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Karnal News: गला जकड़ रही सर्दी, हर रोज 25 बच्चे पहुंच रहे अस्पताल
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Thu, 04 Dec 2025 01:54 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। मौसम में बदलाव के साथ बच्चों में गले के संक्रमण के मामले बढ़े हैं। जिला नागरिक अस्पताल की बाल रोग और ईएनटी ओपीडी में पिछले कुछ दिनों से हर चार में से एक बच्चा स्ट्रेप थ्रोट के लक्षणों के साथ पहुंच रहा है। गले में दर्द, सूजन, तेज बुखार और निगलने में समस्या से बच्चे परेशान हैं।
जिला नागरिक अस्पताल से ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. जयवर्धन ने बताया कि स्ट्रेप थ्रोट एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से फैलता है। अचानक तेज बुखार, गले में तेज दर्द, टॉन्सिल में सूजन और सफेद परत जमना इसके लक्षण हैं। समय पर इलाज न हो तो यह कान के संक्रमण या साइनस तक बढ़ सकता है। डॉ. जयवर्धन के अनुसार यह गले का बैक्टीरियल संक्रमण है, जो बच्चों में अधिक फैलता है। खांसने-छींकने से निकलने वाले कणों के जरिए तेजी से दूसरे बच्चों तक पहुंच सकता है। भीड़भाड़ वाली जगहों, स्कूलों और बंद कमरों में यह संक्रमण ज्यादा फैलता है।
कानों के पीछे दर्द भी है लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुनीष प्रुथी ने बताया कि इन दिनों ओपीडी में गले में खराश के सबसे अधिक केस आ रहे हैं। गला जाम होना, सूजन आना और छोटे बच्चों का खाने को निगलने में दिक्कत और कानों के पीछे दर्द होने जैसे लक्षण लेकर अभिभावक बच्चों को ला रहे हैं। अधिकतर 4-5 साल से ऊपर की उम्र के बच्चे होते हैं।
ईएनटी ओपीडी में रोज 50 मरीज
डॉ. जयवर्धन ने बताया कि ईएनटी ओपीडी में गले की इस परेशानी से जुड़े रोज करीब 50 मरीज आ रहे हैं। इनमें से आधी संख्या 6 से 17 साल की है। इसके अलावा, कई कामकाजी लोग शामिल हैं या युवा वर्ग जो बाजार के ठंडे उत्पादों का सेवन करते हैं।
लक्षण
गले में तीखा दर्द। टॉन्सिल्स का सूजना व लाल होना। बुखार और शरीर में कमजोरी। निगलने में दर्द। गर्दन की ग्रंथियों का फूलना। गले में सफेद परत दिखाई देना।
ध्यान रखेंईएनटी विशेषज्ञ डॉ. जयवर्धन ने बताया कि बच्चों को ठंडी चीजें कम दें। रखा हुआ ठंडा पानी नहीं पीने दें। परेशानी होने पर सबसे पहले पानी गरम कर पिलाएं और गरारे करवाएं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। खुद से दवाई न लें। हाथ धोने की आदत पर जोर दें और खांसी या जुकाम से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
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करनाल। मौसम में बदलाव के साथ बच्चों में गले के संक्रमण के मामले बढ़े हैं। जिला नागरिक अस्पताल की बाल रोग और ईएनटी ओपीडी में पिछले कुछ दिनों से हर चार में से एक बच्चा स्ट्रेप थ्रोट के लक्षणों के साथ पहुंच रहा है। गले में दर्द, सूजन, तेज बुखार और निगलने में समस्या से बच्चे परेशान हैं।
जिला नागरिक अस्पताल से ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. जयवर्धन ने बताया कि स्ट्रेप थ्रोट एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से फैलता है। अचानक तेज बुखार, गले में तेज दर्द, टॉन्सिल में सूजन और सफेद परत जमना इसके लक्षण हैं। समय पर इलाज न हो तो यह कान के संक्रमण या साइनस तक बढ़ सकता है। डॉ. जयवर्धन के अनुसार यह गले का बैक्टीरियल संक्रमण है, जो बच्चों में अधिक फैलता है। खांसने-छींकने से निकलने वाले कणों के जरिए तेजी से दूसरे बच्चों तक पहुंच सकता है। भीड़भाड़ वाली जगहों, स्कूलों और बंद कमरों में यह संक्रमण ज्यादा फैलता है।
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कानों के पीछे दर्द भी है लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुनीष प्रुथी ने बताया कि इन दिनों ओपीडी में गले में खराश के सबसे अधिक केस आ रहे हैं। गला जाम होना, सूजन आना और छोटे बच्चों का खाने को निगलने में दिक्कत और कानों के पीछे दर्द होने जैसे लक्षण लेकर अभिभावक बच्चों को ला रहे हैं। अधिकतर 4-5 साल से ऊपर की उम्र के बच्चे होते हैं।
ईएनटी ओपीडी में रोज 50 मरीज
डॉ. जयवर्धन ने बताया कि ईएनटी ओपीडी में गले की इस परेशानी से जुड़े रोज करीब 50 मरीज आ रहे हैं। इनमें से आधी संख्या 6 से 17 साल की है। इसके अलावा, कई कामकाजी लोग शामिल हैं या युवा वर्ग जो बाजार के ठंडे उत्पादों का सेवन करते हैं।
लक्षण
गले में तीखा दर्द। टॉन्सिल्स का सूजना व लाल होना। बुखार और शरीर में कमजोरी। निगलने में दर्द। गर्दन की ग्रंथियों का फूलना। गले में सफेद परत दिखाई देना।
ध्यान रखेंईएनटी विशेषज्ञ डॉ. जयवर्धन ने बताया कि बच्चों को ठंडी चीजें कम दें। रखा हुआ ठंडा पानी नहीं पीने दें। परेशानी होने पर सबसे पहले पानी गरम कर पिलाएं और गरारे करवाएं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। खुद से दवाई न लें। हाथ धोने की आदत पर जोर दें और खांसी या जुकाम से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।