) 6 mg/0.6 mL इंजेक्शन को मंजूरी दे दी है। न्यूलास्टा (पेगफिलग्रास्टिम) इंजेक्शन के बायोसिमिलर के तौर पर इस सिंगल-डोज प्रीफिल्ड सिरिंज से कैंसर के इलाज में मदद मिलने की उम्मीद है।
कैंसर का इलाज होगा सस्ता और आसान
ल्यूपिन की सीईओ विनीता गुप्ता ने कहा, "यह कदम मरीजों को ज्यादी सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवाएं देने के ल्यूपिन के उद्देश्य की दिशा में एक अहम कदम है। हम अगले कुछ वर्षों में बायोसिमिलर का एक मजबूत पोर्टफोलियो लाने की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे मरीजो की देखभाल की क्वालिटी बेहतर करने में मदद मिलेगी।
कैंसर के इलाज के लिए लगातार शोध जारी है। इसी क्रम में हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), राउरकेला के शोधकर्ताओं ने लॉन्ग पेपर (पिप्पली) में पाए जाने वाले एक नेचुरल कंपाउंड की पहचान की है, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं को कम करने और इसके इलाज में विशेष भूमिका निभा सकता है। टीम ने पाया कि यह हेल्दी सेल्स को बिना नुकसान पहुंचाए कोलन कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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