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Hisar News: फर्जी रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट मामले में आर्किटेक्ट की कुंडली खंगालेगा नगर निगम
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हिसार। फर्जी रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट मामले में नगर निगम आर्किटेक्ट की कुंडली खंगालेगा। इसके तहत निगम उन सभी रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट की जांच करेगा, जिनके लिए आवेदन करवाने में उक्त आर्किटेक्ट को हायर किया गया था। इससे पहले आर्किटेक्ट को निगम की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
नगर निगम में एक व्यक्ति ने टीपी स्कीम की एक प्रॉपर्टी को रेगुलराइजेश करवाने के लिए आवेदन किया था। यह प्रॉपर्टी 250 गज की है, जिसे 125-125 गज के दो प्रॉपर्टी में बदलना जाना है। इसके लिए निगम के एनडीसी पोर्टल पर रेगुलाइजेशन सर्टिफिकेट अपलोड किया गया। जब यह फाइल टैक्स ब्रांच में पहुंची तो उनकी तरफ से इसे क्रॉस चेक करवाने के लिए टीपी स्कीम रेगुलराइज करने वाली ब्रांच में भेजा गया। जब रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट की जांच की गई तो यह निगम का रजिस्ट्रेशन नंबर मैच नहीं किया। यही नहीं इस सर्टिफिकेट पर निगम के एक अधिकारी व महिला कर्मचारी के हस्ताक्षर भी फर्जी मिले।
रेगुलराइजेशन की एक फाइल पर मांगी गई थी सलाह
सूत्रों की मानें तो इसी टीपी स्कीम की रेगुलराइजेशन की एक फाइल कुछ समय पहले लगाई गई थी। वह प्रॉपर्टी भी रिहायशी एरिया न होकर स्पेशल पर्पज जोन की थी। इस पर निगम ने उस फाइल को मुख्यालय भेजकर उस पर सलाह मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि इस प्रॉपर्टी का रेगुलाराइजेशन हो ही नहीं सकता, क्योंकि ये प्रॉपर्टी टीपी स्कीम के स्पेशल पर्पज जोन में है।
आर्किटेक्ट के माध्यम से जितनी भी रेगुलराइजेशन की फाइल लगाई गई हैं, उन सभी की जांच करवाई जाएगी।
- शालिनी चेतल, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम।
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नगर निगम में एक व्यक्ति ने टीपी स्कीम की एक प्रॉपर्टी को रेगुलराइजेश करवाने के लिए आवेदन किया था। यह प्रॉपर्टी 250 गज की है, जिसे 125-125 गज के दो प्रॉपर्टी में बदलना जाना है। इसके लिए निगम के एनडीसी पोर्टल पर रेगुलाइजेशन सर्टिफिकेट अपलोड किया गया। जब यह फाइल टैक्स ब्रांच में पहुंची तो उनकी तरफ से इसे क्रॉस चेक करवाने के लिए टीपी स्कीम रेगुलराइज करने वाली ब्रांच में भेजा गया। जब रेगुलराइजेशन सर्टिफिकेट की जांच की गई तो यह निगम का रजिस्ट्रेशन नंबर मैच नहीं किया। यही नहीं इस सर्टिफिकेट पर निगम के एक अधिकारी व महिला कर्मचारी के हस्ताक्षर भी फर्जी मिले।
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रेगुलराइजेशन की एक फाइल पर मांगी गई थी सलाह
सूत्रों की मानें तो इसी टीपी स्कीम की रेगुलराइजेशन की एक फाइल कुछ समय पहले लगाई गई थी। वह प्रॉपर्टी भी रिहायशी एरिया न होकर स्पेशल पर्पज जोन की थी। इस पर निगम ने उस फाइल को मुख्यालय भेजकर उस पर सलाह मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि इस प्रॉपर्टी का रेगुलाराइजेशन हो ही नहीं सकता, क्योंकि ये प्रॉपर्टी टीपी स्कीम के स्पेशल पर्पज जोन में है।
आर्किटेक्ट के माध्यम से जितनी भी रेगुलराइजेशन की फाइल लगाई गई हैं, उन सभी की जांच करवाई जाएगी।
- शालिनी चेतल, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम।