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Jhajjar-Bahadurgarh News: पंचायत पर सरकारी राशि के दुरुपयोग के आरोप
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फोटो 54: सांखोल गांव में लगा गंदगी का ढेर। स्रोत ग्रामीण
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बहादुरगढ़। शहर से सटे साखौल गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जनहित के लिए मिलने वाली विकास राशि स्वार्थहित में खर्च की जा रही है। सरकार की ओर से गांवों के विकास के लिए करीब 1 करोड़ 77 लाख रुपये पंचायत को दिए गए। इसके बावजूद गांव में विकास कार्य नहीं हो पाए।
ग्रामीण भगवान सिंह राठी ने बताया कि करीब दो दशक पहले बिछाई गई पीने के पानी की पाइपलाइन कंडम हो चुकी है। कई स्थानों पर पानी लीकेज हो रहा है लेकिन पंचायत ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
सरकार जहां जोहड़ों के सुंदरीकरण के लिए विशेष सहयोग दे रही ह, वहीं गांव के जोहड़ की खाली जमीन पर डंपिंग सेंटर बना दिया गया है और आसपास गंदगी के ढेर लगे हैं।
ग्रामीणों ने बिजली व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए है। बताया गया कि गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने के निर्देश होने के बावजूद पंचायत ने लाइनें ही नहीं डलवाई, जबकि इसका खर्च बिजली विभाग वहन करता है और सरचार्ज की राशि पंचायत को मिलती है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2023 में बनी कुछ गलियों को दोबारा बनवा दिया गया जबकि जर्जर हो चुकी गलियों की अनदेखी की गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे मामले में बीडीपीओ, ग्राम सचिव और पंचायत अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही हैं। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे।
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ग्रामीण भगवान सिंह राठी ने बताया कि करीब दो दशक पहले बिछाई गई पीने के पानी की पाइपलाइन कंडम हो चुकी है। कई स्थानों पर पानी लीकेज हो रहा है लेकिन पंचायत ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
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सरकार जहां जोहड़ों के सुंदरीकरण के लिए विशेष सहयोग दे रही ह, वहीं गांव के जोहड़ की खाली जमीन पर डंपिंग सेंटर बना दिया गया है और आसपास गंदगी के ढेर लगे हैं।
ग्रामीणों ने बिजली व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए है। बताया गया कि गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने के निर्देश होने के बावजूद पंचायत ने लाइनें ही नहीं डलवाई, जबकि इसका खर्च बिजली विभाग वहन करता है और सरचार्ज की राशि पंचायत को मिलती है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2023 में बनी कुछ गलियों को दोबारा बनवा दिया गया जबकि जर्जर हो चुकी गलियों की अनदेखी की गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे मामले में बीडीपीओ, ग्राम सचिव और पंचायत अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही हैं। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे।