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संपत सिंह इनेलो में शामिल: तीन दिन पहले छोड़ी थी कांग्रेस, राष्ट्रीय संरक्षक बनाए गए; वोट चोरी पर खुलकर बोले
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 05 Nov 2025 01:20 PM IST
सार
प्रो. संपत सिंह ने रविवार को कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की थी। कांग्रेस छोड़ने के तीसरे दिन ही वह इनेलो में शामिल हो गए।
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संपत सिंह इनेलो में शामिल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा के पूर्व मंत्री प्रोफेसर संपत सिंह बेटे गौरव संपत के साथ आज इनेलो में शामिल हो गए। इनेलो में शामिल होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने संपत को राष्ट्रीय संरक्षक बनने का ऐलान कर दिया। वहीं उनके बेटे गौरव को भी कोई बड़ी जिम्मेदारी युवा विंग में दी जाएगी।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में संपत सिंह ने आरोप लगाए कि हरियाणा में वोट चोरी होती रही है, ये खेल कांग्रेस ने शुरू किया था। उन्होंने इसके लिए सीधे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाए। उन्होंने राज्यसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि 2022 का उदाहरण कोई भूला नहीं है जब अजय माकन को चुनाव हारना पड़ा था। सुरजेवाला को 2022 में हार का डर था तो उन्हें राजस्थान शिफ्ट होना पड़ा।
उन्होंने कांग्रेस को एक परिवार की तरफ से बंधक बनाए जाने का भी आरोप लगाया और कहा कि वहां नेताओं को अपमानित किया जा रहा है। शैलजा को अपमानित किया गया। 2020 का उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 में सभी 10 लोकसभा सीट हारने के बाद हुड्डा ने 2020 में अपने बेटे को राज्यसभा में भेज दिया। जो कर्मठ नेता थे वह इंतजार करते रहे। कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में वोट ही नहीं टिकट भी चोरी होती हैं, पिछले विधानसभा चुनाव में समय मेरे अलावा रामनिवास घोड़ेला के साथ ऐसा हुआ।
संपत ने कहा कि धनबल और बाहुबल वाले नेताओं को ही टिकट दी गईं। राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर संपत सिंह ने कहा कि किस तरह से राज्यसभा चुनाव में 14 वोट चोरी हुए थे स्याही और पेन तक बदल दिए गए थे।
इनेलो छोड़ने पर सवालों पर संपत ने कहा कि मैं 16 साल पार्टी से दूर रहा, यह मेरी बहुत बड़ी भूल थी और पार्टी छोड़ते समय मेरी आंखों में आंसू थे और आज पश्चाताप के आंसू हैं। कांग्रेस ने मुझे घर बैठाने का काम किया जबकि इनेलो के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने मुझे घर से उठाने का काम किया है।
संपत सिंह ने भाजपा पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में इतना निजीकरण हो गया है कि शिक्षा का बेड़ा गर्क हो गया है। विश्वविद्यालय को अनुदान नहीं मिल रहा और अस्पतालों का भी बुरा हाल है गरीबों को उपचार भी नहीं मिला। विपक्ष भाजपा के कब्जे में आ गया है और किसानों के मुद्दे भूल चुका है। 37 विधायकों वाली पार्टी भी चुप है। इनेलो ने उन्हें एक प्लेटफार्म दिया है। अब वह हर वर्ग की आवाज उठाएंगे संपत ने यह भी बताया कि जब ओपी चौटाला का निधन हुआ तब उन्हें हिसार संभालने के लिए पार्टी की तरफ से कहा गया उसी समय उन्होंने मन बना लिया था कि अब कांग्रेस को छोड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें सम्मान नहीं दिया और अपमानित बार-बार किया गया।
