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Haryana; ट्रैवल एजेंट के खिलाफ अब एडीसी सुनेंगे शिकायत, उपायुक्त जारी करेंगे पंजीकरण प्रमाण पत्र
आशीष वर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:15 AM IST
सार
हरियाणा के कई युवा डंकी रूट के माध्यम से विदेश जाते हैं। इस यात्रा के दौरान अधिकतर युवाओं को तमाम यातनाएं झेलने के साथ मां-बाप की गाढ़ी कमाई भी गंवानी पड़ती है। अब ऐसे सैकड़ों युवाओं को अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है।
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सीएम नायब सैनी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा सरकार ने ट्रैवल एजेंट पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम की अधिसूचना के आठ महीने के बाद सक्षम प्राधिकारियों व लोकपाल की नियुक्ति की है।
गृह विभाग के जारी आदेश के मुताबिक जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) पीड़ित व्यक्तियों की शिकायतों की सुनवाई के लिए लोकपाल के रूप में कार्य करेंगे। वहीं, उपायुक्त (डीसी) अपने-अपने जिलों में ट्रैवल एजेंटों के पंजीकरण के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे। हालांकि अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नियम अभी तक अधिसूचित नहीं किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के कई युवा डंकी रूट के माध्यम से विदेश जाते हैं। इस यात्रा के दौरान अधिकतर युवाओं को तमाम यातनाएं झेलने के साथ मां-बाप की गाढ़ी कमाई भी गंवानी पड़ती है। अब ऐसे सैकड़ों युवाओं को अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है। पिछले कुछ साल से हरियाणा में यह मुद्दा काफी उछला है। इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने आठ महीने पहले युवाओं को सपने दिखाकर अवैध रास्तों से विदेश भेजने वाले अवैध ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए ट्रैवल एजेंट पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम बनाया है।
अधिनियम की धारा 15 के मुताबिक ऐसे पीड़ित अपनी शिकायत लोकपाल के पास दर्ज करवा सकते हैं। वहीं, ट्रैवल एजेंटों को पंजीकरण कराने के लिए उपायुक्तों के पास के आवेदन करना होगा। उपायुक्त जांच के बाद ही पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेंगे। वहीं, आवेदन अस्वीकार करते समय, उन्हें कारण दर्ज करना होगा।
आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों का पुलिस द्वारा सत्यापन किया जाना आवश्यक है। बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र वाले ट्रैवल एजेंटों पर अब शिकंजा कसेगा। इस मामले में दोषी को कम से कम दो वर्ष से लेकर सात वर्ष तक के कारावास की सजा दी जाएगी और उस पर दो लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
गृह विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के लिए संभागीय आयुक्तों को अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नामित किया है। वहीं, जिला आयुक्त किसी ट्रैवल एजेंट का पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर सकते हैं यदि वह भारत के हित या उसकी सुरक्षा के लिए हानिकारक किसी कार्य में लिप्त पाया जाता है या उसमें सहायता करता है। वहीं, मानव तस्करी या जाली दस्तावेज तैयार करने या किसी आपराधिक मामले में न्यायालय की ओर से दोषी ठहराया गया तो उसका पंजीकरण बिना किसी शर्त के रद्द कर दिया जाएगा।
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गृह विभाग के जारी आदेश के मुताबिक जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) पीड़ित व्यक्तियों की शिकायतों की सुनवाई के लिए लोकपाल के रूप में कार्य करेंगे। वहीं, उपायुक्त (डीसी) अपने-अपने जिलों में ट्रैवल एजेंटों के पंजीकरण के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे। हालांकि अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नियम अभी तक अधिसूचित नहीं किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के कई युवा डंकी रूट के माध्यम से विदेश जाते हैं। इस यात्रा के दौरान अधिकतर युवाओं को तमाम यातनाएं झेलने के साथ मां-बाप की गाढ़ी कमाई भी गंवानी पड़ती है। अब ऐसे सैकड़ों युवाओं को अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है। पिछले कुछ साल से हरियाणा में यह मुद्दा काफी उछला है। इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने आठ महीने पहले युवाओं को सपने दिखाकर अवैध रास्तों से विदेश भेजने वाले अवैध ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए ट्रैवल एजेंट पंजीकरण एवं विनियमन अधिनियम बनाया है।
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अधिनियम की धारा 15 के मुताबिक ऐसे पीड़ित अपनी शिकायत लोकपाल के पास दर्ज करवा सकते हैं। वहीं, ट्रैवल एजेंटों को पंजीकरण कराने के लिए उपायुक्तों के पास के आवेदन करना होगा। उपायुक्त जांच के बाद ही पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेंगे। वहीं, आवेदन अस्वीकार करते समय, उन्हें कारण दर्ज करना होगा।
आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों का पुलिस द्वारा सत्यापन किया जाना आवश्यक है। बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र वाले ट्रैवल एजेंटों पर अब शिकंजा कसेगा। इस मामले में दोषी को कम से कम दो वर्ष से लेकर सात वर्ष तक के कारावास की सजा दी जाएगी और उस पर दो लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
मंडलायुक्त के पास कर सकेंगे अपील
अधिनियम की धारा 3 या 7 के तहत सक्षम प्राधिकारी यानी उपायुक्त की ओर से पारित किसी आदेश के खिलाफ कोई भी ट्रैवल एजेंट ऐसे आदेश पारित होने के 90 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील कर सकता है।गृह विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के लिए संभागीय आयुक्तों को अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नामित किया है। वहीं, जिला आयुक्त किसी ट्रैवल एजेंट का पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर सकते हैं यदि वह भारत के हित या उसकी सुरक्षा के लिए हानिकारक किसी कार्य में लिप्त पाया जाता है या उसमें सहायता करता है। वहीं, मानव तस्करी या जाली दस्तावेज तैयार करने या किसी आपराधिक मामले में न्यायालय की ओर से दोषी ठहराया गया तो उसका पंजीकरण बिना किसी शर्त के रद्द कर दिया जाएगा।