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फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद: हरियाणा में फेसलैस रजिस्ट्री की सुविधा जल्द, राजस्व विभाग कर रहा योजना पर काम

अरूण शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: चण्डीगढ़-हरियाणा ब्यूरो Updated Mon, 20 Oct 2025 12:21 AM IST
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सार

हरियाणा में पेपरलैस रजिस्ट्री की शुरुआत से आमजन को बड़ी राहत मिली है। अब सरकार की योजना है कि आम लोगों को बगैर तहसील कार्यालय में जाए ही रजिस्ट्री से संबंधित कार्य कराने की सुविधा मिल सके।

Faceless registry facility will start soon in the state
सीएम नायब सैनी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हरियाणा सरकार तहसीलों से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रही है। प्रदेश में पेपरलैस रजिस्ट्री शुरू हो चुकी हैं। आमजन के कार्यों को सरल व पारदर्शी बनाने के लिए राजस्व विभाग बड़ी योजना पर काम कर रहा है।
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सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो अगले तीन-चार महीने के अंदर लोगों को फेसलैस रजिस्ट्री की सुविधा मिल सकेगी। इस योजना को लागू करने के लिए मंथन हो चुका है। अब तकनीकी ताैर पर योजना के क्रियान्वयन पर काम जारी है।
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प्रदेश में पेपरलैस रजिस्ट्री की शुरुआत से आमजन को बड़ी राहत मिली है। अब सरकार की योजना है कि आम लोगों को बगैर तहसील कार्यालय में जाए ही रजिस्ट्री से संबंधित कार्य कराने की सुविधा मिल सके। योजना है कि राजस्व विभाग के साॅफ्टवेयर को अपडेट किया जाए और इसी साॅफ्टवेयर पर टोकन से लेकर दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद रजिस्ट्री से संबंधित कार्य कराने की सुविधा दी जाए। किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार नंबर के माध्यम से बायोमीटि्रक के आधार पर ही फोटो अपलोड होगा। ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की सुविधा होगी। 

रजिस्ट्री के अलावा तहसीलों से जुड़े सभी कार्यों की वास्तविक स्थिति यानी कहां और किस स्तर पर कार्य की क्या स्थिति है यह भी पता चल सकेगा। तहसीलों के बजाय रजिस्ट्री की काॅपी भी ई-मेल या व्हाट्सएप पर मिल सकेगी। लोगों रजिस्ट्री व दूसरे दस्तावेज डाक के माध्यम से भी मंगवा सकेंगे। 

हरियाणा भूमि रिकाॅर्ड के महानिदेशक डाॅ. यशपाल का कहना है कि भविष्य में डिजिटल सुविधाएं और बेहतर करने के लिए राजस्व विभाग खुद का डाटा सेंटर स्थापित कर रहा है। रजिस्ट्री के भविष्य में और बेहतर विकल्प जनता के सामने होंगे। इन सभी प्रक्रियाओं के सकारात्मक परिणाम आएंगे।

समय की बचत होगी, राजस्व चोरी रुकेगी

एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) से सेवानिवृत्त वरिष्ठ निदेशक (तकनीकी) मुनीश बाबू गुप्ता ने बताया कि अभी तक तहसीलों में मिलीभगत करके संपत्तियों की असल कीमत को छुपाकर राजस्व की चोरी करने की शिकायतें रहती थीं। भविष्य में पूरी तरह से डिजिटल सेवाएं होंगी तो लोग बगैर तहसीलों में जाए ही रजिस्ट्री व दूसरे कार्य करा सकेंगे। इससे लोगों के समय की बचत होगी और सरकार को भी अधिक राजस्व मिल सकेगा। कोई चाहकर भी राजस्व की चोरी नहीं कर सकेगा। फेसलेस रजिस्ट्री की सुविधा का सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होगा जो दूसरे राज्यों या विदेश में रहते हैं। 

प्राॅपर्टी डीलर वेद प्रकाश शर्मा का कहना है कि डिजिटल सुविधाएं बेशक बढ़ें लेकिन उनका क्रियान्वन सरल व सुव्यवस्थित होना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े।

इस वर्ष अब तक 7690.77 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी से मिले

प्रदेश की तहसीलों, एसडीएम कार्यालयों, जिला राजस्व अधिकारी कार्यालयों में रजिस्ट्री से संबंधित कार्य होते हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में 1 अप्रैल से अब तक प्रदेश में 4,81,547 डीड हो चुकी हैं। इन संपत्तियों की कीमत करीब 146567.22 करोड़ है। प्रदेश सरकार को इस वर्ष अभी तक 7690.77 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी के रूप में मिले हैं जबकि 489.65 करोड़ रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में प्राप्त हो चुके हैं। नए कलेक्टर रेट पर 1 सितंबर 2025 से रजिस्ट्री शुरू हुईं थीं। प्रदेश में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक 65104 रजिस्ट्री (डीड) हो चुकी हैं। इन संपत्तियों की कीमत 21768.64 करोड़ थी। प्रदेश सरकार को 1 से 30 सितंबर के बीच 1145.19 करोड़ स्टांप ड्यूटी और 70.82 करोड़ रुपये पंजीकरण शुल्क के प्राप्त हो चुके हैं।
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