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Jind News: कागजी आदेश गर्म...स्कूलों में ठिठुर रहे नौनिहाल
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03...रोहतक स्थित बाल भवन के पास राजकीय मॉडल माध्यमिक विद्यालय के क्षतिग्रस्त शौचालय। संवाद
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करिश्मा रंगा
रोहतक। कड़ाके की ठंड में सरकारी स्कूलों के नन्हे विद्यार्थी ठिठुरने को विवश हैं। स्कूलों में सुबह खुले स्थान पर प्रार्थना हो रही है। कड़ाके की ठंड में बरामदे में ही कक्षाएं लगाई जा रही हैं। स्कूल में ड्यूल डेस्क कम होने के कारण विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ती है। एक-एक ड्यूल डेस्क पर तीन-तीन बच्चे बैठाए जा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय की ओर से बच्चों को ठंड से बचाने के निर्देश बेअसर नजर आ रहे हैं।
कैसी है पाठशाला अभियान के तहत शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल जनता कॉलोनी व मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक की पड़ताल की गई तो ये चिंताजनक हालात सामने आए हैं।
वीरवार सुबह 9:30 बजे टीम जनता कॉलोनी स्थित माॅडल संस्कृति स्कूल पहुंची। यहां विद्यार्थी खुले मैदान में एकत्रित नजर आए। ठंडी हवा के बीच बच्चों ने खुले स्थान पर ही प्रार्थना की। मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक में भी ठंड से बचाव के ठोस इंतजाम नजर नहीं आए।
कमरों के बजाय बरामदे में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। मिड-डे मील के साथ गुनगुना पानी देने के निर्देश भी सिर्फ कागजों तक सीमित दिखे। स्कूल में बच्चे मजबूरी में वाटर कूलर का ठंडा पानी पीते नजर आए।
स्कूल प्रशासन ने कमरों की कमी का हवाला देते हुए बरामदे में बच्चों को पढ़ाने की मजबूरी बयां की। सवाल यह है कि जब सर्दी चरम पर है, तब बच्चों को इस तरह खुले स्थानों पर बैठाकर पढ़ाना कितना सुरक्षित है? कई कक्षाएं खुले बरामदों में संचालित हो रही हैं। संवाद
नियमित सफाई न होने से शौचालय गंदगी से अटे मिले
शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को निर्देश जारी किया था कि छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था हो व उसका उचित रखरखाव किया जाए। मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक में सबसे गंभीर स्थिति लड़कियों के शौचालयों की देखने को मिली। नियमित सफाई न होने से शौचालय गंदगी से अटे पड़े थे।
वर्जन
शिक्षा निदेशालय के निर्देशों का पालन सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य है। यदि कहीं भी लापरवाही सामने आई है तो संबंधित स्कूलों से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। बच्चों की सेहत और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। -दिलजीत सिंह, डीईईओ रोहतक
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रोहतक। कड़ाके की ठंड में सरकारी स्कूलों के नन्हे विद्यार्थी ठिठुरने को विवश हैं। स्कूलों में सुबह खुले स्थान पर प्रार्थना हो रही है। कड़ाके की ठंड में बरामदे में ही कक्षाएं लगाई जा रही हैं। स्कूल में ड्यूल डेस्क कम होने के कारण विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ती है। एक-एक ड्यूल डेस्क पर तीन-तीन बच्चे बैठाए जा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय की ओर से बच्चों को ठंड से बचाने के निर्देश बेअसर नजर आ रहे हैं।
कैसी है पाठशाला अभियान के तहत शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल जनता कॉलोनी व मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक की पड़ताल की गई तो ये चिंताजनक हालात सामने आए हैं।
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वीरवार सुबह 9:30 बजे टीम जनता कॉलोनी स्थित माॅडल संस्कृति स्कूल पहुंची। यहां विद्यार्थी खुले मैदान में एकत्रित नजर आए। ठंडी हवा के बीच बच्चों ने खुले स्थान पर ही प्रार्थना की। मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक में भी ठंड से बचाव के ठोस इंतजाम नजर नहीं आए।
कमरों के बजाय बरामदे में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। मिड-डे मील के साथ गुनगुना पानी देने के निर्देश भी सिर्फ कागजों तक सीमित दिखे। स्कूल में बच्चे मजबूरी में वाटर कूलर का ठंडा पानी पीते नजर आए।
स्कूल प्रशासन ने कमरों की कमी का हवाला देते हुए बरामदे में बच्चों को पढ़ाने की मजबूरी बयां की। सवाल यह है कि जब सर्दी चरम पर है, तब बच्चों को इस तरह खुले स्थानों पर बैठाकर पढ़ाना कितना सुरक्षित है? कई कक्षाएं खुले बरामदों में संचालित हो रही हैं। संवाद
नियमित सफाई न होने से शौचालय गंदगी से अटे मिले
शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को निर्देश जारी किया था कि छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था हो व उसका उचित रखरखाव किया जाए। मॉडल मिडिल स्कूल रोहतक में सबसे गंभीर स्थिति लड़कियों के शौचालयों की देखने को मिली। नियमित सफाई न होने से शौचालय गंदगी से अटे पड़े थे।
वर्जन
शिक्षा निदेशालय के निर्देशों का पालन सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य है। यदि कहीं भी लापरवाही सामने आई है तो संबंधित स्कूलों से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। बच्चों की सेहत और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। -दिलजीत सिंह, डीईईओ रोहतक

03...रोहतक स्थित बाल भवन के पास राजकीय मॉडल माध्यमिक विद्यालय के क्षतिग्रस्त शौचालय। संवाद

03...रोहतक स्थित बाल भवन के पास राजकीय मॉडल माध्यमिक विद्यालय के क्षतिग्रस्त शौचालय। संवाद