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Hisar News: सजग और संगठित रहकर संघर्ष जारी रखने पर दिया जोर
संवाद न्यूज एजेंसी, हिसार
Updated Sat, 13 Sep 2025 11:50 PM IST
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नारनौंद की दादा देवराज धर्मशाला में आयोजित सभा में मौजूद जाट समाज के लोग।
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नारनौंद। जाट आरक्षण के लिए चल रही प्रदेशव्यापी यात्रा शनिवार को नारनौंद पहुंची। इस दौरान जाट आरक्षण आंदोलन में जान गंवाने वाले सुनील श्योराण की स्मृति में दादा देवराज धर्मशाला में भाईचारा सम्मेलन और पुण्यतिथि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज के लोगों ने सजग और संगठित रहकर संघर्ष जारी रखने पर जोर दिया।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति और जाट सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दहिया ने कहा कि सुनील श्याेराण ने 13 सितंबर 2010 को छोटी उम्र में सामज के अधिकारों के लिए अपने प्राण कुर्बान कर दिए।
उन्होंने कहा कि यात्रा का मकसद तीन बिंदुओं पर केंद्रित है। पहला जाट समाज के आरक्षण और अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देना, दूसरा प्रदेश की 36 बिरादरी में भाईचारा, एकता को बढ़ाना और तीसरा चौधरी छोटूराम धाम जसिया के निर्माण कार्य को गति देना।
उन्होंने कहा कि धाम केवल एक इमारत नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का केंद्र बनेगा। दहिया ने लोगों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें और पांच अक्तूबर को अधिकतम संख्या में छोटूराम धाम जसिया पहुंचें।
प्रदेश अध्यक्ष गंगाराम श्योराण ने कहा कि सुनील श्योराण ने जिस अधिकार के लिए प्राणों की आहुति दी वह संघर्ष अभी अधूरा है। समाज को सजग और संगठित रहकर इस लड़ाई को जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि भाईचारे और सर्वसमाज की एकजुटता से ही हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
बलवान सुंडा ने कहा कि सुनील श्योराण का बलिदान इस बात का प्रतीक है कि अन्याय के विरुद्ध संघर्ष कभी रुकना नहीं चाहिए। कार्यक्रम में सुनील श्योराण के बड़े भाई अनिल श्योराण को स्मृति चिह्न भेंट किया। नारनौल से समाजसेवी कृष्ण लोहान ने एक लाख रुपये का सहयोग दिया।
इस अवसर पर सूरजमल जागलान, रमेश कुंडू, रामफल चहल, आजाद ढांडा, रामनिवास लोहान, वजीर ढांडा, बलवान लोहान, मास्टर प्रताप आदि मौजूद रहे।
सतीश बने जिलाध्यक्ष-
सम्मेलन में जाट सेवा संघ का संगठनात्मक विस्तार भी किया गया। इसमें हिसार जिला प्रधान बलवान सुंडा को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उनकी जगह सतीश माजरा को हिसार जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

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जाट आरक्षण संघर्ष समिति और जाट सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दहिया ने कहा कि सुनील श्याेराण ने 13 सितंबर 2010 को छोटी उम्र में सामज के अधिकारों के लिए अपने प्राण कुर्बान कर दिए।
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उन्होंने कहा कि यात्रा का मकसद तीन बिंदुओं पर केंद्रित है। पहला जाट समाज के आरक्षण और अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देना, दूसरा प्रदेश की 36 बिरादरी में भाईचारा, एकता को बढ़ाना और तीसरा चौधरी छोटूराम धाम जसिया के निर्माण कार्य को गति देना।
उन्होंने कहा कि धाम केवल एक इमारत नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का केंद्र बनेगा। दहिया ने लोगों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें और पांच अक्तूबर को अधिकतम संख्या में छोटूराम धाम जसिया पहुंचें।
प्रदेश अध्यक्ष गंगाराम श्योराण ने कहा कि सुनील श्योराण ने जिस अधिकार के लिए प्राणों की आहुति दी वह संघर्ष अभी अधूरा है। समाज को सजग और संगठित रहकर इस लड़ाई को जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि भाईचारे और सर्वसमाज की एकजुटता से ही हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
बलवान सुंडा ने कहा कि सुनील श्योराण का बलिदान इस बात का प्रतीक है कि अन्याय के विरुद्ध संघर्ष कभी रुकना नहीं चाहिए। कार्यक्रम में सुनील श्योराण के बड़े भाई अनिल श्योराण को स्मृति चिह्न भेंट किया। नारनौल से समाजसेवी कृष्ण लोहान ने एक लाख रुपये का सहयोग दिया।
इस अवसर पर सूरजमल जागलान, रमेश कुंडू, रामफल चहल, आजाद ढांडा, रामनिवास लोहान, वजीर ढांडा, बलवान लोहान, मास्टर प्रताप आदि मौजूद रहे।
सतीश बने जिलाध्यक्ष-
सम्मेलन में जाट सेवा संघ का संगठनात्मक विस्तार भी किया गया। इसमें हिसार जिला प्रधान बलवान सुंडा को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया। उनकी जगह सतीश माजरा को हिसार जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।