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Karnal News: और दूषित हुई हवा, 258 पर पहुंच गया एक्यूआई
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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। शहर की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर की ओर बढ़ गई है। चार दिन तक राहत मिलने के बाद मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक अचानक 258 तक पहुंच गया। यह स्तर ऑरेंज जोन में माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक श्रेणी है। इससे पहले 28 नवंबर से एक दिसंबर तक एक्यूआई 200 से नीचे दर्ज किया गया था।
हवा का स्तर बढ़ने की वजह शहर के कूड़े में आग लगाना और वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ खुलेआम पड़ी निर्माण सामग्री को माना जा रहा है। इनसे उड़ती धूल ठंड के मौसम में हवा को दूषित करने का काम कर रही है। ठंड बढ़ने से हवा का ठहराव भी एक्यूआई बढ़ाने की मुख्य वजह में से एक है। 28 नवंबर को एक्यूआई 183, 29 को 133, 30 को 115 और एक दिसंबर को 194 दर्ज किया गया। रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा सबसे अधिक रहती है। कम हवा चलने, तापमान में गिरावट और धूल के जमीन पर बैठने के बजाय ऊपर ठहर जाने के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ जाता है। यही वजह है कि सुबह लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश होने लगती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा का स्तर बिगड़ने को बच्चों, बुजुर्गों और दमा रोगियों के लिए खतरा बताया है।
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से डॉ. अभिनव डागर बताते हैं कि दमा और एलर्जी के मरीजों को बाहर निकलते समय मास्क पहनना जरूरी हैं। सुबह खुली हवा में घूमने से बचें। बच्चे और बुजुर्ग लंबे समय तक बाहर न रुकें। आंखों और गले में जलन होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के एसडीओ रणदीप सिंधू ने शहरवासियों से अपील की है कि वे कूड़ा न जलाएं। निर्माण सामग्री को ढककर रखें। वाहन चालकों को अनावश्यक रूप से इंजन बंद रखने चाहिए।
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करनाल। शहर की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर की ओर बढ़ गई है। चार दिन तक राहत मिलने के बाद मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक अचानक 258 तक पहुंच गया। यह स्तर ऑरेंज जोन में माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक श्रेणी है। इससे पहले 28 नवंबर से एक दिसंबर तक एक्यूआई 200 से नीचे दर्ज किया गया था।
हवा का स्तर बढ़ने की वजह शहर के कूड़े में आग लगाना और वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ खुलेआम पड़ी निर्माण सामग्री को माना जा रहा है। इनसे उड़ती धूल ठंड के मौसम में हवा को दूषित करने का काम कर रही है। ठंड बढ़ने से हवा का ठहराव भी एक्यूआई बढ़ाने की मुख्य वजह में से एक है। 28 नवंबर को एक्यूआई 183, 29 को 133, 30 को 115 और एक दिसंबर को 194 दर्ज किया गया। रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा सबसे अधिक रहती है। कम हवा चलने, तापमान में गिरावट और धूल के जमीन पर बैठने के बजाय ऊपर ठहर जाने के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ जाता है। यही वजह है कि सुबह लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश होने लगती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा का स्तर बिगड़ने को बच्चों, बुजुर्गों और दमा रोगियों के लिए खतरा बताया है।
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कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से डॉ. अभिनव डागर बताते हैं कि दमा और एलर्जी के मरीजों को बाहर निकलते समय मास्क पहनना जरूरी हैं। सुबह खुली हवा में घूमने से बचें। बच्चे और बुजुर्ग लंबे समय तक बाहर न रुकें। आंखों और गले में जलन होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के एसडीओ रणदीप सिंधू ने शहरवासियों से अपील की है कि वे कूड़ा न जलाएं। निर्माण सामग्री को ढककर रखें। वाहन चालकों को अनावश्यक रूप से इंजन बंद रखने चाहिए।