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कभी 100 मीटर भी नहीं चल पाती थीं अवनि नैन, अब पैरालंपिक में जीत चुकीं हैं स्वर्ण पदक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हिसार (हरियाणा)
Published by: रोहतक ब्यूरो
Updated Fri, 23 Oct 2020 01:44 PM IST
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अभ्यास करतीं अवनि नैन।
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एक समय था जब एक विशेष सिंड्रोम के कारण अवनि नैन 100 मीटर तक भी नहीं चल पाती थीं। हालात और समय के साथ अवनि ने अपने सपने बदले और खुद को मजबूती से तैयार किया। अवनि ने इसी वर्ष फरवरी में नेशनल पैरालंपिक की 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता।
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अवनि अब फरवरी-मार्च में बहरीन में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटी हुई हैं। अवनि के पिता कुलबीर नैन शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, जबकि मां गृहिणी हैं। हर शाम मां पूनम ही अवनि को मैदान में अभ्यास के लिए लेकर जाती हैं।
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स्कूलों ने दाखिला देने से कर दिया था इनकार
अवनि के पिता कुलबीर बताते हैं कि अवनि को सेरिब्रल पैल्सि पलसी सिंड्रोम नामक बीमारी है। इसमें शरीर का बैलेंस नहीं बन पाता और पूरे शरीर में कंपन होता है। ऐसे में एक समय था जब अवनि को स्कूल संचालकों ने दाखिला देने से भी इनकार कर दिया था। हाथ में कंपन रहने के कारण वह लिख भी नहीं पाती थीं। बाद में होली एंजल स्कूल ने दाखिला दिया। फिलहाल 12 वर्षीय अवनि 7वीं कक्षा में पढ़ती हैं।
एकता भ्याण ने जगाया था जज्बा
अवनि कहती हैं कि वह एकता भ्याण से मिली तो उन्होंने कहा था कि वह खेलों के क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकती हैं। कोई भी इवेंट चुनें और उसके लिए अभ्यास शुरू करें। इससे उसमें कुछ कर गुजरने का जज्बा जगा और अभ्यास के लिए मैदान में जाने लगी।
इस वर्ष फरवरी में जब छत्तीसगढ़ में हुए राष्ट्रीय पैरालंपिक गेम में हिस्सा लेने पहुंचीं तो उसे यकीन नहीं था कि वह 100 और 200 मीटर इवेंट में स्वर्ण पदक जीत लेगी। अवनि ने कहा कि अब वह खेल में ही अपना कॅरिअर बनाएगी और इसके लिए खूब मेहनत करेगी। अवनि के पिता कहते हैं कि एकता भ्याण से मिलने के बाद उनकी बेटी का नजरिया ही बदल गया है। एकता उसकी बहुत मदद करती हैं।