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Kaithal News: मोहाली मोर्चरी में 7 दिन बाद मिला कैथल के लापता कारोबारी का शव
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:56 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल/मोहाली। मोहाली के फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव को लेकर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। कैथल (हरियाणा) निवासी और सेक्टर-51 पुलिस सोसाइटी में रहने वाले 44 वर्षीय कारोबारी कुलबीर बागड़ी की बॉडी 5 नवंबर को अस्पताल में रखी गई थी, लेकिन 12 नवंबर को परिजनों को इसकी सूचना दी गई। सुबह 10 बजे परिजन मॉर्चरी पहुंचे तो शव देखा।
मृतक के भाई सुधीर बागड़ी ने बताया कि भाई के सिर पर चोट थी, पैर पीले पड़ गए थे और निकर में पेशाब था। सात दिन तक शव मोर्चरी में रखा रहा और किसी ने हमें सूचित नहीं किया।
कमेठी गठित करने का आश्वासन ः मृतक के करीबी दोस्त अमित दीवान ने मामले की जानकारी एम्स की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. भवनीत भारती को दी। उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए कहा है कि घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है। कमेटी जो अस्पताल स्तर पर सभी पहलुओं की पड़ताल करेगी। जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों को नहीं दी सूचना ः परिजनों और दोस्तों ने उसी दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन न तो पुलिस ने परिवार को सूचित किया न ही अस्पताल प्रशासन ने शव की पहचान की कोशिश की। परिजन अब यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या शव को सही तरीके से संरक्षित किया गया था, क्योंकि सात दिन बाद उसकी हालत बेहद खराब थी। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कुलबीर की मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी। फिर शव को मॉर्चरी में रख दिया गया और परिवार को सूचना देने में भारी लापरवाही बरती गई।
सैर के लिए निकले, फिर नहीं लौटे
कुलबीर 5 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे सैर के लिए निकले थे। उनका मोबाइल सुबह 9:23 बजे बंद हो गया था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, सुबह सेक्टर-51 में टहलते समय वे अचानक गिर पड़े थे और एक अज्ञात ऑटो चालक उन्हें सिविल अस्पताल फेज-6 लेकर पहुंचा था। लेकिन बाद में पता चला कि ऑटो चालक का नाम, पता और नंबर फर्जी हैं। इस कारण अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच सेक्टर-32, चंडीगढ़ ले गए है, जहां पोस्टमार्टम के बाद मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा।
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कैथल/मोहाली। मोहाली के फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव को लेकर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। कैथल (हरियाणा) निवासी और सेक्टर-51 पुलिस सोसाइटी में रहने वाले 44 वर्षीय कारोबारी कुलबीर बागड़ी की बॉडी 5 नवंबर को अस्पताल में रखी गई थी, लेकिन 12 नवंबर को परिजनों को इसकी सूचना दी गई। सुबह 10 बजे परिजन मॉर्चरी पहुंचे तो शव देखा।
मृतक के भाई सुधीर बागड़ी ने बताया कि भाई के सिर पर चोट थी, पैर पीले पड़ गए थे और निकर में पेशाब था। सात दिन तक शव मोर्चरी में रखा रहा और किसी ने हमें सूचित नहीं किया।
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कमेठी गठित करने का आश्वासन ः मृतक के करीबी दोस्त अमित दीवान ने मामले की जानकारी एम्स की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. भवनीत भारती को दी। उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए कहा है कि घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है। कमेटी जो अस्पताल स्तर पर सभी पहलुओं की पड़ताल करेगी। जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों को नहीं दी सूचना ः परिजनों और दोस्तों ने उसी दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन न तो पुलिस ने परिवार को सूचित किया न ही अस्पताल प्रशासन ने शव की पहचान की कोशिश की। परिजन अब यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या शव को सही तरीके से संरक्षित किया गया था, क्योंकि सात दिन बाद उसकी हालत बेहद खराब थी। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कुलबीर की मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी। फिर शव को मॉर्चरी में रख दिया गया और परिवार को सूचना देने में भारी लापरवाही बरती गई।
सैर के लिए निकले, फिर नहीं लौटे
कुलबीर 5 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे सैर के लिए निकले थे। उनका मोबाइल सुबह 9:23 बजे बंद हो गया था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, सुबह सेक्टर-51 में टहलते समय वे अचानक गिर पड़े थे और एक अज्ञात ऑटो चालक उन्हें सिविल अस्पताल फेज-6 लेकर पहुंचा था। लेकिन बाद में पता चला कि ऑटो चालक का नाम, पता और नंबर फर्जी हैं। इस कारण अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच सेक्टर-32, चंडीगढ़ ले गए है, जहां पोस्टमार्टम के बाद मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा।