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Chandigarh-Haryana News: वीआईपी नंबर के लिए 1.17 करोड़ की बोली लगाने वाले ट्रांसपोर्टर की संपत्ति की होगी जांच
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-परिवहन मंत्री अनिल विज ने आयकर विभाग को जांच के लिए लिखा पत्र
- शुक्रवार को ई-ऑक्शन के दाैरान हिसार के ट्रांसपोर्टर ने लगाई थी सबसे ऊंची बोली
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़/अंबाला। हरियाणा में वीआईपी नंबर के लिए ई-ऑक्शन के दाैरान महंगी बोली लगाकर पीछे हटने वाले ट्रांसपोर्टर की संपत्ति की जांच होगी। परिवहन मंत्री ने आयकर विभाग को पत्र लिखकर बोली लगाने वाले व्यक्ति की आर्थिक क्षमता और आय की जांच करने के लिए कहा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि ऊंची बोली से विभाग को राजस्व का लाभ होता है लेकिन कुछ लोग जिम्मेदारी से बोली लगाने के बजाय सिर्फ शाैक के लिए ऐसा कर रहे हैं।
पिछले शुक्रवार को ई-ऑक्शन में हिसार निवासी ट्रांसपोर्टर सुधीर ने एचआर 88बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इस वीआईपी नंबर की चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल के तहत ऑनलाइन ऑक्शन हुई थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार बेस प्राइज का कुल 20 प्रतिशत शुल्क आवेदन के दाैरान ही जमा कराना होता है। ऐसे में 10 हजार रुपये का शुल्क जमा कराया गया था। नंबर की सबसे ऊंची बोली लगने के बाद सिक्योरिटी राशि जब्त हो गई और शेष रकम संबंधित व्यक्ति ने जमा नहीं कराई। ऐसे में अब यह बोली रद्द हो गई है।
परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि ऊंची बोली लगाने वाले व्यक्ति की संपत्ति और आय की जांच करवाई जाएगी और देखा जाएगा कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता एक करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने लायक थी या नहीं। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को भी पत्र भेजकर विस्तृत जांच के लिए कहा जा रहा है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली न लगा सके।
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ट्रांसपोर्टर ने तीन माह पहले भी लगाई थी बोली, कहा- जांच में करूंगा सहयोग
हिसार निवासी ट्रांसपोर्टर और कर्नाटक में ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने वाली एजेंसी के संचालक सुधीर कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। यदि मंत्री विज ने कोई जांच के आदेश दिए हैं तो वह जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे। सबसे महंगी बोली लगाने के सवाल पर कहा कि उन्हें खुद नहीं पता था कि यह मामला इतना तूल पकड़ेगा और यह भी जानकारी नहीं थी कि यह देश में सबसे महंगी बोली हो सकती है। कहा कि उनकी बाइक का नंबर भी वीआईपी है तब से लगा कि उनके किसी चार पहिया वाहन का नंबर भी बाइक की तरह हो। करीब तीन माह पहले भी वाहन के नंबर के लिए पहली बार बोली लगाई थी और उस दाैरान बोली करीब दो-ढाई लाख रुपये की लगाई थी।
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- शुक्रवार को ई-ऑक्शन के दाैरान हिसार के ट्रांसपोर्टर ने लगाई थी सबसे ऊंची बोली
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़/अंबाला। हरियाणा में वीआईपी नंबर के लिए ई-ऑक्शन के दाैरान महंगी बोली लगाकर पीछे हटने वाले ट्रांसपोर्टर की संपत्ति की जांच होगी। परिवहन मंत्री ने आयकर विभाग को पत्र लिखकर बोली लगाने वाले व्यक्ति की आर्थिक क्षमता और आय की जांच करने के लिए कहा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि ऊंची बोली से विभाग को राजस्व का लाभ होता है लेकिन कुछ लोग जिम्मेदारी से बोली लगाने के बजाय सिर्फ शाैक के लिए ऐसा कर रहे हैं।
पिछले शुक्रवार को ई-ऑक्शन में हिसार निवासी ट्रांसपोर्टर सुधीर ने एचआर 88बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इस वीआईपी नंबर की चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल के तहत ऑनलाइन ऑक्शन हुई थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार बेस प्राइज का कुल 20 प्रतिशत शुल्क आवेदन के दाैरान ही जमा कराना होता है। ऐसे में 10 हजार रुपये का शुल्क जमा कराया गया था। नंबर की सबसे ऊंची बोली लगने के बाद सिक्योरिटी राशि जब्त हो गई और शेष रकम संबंधित व्यक्ति ने जमा नहीं कराई। ऐसे में अब यह बोली रद्द हो गई है।
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परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि ऊंची बोली लगाने वाले व्यक्ति की संपत्ति और आय की जांच करवाई जाएगी और देखा जाएगा कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता एक करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने लायक थी या नहीं। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को भी पत्र भेजकर विस्तृत जांच के लिए कहा जा रहा है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली न लगा सके।
ट्रांसपोर्टर ने तीन माह पहले भी लगाई थी बोली, कहा- जांच में करूंगा सहयोग
हिसार निवासी ट्रांसपोर्टर और कर्नाटक में ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने वाली एजेंसी के संचालक सुधीर कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। यदि मंत्री विज ने कोई जांच के आदेश दिए हैं तो वह जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे। सबसे महंगी बोली लगाने के सवाल पर कहा कि उन्हें खुद नहीं पता था कि यह मामला इतना तूल पकड़ेगा और यह भी जानकारी नहीं थी कि यह देश में सबसे महंगी बोली हो सकती है। कहा कि उनकी बाइक का नंबर भी वीआईपी है तब से लगा कि उनके किसी चार पहिया वाहन का नंबर भी बाइक की तरह हो। करीब तीन माह पहले भी वाहन के नंबर के लिए पहली बार बोली लगाई थी और उस दाैरान बोली करीब दो-ढाई लाख रुपये की लगाई थी।