संपत ने इनेलो में बीते दिनों की याद करते हुए कहा कि देवी लाल ने उन्हें हाथ पकड़ कर राजनीति सिखाई वह तो राजनीति में आना नहीं चाहते थे और ना राजनीति के बारे में जानकारी थी। ओम प्रकाश चौटाला ने भी भरपूर मान सम्मान दिया और उन्हें वह हर जिम्मेदारी दी। इनेलो में 16 साल बाद वापसी को लेकर कहा कि अब मैं इस पार्टी को मजबूत करने के साथ ही संगठन जहां कहेगा वही काम करूंगा और जो पुराने साथी हैं उनसे संपर्क करके उनकी वापसी के प्रयास किए जाएंगे।
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इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में संपत सिंह ने आरोप लगाए कि हरियाणा में वोट चोरी होती रही है, ये खेल कांग्रेस ने शुरू किया था। उन्होंने इसके लिए सीधे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाए। उन्होंने राज्यसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि 2022 का उदाहरण कोई भूला नहीं है जब अजय माकन को चुनाव हारना पड़ा था। सुरजेवाला को 2022 में हार का डर था तो उन्हें राजस्थान शिफ्ट होना पड़ा।
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उन्होंने कांग्रेस को एक परिवार की तरफ से बंधक बनाए जाने का भी आरोप लगाया और कहा कि वहां नेताओं को अपमानित किया जा रहा है। शैलजा को अपमानित किया गया। 2020 का उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 में सभी 10 लोकसभा सीट हारने के बाद हुड्डा ने 2020 में अपने बेटे को राज्यसभा में भेज दिया। जो कर्मठ नेता थे वह इंतजार करते रहे। कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में वोट ही नहीं टिकट भी चोरी होती हैं, पिछले विधानसभा चुनाव में समय मेरे अलावा रामनिवास घोड़ेला के साथ ऐसा हुआ।
संपत ने कहा कि धनबल और बाहुबल वाले नेताओं को ही टिकट दी गईं। राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर संपत सिंह ने कहा कि किस तरह से राज्यसभा चुनाव में 14 वोट चोरी हुए थे स्याही और पेन तक बदल दिए गए थे।
इनेलो छोड़ने पर सवालों पर संपत ने कहा कि मैं 16 साल पार्टी से दूर रहा, यह मेरी बहुत बड़ी भूल थी और पार्टी छोड़ते समय मेरी आंखों में आंसू थे और आज पश्चाताप के आंसू हैं। कांग्रेस ने मुझे घर बैठाने का काम किया जबकि इनेलो के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने मुझे घर से उठाने का काम किया है।
संपत सिंह ने भाजपा पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में इतना निजीकरण हो गया है कि शिक्षा का बेड़ा गर्क हो गया है। विश्वविद्यालय को अनुदान नहीं मिल रहा और अस्पतालों का भी बुरा हाल है गरीबों को उपचार भी नहीं मिला। विपक्ष भाजपा के कब्जे में आ गया है और किसानों के मुद्दे भूल चुका है। 37 विधायकों वाली पार्टी भी चुप है। इनेलो ने उन्हें एक प्लेटफार्म दिया है। अब वह हर वर्ग की आवाज उठाएंगे संपत ने यह भी बताया कि जब ओपी चौटाला का निधन हुआ तब उन्हें हिसार संभालने के लिए पार्टी की तरफ से कहा गया उसी समय उन्होंने मन बना लिया था कि अब कांग्रेस को छोड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें सम्मान नहीं दिया और अपमानित बार-बार किया गया।
संपत ने इनेलो में बीते दिनों की याद करते हुए कहा कि देवी लाल ने उन्हें हाथ पकड़ कर राजनीति सिखाई वह तो राजनीति में आना नहीं चाहते थे और ना राजनीति के बारे में जानकारी थी। ओम प्रकाश चौटाला ने भी भरपूर मान सम्मान दिया और उन्हें वह हर जिम्मेदारी दी। इनेलो में 16 साल बाद वापसी को लेकर कहा कि अब मैं इस पार्टी को मजबूत करने के साथ ही संगठन जहां कहेगा वही काम करूंगा और जो पुराने साथी हैं उनसे संपर्क करके उनकी वापसी के प्रयास किए जाएंगे।