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सरकार को तबादला नीति पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए : डॉ. सुरेश राविश
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:21 AM IST
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राजौंद। शिक्षा विभाग की ऑनलाइन तबादला नीति, जो कई वर्षों से लागू है, अब विफल होती नजर आ रही है। इस संबंध में राज्य सचिव डॉ. सुरेश राविश ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में किसी भी अध्यापक का तबादला नहीं हुआ है। विशेष रूप से जेबीटी अध्यापकों के लंबे समय से तबादले नहीं होने से सरकारी विद्यालयों में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
डॉ. राविश ने बताया कि कुछ विद्यालयों में छात्रों की संख्या अत्यधिक है, जबकि अध्यापक कम हैं। यह स्थिति सेवानिवृत्त अध्यापकों और पदोन्नति प्राप्त अध्यापकों के स्थानांतरण न होने के कारण बनी है। वहीं, कई विद्यालयों में अध्यापक अधिक हैं और छात्र कम हैं, जिससे अध्यापकों का वर्कलोड असमान हो गया है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बच्चों और अध्यापकों दोनों के साथ अन्याय है। सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से तबादला नीति लागू करे ताकि सभी अध्यापकों और छात्रों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
राविश ने बताया कि कई अध्यापक लंबे समय से अपने गृह जिले और परिवार से दूर कार्यरत हैं, जबकि उनके घर के पास ही संबंधित पद खाली हैं। कुछ अध्यापक पदोन्नति के बाद अन्य जिलों में या 200 से 300 किलोमीटर दूर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि शीघ्र सभी अध्यापकों के तबादले सुनिश्चित किए जाएं और ऐसे पीड़ित अध्यापकों को अपने गृह जिले या घर के पास स्थानांतरण का अवसर दिया जाए।
डॉ. राविश ने बताया कि कुछ विद्यालयों में छात्रों की संख्या अत्यधिक है, जबकि अध्यापक कम हैं। यह स्थिति सेवानिवृत्त अध्यापकों और पदोन्नति प्राप्त अध्यापकों के स्थानांतरण न होने के कारण बनी है। वहीं, कई विद्यालयों में अध्यापक अधिक हैं और छात्र कम हैं, जिससे अध्यापकों का वर्कलोड असमान हो गया है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बच्चों और अध्यापकों दोनों के साथ अन्याय है। सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से तबादला नीति लागू करे ताकि सभी अध्यापकों और छात्रों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
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राविश ने बताया कि कई अध्यापक लंबे समय से अपने गृह जिले और परिवार से दूर कार्यरत हैं, जबकि उनके घर के पास ही संबंधित पद खाली हैं। कुछ अध्यापक पदोन्नति के बाद अन्य जिलों में या 200 से 300 किलोमीटर दूर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि शीघ्र सभी अध्यापकों के तबादले सुनिश्चित किए जाएं और ऐसे पीड़ित अध्यापकों को अपने गृह जिले या घर के पास स्थानांतरण का अवसर दिया जाए।