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Chandigarh-Haryana News: हरियाणा में माओवादी नेटवर्क 19 साल से सक्रिय, खुफिया तंत्र को दे रहा चुनौती

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प्रदेश में फिर माओवादी गतिविधियों के सामने आने के बाद खुफिया तंत्र खड़े हुए सवाल
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कुलदीप शुक्ला
चंडीगढ़। उत्तर भारत के राज्यों में हरियाणा लंबे समय तक शांत प्रदेश माना जाता रहा है लेकिन अब हरियाणा में माओवादी नेटवर्क की ऐसी परतें सामने आई हैं जो 2007 से लेकर 2025 तक लगातार सक्रिय रहने की ओर इशारा करती हैं। राज्य में हिंसक घटनाएं भले न हुई हों मगर माओवादी संगठन ने हरियाणा को अर्बन मॉड्यूल विकसित करने के लिए सुरक्षित जमीन की तरह इस्तेमाल किया। यह गतिविधि चुपचाप, योजनाबद्ध और बेहद आधुनिक तरीके से चलती रही है। इसका समय-समय पर खुलासा भी होता रहा है। प्रदेश में एक बार फिर माओवादी गतिविधियों के सामने आने के बाद खुफिया तंत्र सवाल खड़े होने लगे हैं।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक हरियाणा कभी माओवादी हिंसा का केंद्र नहीं रहा लेकिन यह उनकी रणनीति का साइलेंट जोन जरूर रहा है। कई बार यहां से छोटे सुराग, गिरफ्तारियां और डिजिटल बरामदगियां सामने आईं जिन्होंने बड़े अर्बन नेटवर्क को उजागर किया। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र निवासी प्रियांशु कश्यप से जुड़े तार एनआईए हरियाणा में खोज रही है। प्रियांशु पहले दिल्ली और फिर रोहतक में पढ़ाई करता था। उसे एनआईए की टीम ने अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था।
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बीती नौ दिसंबर को एनआईए की टीम ने रोहतक की कमल कॉलोनी में प्रियांशु के संबंध में फिजियोथेरेपिस्ट नरेश नरवाल से पूछताछ की थी। चार घंटे पड़ताल के बाद टीम नरेश नरवाल का मोबाइल फोन जब्त कर ले गई। नरेश ने बताया कि प्रियांशु कश्यप उनके पास एक बार थेरेपी लेने आया था। उससे कोई बातचीत नहीं हुई और न बाद में वह आया।
हथियार सप्लाई में तीन को सजा
बीते सप्ताह सिरसा की अदालत के माओवादियों को हथियार सप्लाई करने में गन हाउस मालिक अनिल मिढ़ा समेत तीन लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाना माओवादी नेटवर्क की सक्रियता पर मुहर लगाता है। दोषियों का एक साथी फरार चल रहा है।

कुरुक्षेत्र के सुनील ने किया आत्मसमर्पण
कुरुक्षेत्र के इस्माईलाबाद थाना क्षेत्र के गांव थांदड़ का सुनील उर्फ जगतार सिंह 2004 से माओवादी संगठन से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ में उस पर आठ लाख का ईनामी था। उसने बीती 5 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आत्मसमर्पण कर दिया। सुनील की पत्नी अरीना टेकाम भी माओवादियों के महिला संगठन की सदस्य है। सुनील शिवालिक जनसंघर्ष मंच से जुड़ी गतिविधियों के कारण 2006 और 2008 में भी जेल गया था।
2007 में सामने आया था माओवादियों का नेटवर्क
प्रदेश में माओवादियों पर गहनता से जांच की शुरुआत 2007 में हुई थी। उस समय यमुनानगर पुलिस ने दो माओवादियों को पकड़कर कई हथियार, विस्फोटक सामग्री और नक्सली प्रशिक्षण शिविरों के वीडियो बरामद किए थे। उन्होंने बताया था कि माओवादी हरियाणा में अपना आधार तैयार करना चाहते थे।
शहरी क्षेत्र में बना रहे थे अर्बन बेस
सोनीपत निवासी सेवानिवृत्त डीएसपी क्राइम जगबीर सिंह ने बताया कि उनके कार्यकाल में खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार माओवादी साहित्य, संपर्क और विचारधारा हरियाणा के कुछ शहरी जिलों में फैल रही थी। माओवादी गुट दिल्ली, हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले इलाकों में अर्बन बेस बनाने की लंबी रणनीति पर काम कर रहे थे।
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