{"_id":"69309c1a1a5d96c2310ee4f1","slug":"disposal-factory-owner-hanged-himself-to-death-was-a-gold-checker-in-the-bank-karnal-news-c-18-knl1018-793829-2025-12-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Karnal News: डिस्पोजल फैक्टरी मालिक ने फंदा लगाकर दी जान, बैंक में थे गोल्ड चेकर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Karnal News: डिस्पोजल फैक्टरी मालिक ने फंदा लगाकर दी जान, बैंक में थे गोल्ड चेकर
विज्ञापन
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। रामनगर क्षेत्र में मंगलवार शाम को एक डिस्पोजल फैक्टरी के मालिक और बैंक में गोल्ड चेकर की नौकरी करने वाले रविंद्र मेहता (50) ने फैक्टरी में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन को सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने पर रामनगर थाने की पुलिस टीम और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। बुधवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया।
पुलिस के अनुसार रविंद्र मेहता एक प्राइवेट बैंक (गोल्ड लोन कंपनी) में भी नौकरी करते थे। उन्होंने अपनी फैक्टरी में काम करने वाली महिला कर्मचारी सीमा के नाम पर तीन माह पूर्व 13 लाख रुपये का ऋण लिया था। मंगलवार सुबह बैंक के कर्मचारी सीमा के घर पहुंचे। कर्मचारियों ने बताया कि सीमा ने लोन लिया हुआ है और जो गहने बैंक में गिरवी रखे हैं वह नकली हैं। ऋण गोल्ड लोन कंपनी से ही लिया गया था। रविंद्र ने ही गहने रखे थे। पुलिस के अनुसार रविंद्र इसी परेशानी में थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इसी परेशानी के चलते फंदा लगाकर उन्होंने अपनी जिंदगी समाप्त की है
-- -- -
बैंक में गोल्ड चेकर था रविंद्र मेहता, फैक्ट्री कर्मचारी सीमा पर करता था भरोसा
सीमा ने बताया कि वह फैक्ट्री में चार साल से काम कर रही हैं। रविंद्र सोमवार से ही बहुत परेशान हो रहे थे। मंगलवार को 12 बजे आए और बोले कि फैक्टरी बंद कर दो। जब उन्होंने कारण पूछा तो रविंद्र ने बोला कि मैंने बोला है ना फैक्टरी बंद कर दो। सीमा ने बताया कि इसके बाद फैक्टरी बंद कर दी और वह खुद चाबी लेकर घर की तरफ चलने लगी। जब थोड़ा आगे पहुंची तो उन्होंने आवाज लगाकर चाबी मांग ली, इसके बाद वह घर चली गई थीं। सीमा ने बताया कि रविंद्र ने उनके नाम पर बैंक से लोन लिया था। जिसके बारे में उसे पता था। बैंक वाले सोमवार शाम को उनके घर पर आए और बताया कि आपके नाम पर लोन है और जो सोना बैंक में रखा गया है वह नकली है। सीमा ने बताया कि उसे नहीं पता था कि रविंद्र ने नकली सोना बैंक में रखा है। सीमा ने बताया कि जिस बैंक में रविंद्र काम करते थे, वहां पर वह गोल्ड चेक करने का भी काम करते थे। उन्होंने ही वहां से लोन लिया और सोना रख दिया। पैसे सीमा के खाते में आए थे। उन्होंने निकलवाकर रविंद्र को दे दिए थे।
-- -- -
फैक्टरी मालिक रविंद्र मेहता ने मंगलवार दोपहर बाद कर्मचारियों की छुट्टी की। मुख्य गेट का ताला लगाया और फिर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। लोन से संबंधित बात सामने आई है, उस पहलू पर भी जांच की जा रही है। -महावीर सिंह, थाना प्रभारी, रामनगर थाना
Trending Videos
करनाल। रामनगर क्षेत्र में मंगलवार शाम को एक डिस्पोजल फैक्टरी के मालिक और बैंक में गोल्ड चेकर की नौकरी करने वाले रविंद्र मेहता (50) ने फैक्टरी में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन को सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने पर रामनगर थाने की पुलिस टीम और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। बुधवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया।
पुलिस के अनुसार रविंद्र मेहता एक प्राइवेट बैंक (गोल्ड लोन कंपनी) में भी नौकरी करते थे। उन्होंने अपनी फैक्टरी में काम करने वाली महिला कर्मचारी सीमा के नाम पर तीन माह पूर्व 13 लाख रुपये का ऋण लिया था। मंगलवार सुबह बैंक के कर्मचारी सीमा के घर पहुंचे। कर्मचारियों ने बताया कि सीमा ने लोन लिया हुआ है और जो गहने बैंक में गिरवी रखे हैं वह नकली हैं। ऋण गोल्ड लोन कंपनी से ही लिया गया था। रविंद्र ने ही गहने रखे थे। पुलिस के अनुसार रविंद्र इसी परेशानी में थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इसी परेशानी के चलते फंदा लगाकर उन्होंने अपनी जिंदगी समाप्त की है
विज्ञापन
विज्ञापन
बैंक में गोल्ड चेकर था रविंद्र मेहता, फैक्ट्री कर्मचारी सीमा पर करता था भरोसा
सीमा ने बताया कि वह फैक्ट्री में चार साल से काम कर रही हैं। रविंद्र सोमवार से ही बहुत परेशान हो रहे थे। मंगलवार को 12 बजे आए और बोले कि फैक्टरी बंद कर दो। जब उन्होंने कारण पूछा तो रविंद्र ने बोला कि मैंने बोला है ना फैक्टरी बंद कर दो। सीमा ने बताया कि इसके बाद फैक्टरी बंद कर दी और वह खुद चाबी लेकर घर की तरफ चलने लगी। जब थोड़ा आगे पहुंची तो उन्होंने आवाज लगाकर चाबी मांग ली, इसके बाद वह घर चली गई थीं। सीमा ने बताया कि रविंद्र ने उनके नाम पर बैंक से लोन लिया था। जिसके बारे में उसे पता था। बैंक वाले सोमवार शाम को उनके घर पर आए और बताया कि आपके नाम पर लोन है और जो सोना बैंक में रखा गया है वह नकली है। सीमा ने बताया कि उसे नहीं पता था कि रविंद्र ने नकली सोना बैंक में रखा है। सीमा ने बताया कि जिस बैंक में रविंद्र काम करते थे, वहां पर वह गोल्ड चेक करने का भी काम करते थे। उन्होंने ही वहां से लोन लिया और सोना रख दिया। पैसे सीमा के खाते में आए थे। उन्होंने निकलवाकर रविंद्र को दे दिए थे।
फैक्टरी मालिक रविंद्र मेहता ने मंगलवार दोपहर बाद कर्मचारियों की छुट्टी की। मुख्य गेट का ताला लगाया और फिर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। लोन से संबंधित बात सामने आई है, उस पहलू पर भी जांच की जा रही है। -महावीर सिंह, थाना प्रभारी, रामनगर थाना