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Fatehabad News: बठिंडा से पहुंची मां, सिस्टम ने किया मायूस

संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद Updated Mon, 07 Jul 2025 11:18 PM IST
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A mother came from Punjab to get her only son rid of addiction, could not find a doctor and kept wandering
बेटे को नशे के दलदल से निकालने के लिए उम्मीद की आस लेकर पहुंची बुजुर्ग मांनागरिक अस्पताल मे
फतेहाबाद। नागरिक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में उपचार के लिए पंजाब से भी मरीज पहुंच रहे हैं। सोमवार को एक मां भी इस आस में अपने बेटे को लेकर नशा मुक्ति केंद्र में पहुंची की उसे वहां पर भर्ती करवाकर वह नशा छुड़वाएगी।
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विडंबना देखिए कि वहां पर विशेषज्ञ न होने के कारण बेटे को भर्ती नहीं करवा पाई। काफी देर तक बेटे को लेकर ब्लड बैंक के बाहर ही बैठी रही।
बुजुर्ग महिला ने कहा कि स्टाफ कह रहा है कि डॉक्टर कैंप में गए हैं, इसलिए मंगलवार को आना होगा। बुजुर्ग महिला का कहना है कि वह बठिंडा से यहां पर इकलौते बेटे को दाखिल करवाने के लिए पहुंची थी। मां के अनुसार बेटा नशे का बहुत ज्यादा आदी हो चुका है और वह मुश्किल से उसे बस से लेकर यहां पर आई थी। केंद्र में चिकित्सक के नहीं मिलने पर अब उसे फिर से आना होगा।
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केंद्र में हैं सिर्फ 10 बेड की सुविधा

नागरिक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र को सिर्फ 10 बेड की मंजूरी मिली हुई है। एसपी सिद्धांत जैन की सख्ती के बाद केंद्र में ओपीडी बढ़ी है और दाखिल होने के लिए भी मरीज पहुंच रहे हैं। परंतु हालात यह है कि 10 मरीजों से ज्यादा भर्ती नहीं किए जा सकते। इस बारे में अस्पताल प्रशासन ने रोक लगा रखी है।

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इधर, बंद ओपीडी हुई शुरू

नागरिक अस्पताल में पिछले सात दिन से टीबी रोग विशेषज्ञ, पांच दिन से हड्डी रोग विशेषज्ञ और दो दिन से चर्म रोग विशेषज्ञ की ओपीडी बंद थी। सोमवार को अस्पताल में ओपीडी शुरू हुई तो भीड़ रही। ग्रुप डी में नवचयनित युवा मेडिकल करवाने के लिए टीबी रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचे।

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नशा मुक्ति के संबंध में एक गांव में कैंप लगाया गया था। वहीं सब गए हुए थे। केंद्र में जगह खाली होने पर मरीज दाखिल किए जाते हैं। मरीजों की समय-समय पर काउंसिलिंग की जाती है और फॉलोअप लिया जाता है। केंद्र में दूसरे जिलों के अलावा पंजाब से भी काफी मरीज दाखिल होने के लिए पहुंचते हैं।

- डॉ. गिरीश, मनोचिकित्सक, नशा मुक्ति केंद्र
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