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Kaithal News: दो लोगों को तीन साल की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:55 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। अतिरिक्त सेशन जज डॉ. नंदिता कौशिक की अदालत ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बिजली निगम के कांट्रेक्चुअल एएलएम समेत दो आरोपियों को तीन-तीन साल कैद और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने तीसरे आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
यह मामला गांव मलिकपुर निवासी जसबीर सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस अंबाला में 10 जून 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया था। जसबीर ने बताया था कि उसके खेत में 25 केवी का ट्रांसफार्मर लगा था, जबकि उसकी मोटर का लोड 30 केवी का था। ओवरलोड की वजह से ट्रांसफार्मर जल गया था। उसने 31 मई 2022 को अपनी माता रेशमा देवी के नाम से नया 63 केवी ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए एसडीओ बिजली बोर्ड सीवन को आवेदन दिया था।
आरोप के अनुसार, इस काम के लिए बिजली निगम के कांट्रेक्चुअल एएलएम परमजीत उर्फ पम्मा ने उससे 9 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। जसबीर ने इस संबंध में राज्य चौकसी ब्यूरो अंबाला को शिकायत दी। डीएसपी अजय कुमार की अगुवाई में विजिलेंस टीम ने जसबीर के सहयोग से जाल बिछाया और जैसे ही परमजीत ने 9 हजार रुपये लिए, टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। मौके से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली गई।
पूछताछ में परमजीत ने बताया कि इस जालसाजी में पवन कुमार माली और मदन लाल भी शामिल थे। विजिलेंस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया। मामले में कुल 27 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कांट्रेक्चुअल एएलएम सीवन निवासी परमजीत उर्फ पम्मा और माली पवन सीवन को दोषी ठहराया तथा दोनों को तीन-तीन साल की सजा और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड का आदेश दिया। वहीं, कैथल निवासी मदन लाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। दोनों दोषियों ने अर्थदंड की राशि अदालत में जमा करवा दी है।
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कैथल। अतिरिक्त सेशन जज डॉ. नंदिता कौशिक की अदालत ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बिजली निगम के कांट्रेक्चुअल एएलएम समेत दो आरोपियों को तीन-तीन साल कैद और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने तीसरे आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
यह मामला गांव मलिकपुर निवासी जसबीर सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस अंबाला में 10 जून 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया था। जसबीर ने बताया था कि उसके खेत में 25 केवी का ट्रांसफार्मर लगा था, जबकि उसकी मोटर का लोड 30 केवी का था। ओवरलोड की वजह से ट्रांसफार्मर जल गया था। उसने 31 मई 2022 को अपनी माता रेशमा देवी के नाम से नया 63 केवी ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए एसडीओ बिजली बोर्ड सीवन को आवेदन दिया था।
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आरोप के अनुसार, इस काम के लिए बिजली निगम के कांट्रेक्चुअल एएलएम परमजीत उर्फ पम्मा ने उससे 9 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। जसबीर ने इस संबंध में राज्य चौकसी ब्यूरो अंबाला को शिकायत दी। डीएसपी अजय कुमार की अगुवाई में विजिलेंस टीम ने जसबीर के सहयोग से जाल बिछाया और जैसे ही परमजीत ने 9 हजार रुपये लिए, टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। मौके से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली गई।
पूछताछ में परमजीत ने बताया कि इस जालसाजी में पवन कुमार माली और मदन लाल भी शामिल थे। विजिलेंस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया। मामले में कुल 27 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कांट्रेक्चुअल एएलएम सीवन निवासी परमजीत उर्फ पम्मा और माली पवन सीवन को दोषी ठहराया तथा दोनों को तीन-तीन साल की सजा और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड का आदेश दिया। वहीं, कैथल निवासी मदन लाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। दोनों दोषियों ने अर्थदंड की राशि अदालत में जमा करवा दी है।